Tuesday, April 10, 2018

जिन गायों को बेकार समझकर छोड दिया था,उन्‍हीं से नगर निगम कर रहा लाखों की कमाई

10 Apr 2018

🚩गौ-माता की इतनी महत्ता है कि वे दूध नही दे, बूढ़ी भी हो जाये तो भी वे इतना पैसा दे सकती है कि लाखों रुपये कमा सकते है, आज के आधुनिक युग मे कुत्ते पालते है पर गाय की महत्ता समझ नही रहे है जिसके कारण आज व्यक्ति बीमार, रोगी, अशांत रहता है गाय की महत्ता समझकर उसका पालन करें तो स्वाथ्य के साथ-साथ आर्थिक भी अच्छी कमाई कर सकता है । 

🚩आपको बता दे कि दूध नहीं दे पाने की स्थिति में जिन गायों को किसानों और गौपालकों ने अनुपयोगी समझकर लावारिस भूखा-प्यासा भटकने के लिए छोड दिया था । अब उन्हीं गायों के गोबर और गोमूत्र से नगर निगम की लालटिपारा गौशाला में कैचुआ खाद, नैसर्गिक खाद और धूपबत्ती बनाई जा रही है । वहीं गोमूत्र से कैमिकल रहित गोनाइल और कीटनाशक दवाईयां व मच्छर भगाने की धूपबत्ती तैयार की जा रही है । कीटनाशक दवाईयां खेती और बागवानी के लिए बेहद उपयोगी हैं । इससे मध्यप्रदेश ग्वालियर नगर निगम को भी अभी तक लगभग 3 लाख रुपये का आर्थिक लाभ हो चुका है ।
The millions of crores doing crores from the cows who had left them worthless

*गौमूत्र से बन रहा गौनाइल*

🚩प्रकृति में गाय के गोबर और गोमूत्र को सबसे पवित्र और शुद्ध माना जाता है । हिन्दू धर्म में गाय के गोमूत्र और गोबर का उपयोग पंचगव्य में किया जाता है, कहा जाता है कि इसके पीने से मनुष्य के सभी दोष दूर हो जाते हैं । नगर निगम की लालटिपारा गौशाला में लगभग 6000 गाय हैं, इन गायों से प्रतिदिन नगर निगम को 60 हजार किलो गोबर मिलता है । इस गोबर का नगर निगम ने कई तरह से उपयोग करना शुरू कर दिया है । वहीं गाय की गोमूत्र जिसका अभी तक कोई उपयोग नहीं होता था उससे वहां पर अब फिनाइल के स्थान पर गौनाइल बन रहा है, जो फिनाइल से भी बेहतर कार्य करता है । साथ ही गोमूत्र से बनने वाले कीटनाशकों का उपयोग खेती में किया जा रहा है । जिससे खेती को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों का खात्मा तो होता ही है साथ ही मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी इसका कोई विपरित असर नहीं पडता ।

*धूपबत्ती में आयुर्वेदिक औषधी और घी का उपयोग*

🚩नगर निगम की लालटिपारा गौशाला में बनाई जा रही धूपबत्ती में गाय का गोबर, लाल चंदन, नागरमोथा, जटामासी, कपूर काचरी, गौमूत्र और देशी घी डाला जाता है । इनको मिलाने के बाद इसे आकार देकर सूखने के लिए रखा जाता है ।

*गौनाइल ऐसे हो रही तैयार*

🚩गौनाइल बनाने के लिए गाय और बछियाओं का गौमूत्र एकत्रित किया जाता है, इसके बाद इसमें चीड का तेल और नीम मिलाया जाता है । इससे जहां भी पोछा लगाया जाता है वहां के कीटाणु खत्म हो जाते हैं ।

*सुगंधित व केमिकल रहित मच्छर भगाने वाली धूप*

🚩गोबर, गौमूत्र में जामारोजा, तुलसी, नीमगिरी, चीड का तेल, कपूर तेल, नीम तेल, नागरमोथा, मैंदा लकडी और रोहतक लकडी को मिलकर धूपबत्ती तैयार की जा रही है । बताया जाता है कि इसके जलाने से घर में सुगंध तो रहती ही है साथ ही मच्छर भी भाग जाते हैं ।

*कैचुआ खाद भी हो रही तैयार*

🚩गाय के गोबर से गौशाला में कैचुआ खाद भी तैयार की जा रही है, इस खाद को उद्यानों और किसानों को दिया जाएगा । गाय के गोबर को एकत्रित कर उसके स्ट्रक्चर बनाए गए हैं इन पर समय-समय पर पानी का छिडकाव किया जाता है । जब यह सूख जाता है तो इसे छान कर किसानों को जैविक खाद बेचने के लिए तैयार किया जा रहा है ।

*ताजे गोबर से बन रही गोबर गैस*

🚩गाय के ताजे गोबर से प्रदेश के सबसे बडे गोबर गैस प्लांट से गैस तैयार हो रही है, इस गैस से गौशाला में कार्य करने वाले कर्मचारियों एवं गौशाला का भ्रमण करने के लिए आने वाले लगभग 200 लोगों का भोजन तैयार होता है । वहीं इससे निकलने वाले गोबर को खाद के रूप में उपयोग किया जाता है ।

🚩निगम आयुक्त विनोद शर्मा कहते हैं, जैविक खेती को बढावा देने के लिए गोबर गैस प्लांट और कैचुआ खाद को किसानों में बेचा जाता है । साथ ही गौनाइन का भी उत्पादन शुरू हो गया है जल्द ही इसे बडे स्तर पर करने के लिए गौशाला में ही बाटलिंग प्लांट लगाया जाएगा । वहीं बजार में जल्द ही धूपबत्ती भी ला रहे हैं । स्त्रोत : जागरण

🚩आपको बता दे कि जिस तरह से ग्वालियर निगम कार्य कर रही है वो अति सरहानीय है इससे गरीबो को रोजगार भी मिल रहा है जिसके भारत मे गरीबी का स्तर भी कम होगा । साथ साथ मे गौ माता से बनी इन वस्तुओं का उपयोग करने से लोगो मे स्वास्थ्य लाभ भी होगा और गौहत्या पर रोक लगेगी ।

🚩गौ-सेवा से धन-सम्‍पत्ति, आरोग्‍य आदि मनुष्‍य-जीवन को सुखकर बनानेवाले सम्‍पूर्ण साधन सहज ही प्राप्‍त हो जाते हैं । मानव #गौ की महिमा को समझकर उससे प्राप्त दूध, दही आदि पंचगव्यों का लाभ ले तथा अपने जीवन को #स्वस्थ, सुखी बनाये, इस उद्देश्य से हमारे परम करुणावान ऋषियों-महापुरुषों ने गौ को माता का दर्जा दिया

🚩गाय माता की इतनी महिमा और उपयोगिता है कि कितने भी ग्रँथ लिखे कम पड़ जायेंगे केंद्र और राज्य सरकार को भी इस पर ध्यान देना चाहिए जिस तरह से ग्वालियर निगम कार्य कर रहा है इसी तरह देश के सभी निगमो को कार्य करने को कहना चाहिए और सभी कत्लखानों को बंद करके उसमें गौशालाओं खोल देनी चाहिए जिससे देश की आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी एवं लोगो का स्वास्थ्य लाभ होगा और देश मे सुख-शांति बढ़ेगी ।

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