Saturday, July 30, 2016

सावधान ! नहीं तो हो सकता है कि कल आप भी इसके चंगुल में आ जायें

🚩सावधान ! नहीं तो हो सकता है कि कल आप भी इसके चंगुल में आ जायें
🚩#बलात्कार शब्द सुनते ही न चाहकर भी बरबस इस ओर ध्यान खिंच जाता है । वैसे तो वर्तमान समाज में बहुत सारी समस्याएँ फैली हुई हैं लेकिन दामिनी कांड के बाद देश में बलात्कार की शिकायतों (#कम्प्लेंट्स) में हुई वृद्धि चौंकानेवाली है । यह सोचने का विषय है कि बलात्कार की शिकायतों में अचानक इतना इजाफा क्यों हो गया है? क्या नये कानून बनने के बाद #नारियों में जागरूकता आयी है या इसका कारण कुछ और है ? इसका गलत फायदा उठाकर कहीं निर्दोषों को फँसाया तो नहीं जा रहा है ?
Jago Hindustani - Fake Rape Cases

🚩#दिल्ली में बीते छह महीनों में 45 फीसदी ऐसे मामले अदालत में आएं जिनमें महिलाएँ हकीकत में पीड़िता नहीं थीं, बल्कि छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा होने या फिर पुरुषों द्वारा माँगें पूरी न होने पर बलात्कार का केस दर्ज कराया गया था । द्वारका अदालत ने ऐसे बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है और साथ ही पुलिस से कहा कि वह निष्पक्ष रूप से मामले की जाँच करने के बाद ही मुकदमा दर्ज करे।
🚩#दिल्ली_महिला_कमीशन के आँकड़ों के अनुसार इनमें से 53.2% मामले झूठे हैं ! जी हाँ, अप्रैल 2013 से जुलाई 2014के बीच दिल्ली में #रेप के 2753 मामले दर्ज हुए जिनमें से 1464 मामले झूठे थे । #एनसीआरबी की #रिपोर्ट के अनुसार2011 से 2013 के बीच #आईपीसी की धारा 498A का दुरूपयोग करते हुए,पुरुषों पर 31,292 झूठे मामले दर्ज हुए हैं । इनमें वैवाहिक हिंसा और रेप के आरोप शामिल हैं । छानबीन करने पता चला कि महिला ने प्रतिशोध लेने के लिए झूठा केस किया था ।
🚩छह जिला अदालतों के रिकॉर्ड से ये बात सामने आई है कि बलात्कार के 70 फीसदी मामले अदालतों में साबित ही नहीं हो पाते हैं जबकि 45 फीसदी मामले ऐसे हैं जिनमें मुकदमा दर्ज करानेवाले युवती अथवा महिला घटना के कुछ दिन के भीतर ही गुस्सा शांत होने पर आरोपी को बचाने अदालत पहुँच जाती हैं । इतना ही नहीं वह मानती हैं कि उनका व आरोपी के बीच प्रेम संबंध हैं और उन्हें प्रेमी द्वारा फोन बंद रखने, #शादी की तारीख आगे बढ़ाने या युवक के परिवार द्वारा धमकाए जाने पर गुस्सा आ गया था इसलिए उन्होंने बदला लेने के मकसद से मामला दर्ज कराया था और अब वह अपनी गलती सुधारना चाहती है ।
🚩अब ये सोचिये, जिस #पुरुष पर झूठा केस किया जाता है, उसका जीवन कितना अस्त-व्यस्त हो जाता होगा, समाज में अपमानित होने से ले कर काम-रोज़गार पर कितना असर होता होगा ? यह तो भुक्तभोगी सदस्य व उसका परिवार ही समझ सकता है । एक बार ऐसा आरोप आप पर लग जाए तो चाहे आप दोषमुक्त भी क्यों न हो जाएँ, समाज सिर्फ़ आप पर लगे आरोप को याद रखेगा । रोहतक की दो बहनों का मामला तो आपको याद ही होगा । एक दिन सशक्त महिलाओं के रूप में उभरी बहनें अगले दिन ही #पब्लिसिटी की भूखी चालबाज़ निकलीं ।
🚩#कानून #लड़की से बहुत ज्यादा सत्यता साबित करने के लिए नहीं कहता है । बलात्कार के मामले में #न्यायालय और कानून हमेशा लड़की के पक्ष में होता है, लेकिन लड़की के गलत होने की स्थिति में न्यायालय और कानून भी गलत के पक्ष में चला जाता है । इसके आड़ में गलत और पेशेवर लोग आम नागरिक से लेकर सुप्रसिद्ध हस्तियों, संत-महापुरुषों को भी ब्लैकमेल कर झूठे बलात्कार आरोप लगाकर जेल में डलवा रहे है ? #कानून की जो लम्बी प्रक्रिया है, उसमें निर्दोष व्यक्ति की हालत अपराधी से भी ज्यादा बदतर हो जाती है । ऐसे पेशेवर लड़कियों से पुलिस को भी लाभ मिलता है । पुलिस के लिए अवैध कमाई का एक मामला मिल जाता है ।
🚩कठोर कानून तो बना दिया गया लेकिन बलात्कार रूक क्यों नहीं रहा ? क्योंकि समस्या का समाधान करने की कोशिश ही नहीं की गयी । सिनेमा, #अश्लील_साहित्य, समाचार पत्र-पत्रिकाओं,#अश्लील_वेबसाइटों एवं #इलेक्ट्रोनिक #मीडिया की वजह से विदेशों की तरह हमारे #देश में भी बलात्कार, हत्या जैसे दुष्कर्मों को बढ़ावा मिल रहा है । दुष्कर्म को बढ़ावा देनेवाले कारकों को रोकने की जरूरत सबसे पहले है । यदि सख्त कानून से बलात्कार की घटनाओं पर अंकुश सम्भव होता तो नये बलात्कार निरोधक कानून बनने के बाद बलात्कार की शिकायतों (कम्प्लेंट्स) में 35% की वृद्धि नहीं होती ।
🚩केवल कानून और #डंडे के जोर से सच्चा सुधार नहीं हो सकता । सच्चे और स्थायी सुधार के लिए, बलात्कार जैसे नृशंस अपराधों को रोकने के लिए संयम-शिक्षा पर बल देने की आवश्यकता है । इसके लिए संयम-शिक्षा तथा सच्चे, सात्त्विक मूल्यों को पुनस्र्थापित करना होगा । जो संत-#महापुरुष इस कार्य को देश में कर रहे थे उनपर ही #षड्यंत्रकारियों ने झूठा आरोप लगाकर जेल में बंद कर दिया गया इससे पता चलता है कुछ स्वार्थी #राष्ट्र-विरोधी ताकतें कानून की आड़ लेकर #भारतीय #संस्कृति को नष्ट करने की बुरी मंशा रखती हैं । #संत-महापुरुष ही समाज के प्रहरी हैं, हमें उन पर हो रहे इस आघात को रोकना होगा ।
🚩साथ ही #पॉक्सो व बलात्कार निरोधक कानूनों की खामियों को दूर करना होगा तभी समाज के साथ न्याय हो पायेगा अन्यथा एक के बाद एक निर्दोष सजा भुगतने के लिए मजबूर होते रहेंगे । इसमें पुरुषों के साथ संबंधित बेशुमार महिलाएँ व बच्चे और रिश्ते-नातेदार भी पीड़ित हो रहे हैं । अतः बच्चों-महिलाओं की सुरक्षा तथा #राष्ट्रहित में कार्यरत संस्थाएँ और जागरूक जनता सजग हों और इन कानूनों में आवश्यक संशोधन की माँग हो ।
🚩यह किसी व्यक्ति-विशेष की नहीं बल्कि एक सामाजिक समस्या है । इससे समाज के सभी वर्ग प्रभावित हो रहे हैं । इस समस्या के समाधान के लिए सबको प्रयास करना होगा । नहीं तो हो सकता है कि कल आप भी इसके चंगुल में आ जायें । अतः सावधान !
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