Saturday, June 11, 2016

आतंकी संगठनों को पाल रहा है पाकिस्तान

🚩#आतंकी संगठनों को पाल रहा है पाकिस्तान....
💥#पाकिस्तानी #मीडिया ने बड़ा खुलासा किया है कि पाकिस्तान में प्रतिबंध के बावजूद आज भी #आतंकी #संगठनों की #गतिविधियाँ जारी हैं ।
💥#इस्लामाबाद, प्रेट्र - पाकिस्तान के #आतंकवाद पर दोहरे खेल को इस बार वहाँ की मीडिया ने ही बेनकाब कर दिया है।
💥 '#द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने अपनी #रिपोर्ट में बताया है कि प्रतिबंध के बावजूद आतंकी संगठनों की गतिविधियां जारी है।
💥बुधवार को #प्रकाशित #रिपोर्ट में जिन संगठनों का जिक्र है उनमें हाफिज सईद का #लश्कर-ए-तैबा और #मसूद अजहर का #जैश-ए-मोहम्मद भी शामिल है ।
💥रिपोर्ट में #केंद्रीय गृह मंत्रालय की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि पुराने नाम हटाकर नए नाम से संगठित होकर ये संगठन सरकार के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं ।
💥#अखबार के अनुसार 1997 का #आतंकरोधी कानून किसी संगठन पर प्रतिबंध लगाने और वह दोबारा संगठित नहीं हो इसकी निगरानी का अधिकार गृह मंत्रालय को देता है।
💥लेकिन प्रतिबंधित सूची में नाम शामिल करने के बाद #मंत्रालय इनकी #गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाने में नाकाम रहा है।
💥#अखबार ने बताया है कि #मंत्रालय ने बीते साल दिसंबर में सीनेट में प्रतिबंधित #संगठनों की सूची पेश की थी। इसमें 61 संगठनों के नाम #शामिल थे। इसके बाद से यह सूची #अपडेट नहीं की गई और न ही इसे सार्वजनिक किया गया।
💥लश्कर
💥#मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमलों का #मास्टरमाइंड #हाफिज_सईद लश्कर का मुखिया है। 2002 में इस संगठन पर प्रतिबंध लगने के बाद सईद ने #जमात-उद-दावा के नाम से नया संगठन बना लिया।
💥अखबार के अनुसार #संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध के बावजूद #सरकार ने जमात को निगरानी सूची में रखा है। वहीं हाफिज पूरे #देश में घूम-घूमकर सार्वजनिक रूप से जहर उगलता रहता है।
💥जैश...
💥#भारत में कई हमलों में जैश का हाथ रहा है। इस साल की शुरुआत में पठानकोट एयरबेस पर हुआ हमला भी इसमें शामिल है। इसका मुखिया मसूद #अजहर है। 22 जनवरी 2002 को जैश पर प्रतिबंध लगा। खुदम-उल-इस्लाम के नाम से यह #संगठन फिर खड़ा हो गया। 15 नवंबर 2003 को इस पर भी प्रतिबंध लगा दिया। इसके बावजूद गतिविधियाँ जारी है।
💥एसएसपी...
💥शिया विरोधी सिपाह-ए-साहबा पाकिस्तान (एसएसपी) पर 22 जनवरी 2002 को प्रतिबंध लगा। इससे जुड़े लोग मिल्ल्त-ए-इस्लामी के नए नाम से संगठित हो गए। नवंबर 2003 में इस पर भी प्रतिबंध लगा। इसके बाद अल-ए-सुन्नत वाल जमात के नाम से संगठन ने गतिविधियाँ शुरू कर दी। 15 फरवरी 2012 को इसे भी प्रतिबंधित कर दिया गया, पर गतिविधियां बंद नहीं हुई।
💥आज भी #आतंकवादियों के करीबन 66 संग़ठन चल रहे है फिर भी वहाँ की सरकार कोई ठोस कदम नही उठा रही है । उनका मकसद है देश विरोधी कार्य करना । हाफिज सईद, मसूद अजहर आदि के संग़ठन तो हमेंशा भारत को तोड़ने का सपना देख रहे है हमेशा भारत पर उनकी निगाहेँ रहती है किस तरह भारत को तोड़ा जाये और पूरे भारत में आतंकवाद छाया रहे ।
💥इन आतंकवादियों पर वहाँ की सरकार कार्यवाही न भी करें तो भारत सरकार को रणनीति बनाकर वहीँ जाकर उनके सभी आतंकवादियों के संगठन खत्म कर देने चाहिए जिससे हमारा #भारत देश सुरक्षित रहे हमारे देश की सुरक्षा करने वाले जवानों पर हमला न हो ।
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