Wednesday, November 30, 2016

सिंधु सेना : संत आसारामजी बापू के खिलाफ मुकदमा होना साजिश, जमानत न होना बड़ी साजिश

सिंधु सेना : संत आसारामजी बापू के खिलाफ मुकदमा होना साजिश, जमानत न होना बड़ी साजिश
जोधपुर जेल में बिना सबूत 39 महीनों से बन्द संत आसारामजी बापू को अभीतक जमानत नही मिलने पर जोधपुर में सिंधु सेना ने प्रेस कान्फ्रेंस करके उनकी शीघ्र रिहाई की मांग की है ।
आइये जानते हैं कि सिंधी समाज के सिंधु सेना के राष्ट्रीय महासचिव श्री विजय पेशवानी ने प्रेस कान्फ्रेंस में क्या कहा...
उन्होंने कहा कि हमारे पूजनीय संत पूज्य श्री आसारामजी बापू पर 33 माह पुराना केस लगा हुआ है ।
मैं कहना चाहता हूँ कि हमारे हिंदुस्तान के अंदर, इस लोकतंत्र के अंदर FIR होना मतलब आरोप सिद्ध नही हो जाता है ।
सिंधु सेना : संत आसारामजी बापू के खिलाफ मुकदमा होना साजिश, जमानत न होना बड़ी साजिश

आरोप अभी तक साबित हुआ नहीं है, कोर्ट ने उनको अभी दोषी नहीं माना है, ट्रायल चल रहा है, 39 महीने से अधिक समय हो गया पूज्य संत श्री आशारामजी बापू को जमानत क्यों नहीं ?
इस प्रकार का केस, इस प्रकार की FIR क्या पूरे हिंदुस्तान में पहली FIR है ???
क्या इस प्रकार की FIR पर पहले किसी की जमानत नहीं हुई है ???
पूज्य संत आसारामजी बापू को पहले धमकियाँ मिलती रही, इतने करोड़ दो नहीं तो मुकदमा चलायेगें ।
पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के खिलाफ मुकदमा होना, यह साजिश का हिस्सा है और उनकी आज तक जमानत न होना, यह उससे भी बड़ी साजिश का हिस्सा है ।
ऐसे संत महापुरुष, जिन्होंने अपनी 70-80  साल की उम्र में इस देश को, इस समाज को ऐसी-ऐसी सेवाएँ दी...हिंदुत्व के नाते, गौरक्षा के लिए ।
उनकी इतनी सेवाओं को गोल कर दिया गया एक मुकदमें के ऊपर ।
क्या यह मुकदमा बड़ा हो गया ?
उनकी दी गयी सेवाएँ, उनके किये गये कार्य छोटे हो गये ?
मैं पूछना चाहता हूँ इस लोकतंत्र के अंदर क्या जमानत माँगना अपराध है ?
मुकदमा दर्ज होना, मुकदमें की ट्रायल चलना, जमानत आज तक न हो पाना...मैं आप से इसका कारण पूछना चाहता हूँ ।
इस लोकतंत्र के अंदर जमानत मांगना अपराध है ?
जमानत मांगने पर बापूजी बाहर आते हैं तो कौन से मुकदमें को कैसे प्रभावित कर सकते हैं ?
आप ही मुझे बताए..!!
मैं मीडिया के माध्यम से कहना चाहता हूँ वो आदरणीय इस देश के अंदर हैं । वो आदरणीय ऐसे ही इस देश के अंदर नहीं बनें ।
उनमें कुछ न कुछ कला होगी, उन्होंने देश को कुछ दिया होगा, उन्होंने भक्तिभाव हिंदुत्व के नाम पर इस देश की सेवा की है। अच्छे लोगों को अच्छे रास्ते दिखाए हैं, शराब जैसे बुरी चीजें,अफीम जैसी बुरी चीजें , नशे जैसी बुरी चीजें उनसे छुड़वाई हैं।
उनका अपराध यही है कि वो एक हिन्दू एक देश भक्त हैं, एक सेवक हैं, समाज के एक अग्रणी व्यक्तिओं में हैं । कुछ देशद्रोही ऐसे हैं जिनका हो सकता है बहुत बड़ा नुकसान हुआ हो ।
हिन्दू जो है वो इसाई धर्म की तरफ लंपट हो रहे थे । आसारामजी बापू ने पहला प्रयास किया हिन्दू को ईसाई बनने से रोका है । उनको उस समय से धमकियाँ मिल रही हैं।
मैं सबसे पहले ये कहना चाहता हूँ कि जो यहाँ षड़यंत्र रच रहे हैं, वो क्या आसारामजी बापू को जेल के अंदर ही बिना सजा मिले माफ करना चाहते हैं ? मुकदमा चलना मुकदमें की ट्रायल चलना जमानत अभी तक न मिलना । 
मैं ये कहना चाहता हूँ कि उनके विरुद्ध के जो सारे गवाह थे उन सबके बयान हो गये हैं अब सारे उनके पक्ष के गवाह चल रहे हैं, तो क्या अब भी वो बाहर आने से किसी को प्रभावित कर सकते हैं  ?
या आपने बिना गवाह के, बिना decision के उनको आरोपी मान लिया अब उनको अंदर रखेगें बाहर नहीं निकालेंगे चाहे केस का फैसला हो या जमानत हो । 
वो आदमी किस तरह से फेस कर रहा होगा 39 महीनों से, कितनी बड़ी उम्र के हैं ।
मैं वो रिपोर्ट भी लाया हूँ जहाँ कुछ हुआ ही नहीं है ।
मीडिया से भ्रमित होने से पहले सत्य को जानना चाहिए । 39 महीनें से कोई बेवजह जेल में है।
हमको रोना आता है इस देश की मीडिया पर, रोना आता है इस बात पर कि एक आदमी ने प्रक्रिया रच कर कितने दिलों को ठेस पहुँचाई है ।
आगे सिंधु सेवा राष्ट्रीय संरक्षक देवानंद फेरवानी ने बताया कि मेरा इस केस से कोई लेना-देना नहीं था । हमारे समाज में अनेक युवाओं का कहना है कि आसारामजी बापू को सजा हो गई है वो उलटा हमसे बहस कर रहे हैं । अब उनको समझाने के लिए हमें प्रूफ करना पड़ता है, हमारे पास प्रुफ होते नहीं हैं । हमें भी पता नहीं है सजा हुई है या नहीं । हमें इस केस की बिलकुल जानकारी नही थी।
हमने तत्काल कहा हम जोधपुर जाएगें जोधपुर मददगारियों से इस केस की जानकारी लेगें ।
हमने आज तक की जो परिस्थितियां देखी हैं , आज तक की जो बात सुनी वो अच्छी थी, बाहर की बातें गलत थी । हमारा केवल मकसद ये जो सच्चाई है वही हो । उनकी उम्र 80 साल की है । उनको जल्द से जल्द रिहा करो ।
आगे बताया कि आसारामजी बापू को जल्द से जल्द जमानत मिले 3 साल हो चुके हैं और उनको जमानत मिले इस लिये इस देश में सिंधु सेना हस्ताक्षर का अभियान चलाने जा रही है ।
देश की जनता क्या चाहती है,
देश की जनता का कितना समर्थन है ,
और कितने लोग जानते है सही और गलत ।जल्द से जल्द फैसला हो इस केस का ।
श्री विजय पेशवानी ने कहा कि जिन लोगों को बापूजी के अंदर रहने से फायदा होता है वो साजिश करता हैं जिन लोगो को बापूजी के बाहर रहने से नुकसान होता है वो ही साजिश करता हैं...!!
आपको बता दें कि जोधपुर के बाद सतना (मध्य प्रदेश) में भी सिन्धु सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके शीघ्र रिहा करने की माँग उठाई है ।
गौरतलब है कि तीन साल से अधिक समय हो गया संत आसारामजी बापू को क्लीनचिट मिले हुए ।
पर फिर भी बिना सबूत आज तक जेल में रखा गया है जिससे सिंधु सेना ने आक्रोश दिखाते हुये प्रेस कॉन्फेंस बुला संत आसारामजी बापू की शीघ्र रिहाई की मांग उठाई है ।

Tuesday, November 29, 2016

आज आम आदमी कोर्ट जाने से डरता है क्योंकि उसे पता है केस करूँगा तो फैसला जल्दी आने वाला नही है

आम आदमी का सवाल :
150 वर्षों की न्याय यात्रा में हमें क्या मिला...???
इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्थापना के 150 गौरवशाली वर्षों और इसके भवन के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हाईकोर्ट जश्न मना रहा है।
तमाम समारोहों और कार्यक्रम के जरिए इन गौरवशाली वर्षों और उपलब्धियों को याद किया जा रहा है ।
मगर इन सबके बीच आम आदमी यह भी पूछा रहा है कि इन डेढ़ सौ वर्षों की यात्रा में उसे क्या हासिल हुआ...???
आम जनता की ओर से यह सवाल इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने उठाया है।
मुख्य न्यायाधीश और बार एसोसिएशन को लिखे पत्र में जस्टिस अग्रवाल ने आम वादकारी (फरियादकर्ता) के हित में कदम उठाने की अपील भी की है।
शनिवार को आयोजित शताब्दी समारोह के मौके पर आम वादकारी (फरियादकर्ता) को भूलने पर चिंता जाहिर करते हुए जस्टिस अग्रवाल ने कहा है कि आम आदमी यह पूछ रहा है कि इन 150 वर्षों की न्याय यात्रा में उसे क्या हासिल हुआ ? सिवाए मुकदमों के फैसलों का वर्षों इंतजार करने और तारीखें गिनने के। 
हाईकोर्ट में लाखों मुकदमेँ विचाराधीन हैं और वादकारी (फरियादकर्ता) दशकों से न्याय की आस लगाए हैं। हमें कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे जनता को एहसास हो कि न्यायपालिका अविलंब न्याय देने को लेकर गंभीर है।
Azaad Bharat - आम आदमी का सवाल :150 वर्षों की न्याय यात्रा में हमें क्या मिला...???

जस्टिस अग्रवाल ने सुझाव दिया है कि क्यों न डेढ़ सौ स्थापना वर्ष पूरे होने से पूर्व हम अगले वर्ष 17 जनवरी से 17 मार्च के बीच पड़ने वाले हर शनिवार को अदालत खुली रखें और इस दौरान 2010 से पहले के मुकदमों को निपटाया जाए। इन दिनों में नए मुकदमों की सुनवाई न की जाए। ऐसा करके हम हजारों पुराने मुकदमों को निपटा सकते हैं।
पत्र में उन्होंने कहा है कि समारोह में अपनी उपलब्धियां याद करते समय हम वादकारियों (फरियादकर्ताओं) को भी उसमें शामिल करें। उन्हें पता चलना चाहिए कि जिनके लिए इस न्यायपालिका का गठन हुआ उनके लिए भी हम कुछ करना चाहते हैं। 
उन्होंने शनिवार को काम करने का प्रस्ताव पारित करने का सुझाव देते हुए कहा है कि यदि हम न्याय देने में गति ला सकें तो वह इस समारोह वर्ष की उपलब्धि होगी। 
जस्टिस अग्रवाल ने पत्र की प्रतियां मुख्य न्यायधीश दिलीप बी भोसले के अलावा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्षों को भी भेजी हैं।
जस्टिस अग्रवाल ने जो प्रश्न उठायें वो सही में सरहानीय कदम है जस्टिस अग्रवाल की तरह आज सभी न्यायधीश हो जायें तो एक भी मुकदमा बाकि नही रहेगा और सभी को शीघ्र न्याय मिलेगा ।
आज आम आदमी कोर्ट जाने से डरता है क्योंकि उसे पता है केस करूँगा तो फैसला जल्दी आने वाला नही है , सालों तक चक्कर काटते रहो फिर भी मिलती है तो बस अगली तारीख, न्याय नही मिलता । 
न्याय मिलने में महीने नही सालों लग जाते हैं । न्याय पाने के लिए व्यक्ति अपना घर, जमीन, गहने तक बेच देता है लेकिन फिर भी उसको मिलती है तो सिर्फ अगली तारीख.....
कई बार तो न्याय की आस में कोर्ट के चक्कर काटते काटते जिंदगी पूरी हो जाती है लेकिन न्याय नही मिल पाता है ।
और कहावत है कि "लंबे समय तक न मिलने वाला न्याय अन्याय ही है" ये बात 100% सही भी है ।
कोई किसी पर झूठा आरोप लगा दे और उसे जेल में धकेल दिया जाये फिर उसको जमानत तक नही मिल पाये और वर्षों तक बिना अपराध सिद्ध जेल में रहने के बाद उसको निर्दोष बरी किया जाये तो कैसा लगेगा...???
उसका समय, इज्जत व पैसा वापिस कौन लौटा पायेगा...???
कई बार तो पैसा नही होने की वजह से वकील की फीस तक नही दे पाते हैं इसलिए भी जमानत नही हो पाती है और वर्षो तक जेल में रहना पड़ता है ।
दूसरी और षड़यंत्र के तहत निर्दोष हिन्दू साधु-संतों और हिंदुत्वनिष्ठों के साथ भी ऐसा ही किया जा रहा है ।
जैसे 9 साल से साध्वी प्रज्ञा, 7 साल से स्वामी असीमानन्द, 7 साल से स्वामी अमृतानन्द, 7 साल से कर्नल पुरोहित, 3 साल से संत आसारामजी बापू, 3 साल से नारायण साईं, 2 साल से धनंजय देसाई आदि जेल में हैं ।
जिन पर आज तक एक भी अपराध सिद्ध नही हुआ है लेकिन उनको जमानत तक नही मिल पा रही है ।
इसमें से साध्वी प्रज्ञा और संत आसारामजी बापू को तो क्लीन चिट भी मिल गई है फिर भी जमानत नही मिल पा रही है ।
क्या इनका यही कसूर था कि हिन्दू संस्कृति की रक्षा के लिए ये तन-मन-धन से लगे थे इसलिए उनको जमानत नही दी जा रही है???
जब इन सुप्रसिद्ध संतों को जमानत नही मिल रही है तो आम जनता कैसे विश्वास करें न्यायालय पर ?
जल्दी न्याय नही मिलने पर आम जनता का न्याय प्रणाली पर से भरोसा उठ रहा है। सरकार और न्यायप्रणाली को इस ओर ध्यान देना चाहिए ।

आम आदमी का सवाल :150 वर्षों की न्याय यात्रा में हमें क्या मिला...???

आम आदमी का सवाल :
150 वर्षों की न्याय यात्रा में हमें क्या मिला...???
इलाहाबाद हाईकोर्ट की स्थापना के 150 गौरवशाली वर्षों और इसके भवन के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हाईकोर्ट जश्न मना रहा है।
तमाम समारोहों और कार्यक्रम के जरिए इन गौरवशाली वर्षों और उपलब्धियों को याद किया जा रहा है ।
मगर इन सबके बीच आम आदमी यह भी पूछा रहा है कि इन डेढ़ सौ वर्षों की यात्रा में उसे क्या हासिल हुआ...???
आम जनता की ओर से यह सवाल इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने उठाया है।
मुख्य न्यायाधीश और बार एसोसिएशन को लिखे पत्र में जस्टिस अग्रवाल ने आम वादकारी (फरियादकर्ता) के हित में कदम उठाने की अपील भी की है।
शनिवार को आयोजित शताब्दी समारोह के मौके पर आम वादकारी (फरियादकर्ता) को भूलने पर चिंता जाहिर करते हुए जस्टिस अग्रवाल ने कहा है कि आम आदमी यह पूछ रहा है कि इन 150 वर्षों की न्याय यात्रा में उसे क्या हासिल हुआ ? सिवाए मुकदमों के फैसलों का वर्षों इंतजार करने और तारीखें गिनने के। 
हाईकोर्ट में लाखों मुकदमेँ विचाराधीन हैं और वादकारी (फरियादकर्ता) दशकों से न्याय की आस लगाए हैं। हमें कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे जनता को एहसास हो कि न्यायपालिका अविलंब न्याय देने को लेकर गंभीर है।
Azaad Bharat - आम आदमी का सवाल :150 वर्षों की न्याय यात्रा में हमें क्या मिला...???

जस्टिस अग्रवाल ने सुझाव दिया है कि क्यों न डेढ़ सौ स्थापना वर्ष पूरे होने से पूर्व हम अगले वर्ष 17 जनवरी से 17 मार्च के बीच पड़ने वाले हर शनिवार को अदालत खुली रखें और इस दौरान 2010 से पहले के मुकदमों को निपटाया जाए। इन दिनों में नए मुकदमों की सुनवाई न की जाए। ऐसा करके हम हजारों पुराने मुकदमों को निपटा सकते हैं।
पत्र में उन्होंने कहा है कि समारोह में अपनी उपलब्धियां याद करते समय हम वादकारियों (फरियादकर्ताओं) को भी उसमें शामिल करें। उन्हें पता चलना चाहिए कि जिनके लिए इस न्यायपालिका का गठन हुआ उनके लिए भी हम कुछ करना चाहते हैं। 
उन्होंने शनिवार को काम करने का प्रस्ताव पारित करने का सुझाव देते हुए कहा है कि यदि हम न्याय देने में गति ला सकें तो वह इस समारोह वर्ष की उपलब्धि होगी। 
जस्टिस अग्रवाल ने पत्र की प्रतियां मुख्य न्यायधीश दिलीप बी भोसले के अलावा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्षों को भी भेजी हैं।
जस्टिस अग्रवाल ने जो प्रश्न उठायें वो सही में सरहानीय कदम है जस्टिस अग्रवाल की तरह आज सभी न्यायधीश हो जायें तो एक भी मुकदमा बाकि नही रहेगा और सभी को शीघ्र न्याय मिलेगा ।
आज आम आदमी कोर्ट जाने से डरता है क्योंकि उसे पता है केस करूँगा तो फैसला जल्दी आने वाला नही है , सालों तक चक्कर काटते रहो फिर भी मिलती है तो बस अगली तारीख, न्याय नही मिलता । 
न्याय मिलने में महीने नही सालों लग जाते हैं । न्याय पाने के लिए व्यक्ति अपना घर, जमीन, गहने तक बेच देता है लेकिन फिर भी उसको मिलती है तो सिर्फ अगली तारीख.....
कई बार तो न्याय की आस में कोर्ट के चक्कर काटते काटते जिंदगी पूरी हो जाती है लेकिन न्याय नही मिल पाता है ।
और कहावत है कि "लंबे समय तक न मिलने वाला न्याय अन्याय ही है" ये बात 100% सही भी है ।
कोई किसी पर झूठा आरोप लगा दे और उसे जेल में धकेल दिया जाये फिर उसको जमानत तक नही मिल पाये और वर्षों तक बिना अपराध सिद्ध जेल में रहने के बाद उसको निर्दोष बरी किया जाये तो कैसा लगेगा...???
उसका समय, इज्जत व पैसा वापिस कौन लौटा पायेगा...???
कई बार तो पैसा नही होने की वजह से वकील की फीस तक नही दे पाते हैं इसलिए भी जमानत नही हो पाती है और वर्षो तक जेल में रहना पड़ता है ।
दूसरी और षड़यंत्र के तहत निर्दोष हिन्दू साधु-संतों और हिंदुत्वनिष्ठों के साथ भी ऐसा ही किया जा रहा है ।
जैसे 9 साल से साध्वी प्रज्ञा, 7 साल से स्वामी असीमानन्द, 7 साल से स्वामी अमृतानन्द, 7 साल से कर्नल पुरोहित, 3 साल से संत आसारामजी बापू, 3 साल से नारायण साईं, 2 साल से धनंजय देसाई आदि जेल में हैं ।
जिन पर आज तक एक भी अपराध सिद्ध नही हुआ है लेकिन उनको जमानत तक नही मिल पा रही है ।
इसमें से साध्वी प्रज्ञा और संत आसारामजी बापू को तो क्लीन चिट भी मिल गई है फिर भी जमानत नही मिल पा रही है ।
क्या इनका यही कसूर था कि हिन्दू संस्कृति की रक्षा के लिए ये तन-मन-धन से लगे थे इसलिए उनको जमानत नही दी जा रही है???
जब इन सुप्रसिद्ध संतों को जमानत नही मिल रही है तो आम जनता कैसे विश्वास करें न्यायालय पर ?
जल्दी न्याय नही मिलने पर आम जनता का न्याय प्रणाली पर से भरोसा उठ रहा है। सरकार और न्यायप्रणाली को इस ओर ध्यान देना चाहिए ।

Monday, November 28, 2016

18 बड़ी दवा कंपनियों ड्रग टेस्ट में हुई फ़ैल: हो जाएँ सावधान



अंग्रेजी दवाइयों से सावधान : सात राज्यों के टेस्ट में फेल हुईं

दवा बनाने वाली 18 बड़ी कंपनियाँ दवा नियामकों के टेस्ट में फेल हो गई हैं।
महाराष्ट्र, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, गोवा, गुजरात, केरल और आंध्र प्रदेश इन सात राज्यों में दवा नियामकों ने टेस्ट करवाया था।
इन सात राज्यों के दवा नियामकों ने 27 दवाओं में गुणवत्ता पर खरा न उतरने, गलत लेबल लगाने समेत कई अन्य खामियां निकाली हैं ।
जिन कंपनियों पर, दवाओं के मानकों पर खरा न उतरने का आरोप है उनमें एबॉट इंडिया, ग्लैक्सो स्मिथकलाइन इंडिया, सन फार्मा, सिप्ला, ग्लेनमार्क जैसी बड़ी कंपनियों के नाम शामिल हैं। 

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इन 18 कंपनियों में दवा बनाने वाली वो दो कंपनियां भी शामिल हैं जो बिक्री के मामले में प्रतिस्पर्धी कंपनियों से कहीं आगे हैं।
टेस्ट पर खरा न उतरने के बाद दो कंपनियों ने बाजार में अपनी दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है।
एबॉट इंडिया की एंटीबायोटिक दवा पेंटाइड्स, एलेम्बिक की एल्थ्रोसिन, कैडिला फार्मा की वासाग्रेन, ग्लेनमार्क फार्मा की सिरफ एस्कॉरिल, टॉरेंट फार्मा की डिलजेम दवा पर दवा नियामकों ने सवाल उठाए हैं।
इसके अलावा 10 अन्य कंपनियों पर भी खराब दवाओं को बेचने का आरोप है। 
सावधान ! आप जो जहरीली अंग्रेजी दवाइयाँ खा रहे हैं उनके परिणाम का भी जरा विचार कर लें।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने पूर्व भारत सरकार को 72000 के करीब दवाइयों के नाम लिखकर उन पर प्रतिबन्ध लगाने का अनुरोध किया था ।
क्यों ? 
क्योंकि ये जहरीली दवाइयाँ दीर्घ काल तक पेट में जाने के बाद यकृत, गुर्दे और आँतों पर हानिकारक असर करती हैं, जिससे मनुष्य के प्राण तक जा सकते हैं।
कुछ वर्ष पहले न्यायाधीश हाथी साहब की अध्यक्षता में यह जाँच करने के लिए एक कमीशन बनाया गया था कि इस देश में कितनी दवाइयाँ जरूरी हैं और कितनी बिन जरूरी हैं जिन्हें कि विदेशी कम्पनियाँ केवल मुनाफा कमाने के लिए ही बेच रही हैं।
फिर उन्होंने सरकार को जो रिपोर्ट दी, उसमें केवल 117 दवाइयाँ ही जरूरी थीं और 8400 दवाइयाँ बिल्कुल बिनजरूरी थीं।
उन्हें विदेशी कम्पनियाँ भारत में मुनाफा कमाने के लिए ही बेच रही थीं और अपने ही देश के कुछ डॉक्टर लोभवश इस षडयंत्र में सहयोग कर रहे थे।
पैरासिटामोल नामक दवाई, जिसे लोग बुखार को तुरंत दूर करने के लिए या कम करने के लिए प्रयोग कर रहे हैं, वही दवाई जापान में पोलियो का कारण घोषित करके प्रतिबन्धित कर दी गयी है।
उसके बावजूद भी प्रजा का प्रतिनिधित्व करनेवाली सरकार प्रजा का हित न देखते हुए शायद केवल अपना ही हित देख रही है।
सरकार कुछ करे या न करे लेकिन आपको अगर पूर्ण रूप से स्वस्थ रहना है तो आप इन जहरीली दवाइयों का प्रयोग बंद करें और करवायें। भारतीय संस्कृति ने हमें आयुर्वेद के द्वारा जो निर्दोष औषधियों की भेंट की हैं उन्हें अपनाएँ।
साथ ही आपको यह भी ज्ञान होना चाहिए कि शक्ति की दवाइयों के रूप में आपको, प्राणियों का मांस, रक्त, मछली आदि खिलाये जा रहे हैं जिसके कारण आपका मन मलिन, संकल्पशक्ति कम हो जाती है।
तथा आपके जीवन में खोखलापन आ जाता है।
एक संशोधनकर्ता ने बताया कि ब्रुफेन नामक दवा जो आप लोग दर्द को शांत करने के लिए खा रहे हैं उसकी केवल 1 मिलीग्राम मात्रा दर्द निवारण के लिए पर्याप्त है, फिर भी आपको 250 मिलीग्राम या इससे दुगनी मात्रा दी जाती है। यह अतिरिक्त मात्रा आपके यकृत और गुर्दे को बहुत हानि पहुँचाती है। साथ में आप साइड इफेक्टस का शिकार होते हैं वह अलग !
अतः हे भारतवासियो ! हानिकारक रसायनों से और कई विकृतियों से भरी हुई एलोपैथी दवाइयों को अपने शरीर में डालकर अपने भविष्य को अंधकारमय न बनायें। शुद्ध आयुर्वेदिक उपचार-पद्धति ही अपनाए ।



Sunday, November 27, 2016

कैराना के बाद अब अलीगढ़ से हो रहे हैं हिन्दू पलायन !!

अलीगढ़ से हो रहे हैं हिन्दू पलायन...!!
अभी हाल ही में कैराना के 346 हिंदू परिवारों ने मुसलमानों की गुंडागर्दी से बनी दहशत के कारण पलायन कर दिया था। उसका मामला अभी तो थमा ही नही और दूसरा एक मामला सामने आ गया है ।

https://youtu.be/w3GSMWfSlrc

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में कई हिन्दू घर संपत्ति, दुकानें छोड़कर चले गए हैं और कई जाने की तैयारी कर रहे हैं।
चौकाने वाली तो तब हुई जब वहाँ की मेयर भी मुस्लिम आतंक से परेशान होकर अलीगढ़ छोड़कर जाना चाहती है ।
अलीगढ़ में हिन्दुओं के कई मकानों दुकानों में ताले लगे हैं उसके ऊपर बोर्ड लिखा है कि यह मकान/दुकान बिकाऊ है ।
वहाँ पर हिन्दू बहु-बेटियाँ सुरक्षित नही हैं। दिन में भी कई मुस्लिम लड़के छेड़छाड़ी करते हैं । माँ-बाप अपनी बेटी को घर से अकेले नही भेजना चाहते हैं। यहाँ तक कि स्कूल भेजने में भी डर रहे हैं ।

कैराना के बाद अब अलीगढ़ से हो रहे हैं हिन्दू पलायन 

अलीगढ़ में जो हिन्दुओं की एकमात्र आजीविका का साधन थी दुकानें, उसको भी मुस्लिम लड़कों ने पत्थरबाजी करके बन्द करवा दिया , जिन पर आज बिकने के लिए बोर्ड टँगे है ।
बाबरी मंडी के इलाकों में दुकानों पर लिखा है कि "जान है तो जहान है ये दुकान बिकाऊ है"
इन मुस्लिम समुदाय के अत्याचारों से बचने के लिए हिन्दुओं को एकमात्र पुलिस का सहारा था । लेकिन पुलिस भी हिन्दुओं की कोई सहायता नही कर रही है ।
अपना हिन्दुस्तान जिसने "वसुधैव कुटुंब" एकता का पाठ पूरी दुनिया को पढ़ाया ही नही बल्कि साकार करके भी दिखा दिया ।
आज उस हिंदुस्तान में हिंदुओं पर ही अत्याचार हो रहा है। अब हिन्दू जाएँ तो कहाँ जाये?
हिन्दुस्तान में ही हिन्दू कितना लाचार हो गया है कि अपने वतन में भी शांति से नही रह पा रहा है घर छोड़ने को मजबूर हो रहा है ।
अब प्रश्न यह उठता है कि हिंदुओं के साथ हो रहे इस अत्याचार पर भारतीय मीडिया और सेक्युलर लोग चुप क्यों हैं ??
यही किसी मुस्लिम समुदाय के साथ हो रहा होता तो मीडिया की ब्रेकिंग न्यूज में ये खबर देखने को मिलती !
क्यों हिंदुओं के साथ इतना पक्षपात भरा रवैया है भारत की मीडिया का ?
सोचिये !!
जिस हिन्दू संस्कृति से पूरी दुनिया को सुख शांति का पैगाम मिला उसके लिए आज भारत का अन्न खाने वाली मीडिया आवाज उठाने को तैयार नही..!!!
आपको बता दें कि यह खबर कुछ समय पहले की है लेकिन मीडिया ने इसे दिखाना जरुरी नहीं समझा । कितने बड़े आश्चर्य की बात है। 
यही अगर किसी मुस्लिम या ईसाई समुदाय के साथ होता तो मीडिया 24 घण्टे न्यूज दिखाती, डिबेट बुलाती, अखबारों में मुख्य पेज पर बड़े-बड़े हेडिंग के साथ इंटरनेशनल खबरें बनती और सेक्युलर लोग बचाव करने के लिए आ जाते लेकिन हिन्दू आज प्रताड़ित हो रहा है तो सब चुप चाप बैठे हैं।
इन सब को देखते हुए हिन्दुओं को सावधान होना चाहिए ।
एक होकर आगे आना चाहिए,किसी एक भी हिन्दू के साथ अत्याचार हो रहा हो तो संगठित होकर मुकाबला करना चाहिए नही तो देश के अंदर जो कश्मीरी हिन्दुओं के साथ हुआ वैसा हो जायेगा ।
हिन्दुओं में एकता की कमी के कारण ही आज हिन्दू पलायन हो रहे हैं एक हिन्दू चला जाता है तो पड़ोसी हिन्दू चुप रहता है
एकबार भी विरोध नही करता है इसलिये आज ये दुर्दशा हो रही है ।
किसी हिन्दू साधु-संत के खिलाफ मीडिया दिखाती है तो उसको सच मानकर उनके खिलाफ बोलने लग जाते हैं ।
पर कभी विचार किया कि क्यों मीडिया कभी भी मौलवी या पादरी के खिलाफ कभी डिबेट नही चलाती ???

विचारें और बिकाऊ मीडिया से सावधान रहें !!!
मीडिया में ज्यादातर फंडिग विदेश से होती है जो भारतीय संस्कृति को खत्म करने के लिए भारत के साधु-संतों और हिन्दू लीडरों को ही टारगेट करते हैं ।
आप सावधान रहें इन बिकाऊ मीडिया और सेक्युलर लोगो से ।
संगठित होकर अन्याय से लोहा लें ।
अन्याय करना पाप है पर अन्याय सहन करना दुगना पाप है ।
एक होकर अन्याय का विरोध करो और सभी हिन्दू एक दूसरे की रक्षा करो ।


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Saturday, November 26, 2016

इंडिया न्यूज़ ने किये घिनौने काम !!

🚩#इंडिया #न्यूज ने TRP के लिए #किये घिनौने #काम:
#BARC ने लगाया #प्रतिबंध!!
🚩#ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया ने  #India News की बढ़ती रेटिंग का खोला राज!!
🚩आजकल #मीडिया TRP की होड़ में क्या क्या नही करती है...!!!
#TRP के लिए अपना ईमाम भी बेच देती है।
Jago Hindustani - इंडिया न्यूज़ ने किये घिनौने काम !!
🚩 #टीआरपी आंकने वाली संस्था बार्क ने #इंडिया न्यूज को 46वें हफ्ते से लेकर 49वें हफ्ते तक के लिए #टीआरपी लिस्ट से सस्पेंड कर दिया है ।
🚩#हिंदी समाचार #चैनल #इंडिया न्यूज प्रगतिपथ पर अग्रसर था और उसकी टीआरपी लगातार बढ़ रही थी ।
🚩 #दीपक चौरसिया और #राणा यशवंत जैसे लोग TRP के लिए कड़ी मेहनत भी कर रहे थे । हाल ही में समाचार चैनलों की #दुनिया में तब खलबली मच गयी जब #रेटिंग में #इंडिया न्यूज नंबर-2 तक जा पहुंचा था ।
🚩 दूसरे #चैनलों के संपादकों के अलावा आंकड़ों में दिलचस्पी रखने वाले #दर्शक भी हैरान-परेशान थे कि ऐसा कैसे हो गया ?
🚩#इंडिया न्यूज ने अचानक से ऐसा क्या दिखा दिया कि #टीआरपी में उसने इतनी लंबी छलांग लगा ली?
🚩लेकिन अब इस संदेह को सही ठहराते हुए टीआरपी आंकने (चैनलों को रेटिंग देने ) वाली #संस्था ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ऑफ इंडिया(बार्क) ने इंडिया #न्यूज पर रेटिंग #मीटरों पर छेड़खानी का आरोप लगाते हुए उसे पूरे एक महीने के लिए #रेटिंग से बाहर कर दिया है और इसकी अपने सब्सक्राइबर को मेल कर सूचना भी दी है ।
🚩#बार्क की इस कार्रवाई से #इंडिया न्यूज की कॉरपोरेट इमेज को गहरा #धक्का लगा है और आने वाले वक्त में उसका सीधा असर चैनल को मिलने वाले विज्ञापनों पर दिख सकता है ।
🚩#इंडिया न्यूज के अलावा #तेलगू न्यूज चैनल टीवी9 और वी6 पर यही #आरोप लगाकर उन्हें भी एक महीने के लिए सस्पेंड किया गया है ।
🚩इसकी #वजह से ये तीनों चैनल 46 से 49 वें हफ्ते के बीच रेटिंग प्रक्रिया से #बाहर हो जाएंगे और #विज्ञापन बचाने के लिए इन चैनलों की #मार्केटिंग टीम को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ेगा ।
🚩हालाँकि #टीवी9 तो तेलगू चैनलों का लीडर है इसलिए उसके लिए ज्यादा मुश्किल नहीं होगी । असल मुसीबत #इंडिया न्यूज के लिए होगी ।
🚩#बार्क का कहना है कि इन #चैनलों ने रेटिंग मीटर वाले घरों में उनका #चैनल देखने के लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और कुछ जगह #पैसों का लालच भी दिया ।
🚩गौरतलब है कि ऐसे ही #आरोपों की वजह से #TAM की रेटिंग को बंद करके #BARC शुरू किया गया था लेकिन लगता है कि घपलेबाजी का जुगाड़ यहाँ भी निकल ही आया जिसका प्रमाण इन तीन चैनलों ने दिया है ।
🚩अब दर्शकों के सामने नंबर एक का दावा करने वाले इन मीडिया वालों की घिनौने हरकतें सामने आ चुकी है ।
🚩#मीडिया वाले #TRP के लिए #पैसा देकर मीटर में #छेड़छाड़ कर सकते हैं तो फिर #खबरों में भी छेड़छाड़ करके दिखा दे इसमें कौनसी बड़ी बात है..???
🚩 जनता का कहना है कि इंडिया न्यूज को रेटिंग में ही नही हमेशा के लिए बन्द कर देना चाहिये ।
🚩आपको बता दें कि #इण्डिया न्यूज के चीफ एडीटर #दीपक चौरसिया ने #हिन्दू #देवी-देवताओं और #हिन्दू #संतों का अपमान करते हुए कई कार्यक्रम किये थे जिससे #जनता में काफी रोष था ।
🚩#दीपक चौरसिया की गिरफ्तारी को लेकर नोयडा में बड़ा #आंदोलन भी हुआ था और #ट्वीटर पर भी इसको #गिरफ्तार करने को लेकर टॉप में #ट्रेंड चले थे ।
🚩एक #हिन्दू #संत के #खिलाफ #गलत #न्यूज दिखाने पर 'पटना #कोर्ट ने गैर जमानती वारंट भी इश्यू किया है लेकिन उसपर अभीतक कोई #कार्यवाही नही हुई है ।
🚩इससे पता चलता है कि #मीडिया से पुलिस और कोर्ट भी प्रभावित रहती है जिसके चलते उसपर कार्यवाही नही हो पा रही है ।
🚩अब इन #मीडिया वालों का घिनौना चेहरा सामने आ चुका है ।
🚩अतः #भारतवासियों ऐसे बिकाऊ #मीडिया #न्यूज चैनलों से सावधान रहें ।
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Friday, November 25, 2016

Beware Of Soft Drinks

🚩#सरकारी #अध्ययन में हुआ बड़ा खुलासा : #सॉफ्ट #ड्रिंक्स में पाये गए #जहरीली #धातुओं के अंश !!
🚩#सरकार के एक अध्ययन के अनुसार #स्वास्थ्य #राज्यमंत्री #फग्गन सिंह कुलास्ते ने #राज्यसभा में बताया है कि कुछ #सॉफ्ट #ड्रिंक्स और #फार्मा #प्रोडक्ट वाली पीईटी बोतलों के सैंपल में भारी धातु मिले हैं जो #स्वास्थ्य के लिए #खतरनाक हैं।
🚩उन्होंने कहा कि #मंत्रालय के #ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड के #अध्ययन में यह बात सामने आई है।
🚩#जिन पीईटी #बोतलों के सैंपल टेस्ट किए गए थे उनमें #स्प्राइट, #माउंटेन #ड्यू, #सेवन अप, #पेप्सी और #कोकाकोला शामिल हैं।
Jago Hindustani - Beware Of Soft Drinks


🚩सदन में एक सवाल के लिखित जवाब में कुलास्ते ने कहा कि, 'ये #सैंपल नेशनल टेस्ट हाउस (#कोलकाता ) में जांच के लिए जमा किए गए थे।'
🚩#कुलास्ते ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि #कोलकाता के #ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ हायजीन एंड पब्लिक #हेल्थ ने इसे स्टडी किया था।
🚩#सॉफ्ट ड्रिंक्स की लत से रोजाना हो रही है 504 मौतें !!
🚩आपको बता दें कि #हावर्ड यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध के मुताबिक #कोल्ड ड्रिंक (पेप्सी, कोकाकोला) या डिब्बाबंद जूस और हेल्थ ड्रिंक पीने से न सिर्फ ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है बल्कि #इंसुलिन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होने लगती है। इससे व्यक्ति धीरे-धीरे #डायबिटीज और #हृदयरोगों (हार्टअटैक) की चपेट में आने लगता है।
🚩#अमेरिका की टफ्ट्स यूनिवर्सिटी में किये गए अध्ययन के अनुसार #सॉफ्ट ड्रिंक की लत से होने वाले रोग जैसे #डायबिटीज से हर साल 1.33 लाख जानें जाती हैं, #हृदयरोग से लगभग 45,000 और #कैंसर से 6,500 लोग मौत के शिकार होते हैं। यानी कुल 1.84 लाख मौतों के लिए #सॉफ्ट ड्रिंक जिम्मेदार है ।
🚩ऐसे #खतरनाक, आपके प्राणों के साथ खेलने वाले #सॉफ्ट ड्रिंक को आप बड़े मजे से पीते हैं और दूसरों को भी पिलाते हैं।
🚩#घर में मेहमान आये तो स्वागतम में #सॉफ्ट ड्रिंक पिलाते हैं ।
🚩अनजाने में क्या आप अपने और #मेहमानों के साथ दुश्मनी का #व्यवहार नहीं कर रहें, ऐसे जहरीले #सॉफ्ट ड्रिंक पीकर और पिलाकर ?
🚩इससे तो आप अपने #मेहमानों को #लस्सी, ताजे #फलों का ज्यूस, #गुलाब शरबत, #नीबू शरबत, #पलाश शरबत पिलाइये जिससे मेहमान भी #स्वस्थ्य रहें और आपका #पैसा भी कम #खर्च हो और पैसा #विदेश में न जाकर #देश में ही रहे ।
🚩#मेरे #भारतवासियों !
#घर के बनाये #पेय पदार्थों का सेवन कर खुद भी #स्वस्थ रहें और अपने मेहनत से कमाएं पैसे का भी सही और उचित जगह उपयोग करके #देश को #समृद्ध बनायें।
🚩जय हिन्द !!!
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