Monday, August 8, 2016

गौरक्षकों के खिलाफ कार्यवाही और गौ-हत्यारा के लिए सब्सिडी

🚩#गौरक्षक के लिए एक्शन और #गौ-हत्यारा के लिए सब्सिडी???
🚩क्या यही #विकास नीति है?
🚩#हिन्दुस्तान में #गौरक्षा की बात बड़े-बड़े #महात्माओं, #संतों, #समाजसेवियों, #राजनेताओं ने की है, आगे बढ़कर #समर्थन भी किया है । #स्वामी_दयानंद_सरस्वती, श्री #देवराहा_बाबा, श्री #लाला_लाजपतराय, मदनमोहन मलावीयजी,#महात्मा_गांधी, आचार्य विनोबा भावे आदि अनेक संत-#महापुरुषों ने गो-संरक्षण हेतु अथक प्रयास भी किये ।
लेकिन वर्तमान में #पीएम #मोदी ने काफी कठोर शब्दों का प्रयोग किया है #गौरक्षकों के संदर्भ में । उन्होंने बिना किसी गुंजाइश के सभी गौरक्षकों को लपेट दिया,  वो भी उन्हें जिन्होंने गायों को बचाने के लिए अपनी जानें दी हैं।
🚩संत विनोवा भावे ने कहा था कि 'अगर हम #हिंदुस्तान में गौरक्षा नहीं कर सके, तो आजादी के कोई मायने ही नहीं होते। जिस तरह मैंने वेदों का चिन्तन किया है, उसी तरह कुरान और बाइबिल का भी किया है। उन दोनों #धर्मों में ऐसी कोई बात नहीं है कि गाय का बलिदान हो। इसलिए मैं कहता हूँ कि हमारे #सेक्यूलर स्टेट में गौरक्षा होनी चाहिए।'
🚩#नेशनल #सैंपल सर्वे ऑफिस (#एनएसएसओ) ने 2015 में जो डाटा दिया था, उसके अनुसार, 'आठ करोड़ #भारतीय_बीफ या #भैंस का #मांस खाते हैं। उनमें छह करोड़, 34 लाख #मुसलमान, और सवा करोड़ हिंदू बीफ या बफेलो खाते हैं। #एनएसएसओ के मुताबिक कुल मुस्लिम आबादी का 40 प्रतिशत बीफ या बफेलो का #मांस खाते हैं, उसके अलावा साढ़े छब्बीस फीसदी #ईसाइयों की फुड हैबिट यही है।
Jago Hindustani  Action Against cow Saviors subsidy to cow slaughterers

🚩#पशु कल्याण के लिए सरकार ने 1962 में 28 सदस्यीय एनीमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया (#एडब्ल्यूबीआई) का गठन किया था जिसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के जरिये फंड भेजा जाता है। 2011-12 में #एडब्ल्यूबीआई के लिए 21.7  करोड़ रुपये का आबंटन हुआ था, 2015-16 में यह राशि घटकर 7.8 करोड़ हो गई है। देश भर में चार हजार से अधिक #गौशालाओं में साढ़े तीन करोड़ गौवंश हैं। एडब्ल्यूबीआई के #चेयरमैन, डॉ. आर.एम. खर्ब के मुताबिक, 'एक गाय पर रोज का ख़र्चा कम से कम सौ रुपये है, मगर #केंद्र_सरकार से जो अनुदान राशि मिल रही है, उससे गौशालाओं में संरक्षित एक गाय के हिस्से साल में सिर्फ दो रुपये आते हैं।' यह है गाय पर #राजनीति करने वाली सरकार का असली चेहरा!
🚩इसके ठीक उलट सरकार ने देश भर के #कसाईघरों को आधुनिक बनाने के वास्ते 2002 में दसवीं पंचवर्षीय योजना के तहत 5 हजार 137 करोड़ की राशि का आबंटन किया था, ताकि बीफ  एक्सपोर्ट में हम पीछे न रह जाएं। देश का दुर्भाग्य है कि #कसाईघरों के आधुनिकीकरण पर हम हजारों करोड़ खा रहे हैं, मगर पशुओं के #संरक्षण के वास्ते #सरकार के खजाने में पैसे नहीं हैं।
🚩#मोदी_सरकार आने के बाद पहला बजट में पास किया गया जिसमे कत्लखाने खोलने के लिए 15 करोड़ सब्सिडी प्रदान की जाती है ।
2014 में  4.8 अरब डॉलर का बीफ एक्सपोर्ट हुआ था । 2015 में भी #भारत, 2.4 मिलियन टन बीफ #एक्सपोर्ट कर #दुनिया में नंबर वन बन गया।
🚩#गाय के नाम पर वोट पाने वाली #सरकार गाय के लिए क्या कर ही है ये उपर्युक्त #आँकड़े से स्पष्ट है । हजारों कसाई लाखों गायों को हर साल काट रहे हैं उन्हें गुंडा नहीं बोला गया । सरकार को एक सर्वे करवाकर यह पता लगाना चाहिए कि कौन सी ‘दुकानें' ऐसी हैं जो गौरक्षा के नाम पर गाय का मांस बेच रही हैं।
🚩#भाजपा शासित #राज्यों में अब # गौ रक्षकों पर लगाम कसा जाएगा।
🚩#पार्टी #अध्यक्ष अमित शाह 23 अगस्त को #राज्य #संगठन और 27 अगस्त को पार्टी शासित राज्यों के #मुख्यमंत्रियों के साथ होने वाली बैठक में इस मामले पर गंभीर विचार-विमर्श करैंगे।
🚩भाजपा का कहना है कि गोरक्षा के नाम पर विभिन्न राज्यों में हुई घटनाओं में हिंदू महासभा, #शिवसेना सहित कई ऐसे संगठनों के नाम सामने आए है ।
🚩गौरक्षा पर #पीएम के बयान से #गोरक्षक और #संत समाज नाराज है। काशी सुमेरु पीठ के #शंकराचार्य स्वानमी #नरेंद्रांनद_सरस्वैती ने कहा, 'क्यों #प्रधानमंत्री नहीं देख सकते कि दिल्ली  के पाँच सितारा होटलों में गाय का मांस बिक रहा है? #पंजाब में गाय के स्तनों में हवा और #दूध ठूंसा जा रहा है,  क्या प्रधानमंत्री को यह नहीं दिखता ?  एक तरफ, उनकी अंतरात्मा कहती है कि गौशालाओं को बंद नहीं किया जाएगा और अब प्रधानमंत्री कहते हैं कि गौरक्षा के नाम पर चल रही दुकानों को बंद किया जाना चाहिए। यह गायों का देश है और उनकी रक्षा होनी ही चाहिए। प्रधानमंत्री का बयान आपत्तिजनक है और गायों की हत्या को बढ़ावा देता है। गौरक्षा करनेवाले दुकानें नहीं चलाते। वे गायों की रक्षा के लिए अपनी जान तक बलिदान कर देते हैं।'
🚩#हिंदू_महासभा के स्वामी #चक्रपाणि ने कहा कि'पीएम ने किस आधार पर 80 फीसदी गौरक्षकों को गुंडा करार दिया है। इसके लिए वो पीएम को लीगल #नोटिस भेजेंगे।' वहीं हिंदू महासभा के राष्ट्रीय #प्रेसीडेंट #चंद्रप्रकाश कौशिक ने कहा कि 'नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनने के काबिल ही नहीं है। वह वाजपेयी की तरह उसी तरह लौटेंगे जिस तरह वह 2004 में लौटे थे ।
🚩'#गुजरात में विश्व हिन्दू परिषद ने प्रेस नोट जारी करते लिखा कि '1 लाख से ज्यादा गायों का क़त्ल हो रही है, बावजूद कड़ा कानून नहीं है। गौरक्षक गुंडों के वेश में आते हैं, इस बयान से गौरक्षकों को सदमा लगा है। एक लाख गायों को हत्या करने वाले कसाई गुंडे नहीं और गौरक्षल गुंडे ? #हिन्दू समाज को आपका यह परिवर्तन समझ में नहीं आ रहा। गायों को प्लास्टिक खाने से रोकने के लिए आपकी सरकारों के #मुख्यमंत्रियों ने क्या किया? अगर 80% गौरक्षक फर्जी हैं तो आपके 10 साल के शासन में आपने न्यायिक प्रक्रिया के तहत कितने लोगों को दंड दिया?'
🚩जब सत्ता में बैठे लोग कानून और संविधान की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं और ढिलाई बरतते है तो गोरक्षक को तो आगे आना ही पड़ेगा । स्वामी अखिलेश्वरानंद ने कहा कि गोरक्षक का नाराज होना जायज है जब गाय की हत्या की जाए,उसे गाड़ियों में मारकर ले जाया जाए। अगर गाय को लेकर सख्त कानून बन जाये तो प्रदेश में इसकी स्मगलिंग को रोका जा सकता है। 
🚩#गाय के नाम पर भाजपा के लिए वोट माँगनेवाली #राष्ट्रीय #स्वयंसेवक संघ भी मोदी के सुर में सुर मिलाया ।
🚩#गौमाता हमारे लिए कितना उपयोगी है। लिंक पर पढ़े
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🚩भारत में प्रतिदिन लगभग 50 हजार गायें बड़ी बेरहमी से काटी जा रही हैं । 1947 में गोवंश की जहाँ 60 नस्लें थीं, वहीं आज उनकी संख्या घटकर 33 ही रह गयी है । हमारी अर्थव्यवस्था का आधार गाय है और जब तक यह बात हमारी समझ में नहीं आयेगी तबतक भारत की गरीबी मिटनेवाली नहीं है । गोमांस विक्रय जैसे जघन्य पाप के द्वारा दरिद्रता हटेगी नहीं बल्कि बढ़ती चली जायेगी । गौवध को रोकें और गोपालन कर गोमूत्ररूपी विषरहित कीटनाशक तथा दुग्ध का प्रयोग करें । गोवंश का संवर्धन कर देश को मजबूत करें । भारतीय गायों के मूत्र में पूरी दुनियाँ की गायों से ज्यादा रोगप्रतिरोधक शक्ति है । ब्राजील और मेक्सिको में भारत के गोवंशों को आदर्श माना जाता है । वे भारतीय गोवंश का आयात कर इनसे लाभान्वित हो रहे हैं । यदि कार्यपालिका,विधायिका व न्यायापालिका अपने स्तर पर गायों को संरक्षित करने की पहल करें तो लोग कानून को हाथ में लेने की कोशिश नहीं करेंगे । अतः समस्या को समाधान करने की कोशिश होनी चाहिए न कि गंदी राजनीति के द्वारा केवल सत्ता हथियाने की कोशिश । यदि यही नीति जारी रही तो जनता को जबाव देने भी आता है ?
🚩अतः सरकार जल्द से जल्द गौ माता की रक्षा के लिए #कानून बनायें । जिससे सारे झगडें खत्म हो जाये ।
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