Friday, March 9, 2018

हाईकोर्ट का खतरनाक फैसला, हिन्दू बेटियों को संस्कार नहीं दिए तो हो जायेगें बर्बाद

March 9, 2018

लव जिहाद देश की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है, साल में लाखों हिन्दू लड़कियों का ब्रेनवोश करके लव जिहाद में फंसाया जाता है, कुछ हिन्दू लड़कियों से जबरन शादी कर लेते हैं, इसके पीछे मुस्लिम देश सऊदी अरब आदि की भारी फंडिग आती है जिसके जरिये मुस्लिम लड़के अपना असली नाम छुपाकर हिन्दू नाम रख लेते हैं और स्कूल, कॉलेजों के बाहर, हिन्दू इलाकों के आसपास बाइक लेकर घूमते हैं और किसी हिन्दू लड़की से मीठी-मीठी बात करके उसको फंसाकर उससे शादी कर लेते हैं उसके बाद उसको भयंकर प्रताड़ित किया जाता है, यहाँ तक कई हिन्दू लड़कियों ने लव जिहाद में फंसकर शादी के बाद आत्महत्या तक कर ली है ।
High Court's Dangerous Judgment,
Hindu girls will not be given rites if they do not waste time

हिन्दुओं के लिए लव जिहाद इतनी बड़ी समस्या बनी हुई थी और न्यायालय ने और एक मुसीबत खड़ी कर दी ।

मुम्बई उच्च न्यायालय का एक ऐसा फैसला आया है जिसे जानकार हिन्दू समाज के होश उड़ जायेंगे। जब हिन्दू लड़की लव जिहाद में फंसती है तो उसका उसके परिवार का धर्म तो जाता ही है लेकिन अब धर्म बदलकर मुस्लिम बनी लड़की के पिता का धन भी जायेगा। 

न्यायालय के इस फैसले के बाद हिन्दू माता-पिता को अपने बच्चों की परवरिश, संस्कार पर उनकी शिक्षा पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि जो शिक्षा आप अपनी बेटी को अपने बच्चों को दोगे आपके दिए वही संस्कार, आपकी दी गयी वही परवरिश आपकी इज्जत को आपके मान सम्मान को आपके जीवन को तय करेगी ।

एक याचिका पर मुम्बई हाईकोर्ट ने फैसला दिया है कि भले ही लड़की ने धर्म बदलकर मुस्लिम या अन्य किसी समुदाय के लड़के से शादी कर ली हो लेकिन उसके बाद भी लड़की का पिता की संपत्ति पर अधिकार है तथा लड़की अपना दावा कर सकती है। दरअसल एक भाई ने दावा किया था कि उसकी बहिन ने धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से शादी कर ली है जिसके बाद मेरे पिता की संपत्ति पर उसका कोई अधिकार नहीं बनता। इसी पर मुम्बई हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है।

मुम्बई हाईकोर्ट का ये फैसला निश्चित ही हिन्दू समुदाय के लिए काफी निराशाजनक है। इस फैसले के बाद निश्चित रूप से अब लव जिहाद की घटनाएँ बढेंगी क्यूंकि इसके माध्यम से लव जिहाद करने वाले मुस्लिमों को हिन्दू समाज की लड़की मिलने के साथ धन-दौलत, मकान-दुकान भी मिल जायेगा।  ये फैसला हिन्दू समाज में असंतोष व आक्रोश पैदा करेगा क्यूंकि एक तो लव जिहाद के कारण उनका धर्म तो जायेगा ही, धर्म तो नष्ट होगा ही लेकिन इसके साथ ही उनकी पसीने की मेहनत की कमाई भी वो लव जिहादी व्यक्ति ले जायेगा।

आपको बता दें कि लव जिहाद में फंसी लड़कियों के साथ शादी के बाद किसी मुस्लिम देश में बेचने के भी कई मामले सामने आये हैं और वहाँ उसको वैश्या बनाकर उसका खूब यौन शोषण किया जाता है और पिटाई भी की जाती है, कई जगहों से तो हिन्दू लड़कियों को आतंकवादियों को सौपने के मामले भी सामने आये हैं इसलिए सावधान रहें बेटियों को धर्म के संस्कार दें नहीं तो आगे जाकर आपकी लाडली बेटी का जीवन खतरनाक रूप ले सकता है।

हिन्दू लड़कियों को फंसाने के लिए जाति के अनुसार अरब देश पैसे दे रहा है, उसके आकंड़े भी सोशल मीडिया पर चल रहे हैं।

फँसाने के लिये घोषित किया गया लिस्ट  :-
सिक्ख लड़की = 9 लाख
पंजाबी हिन्दू लड़की = 8 लाख
हिन्दू ब्राह्मण लड़की = 7 लाख
हिन्दू क्षत्रिय लड़की = 6 लाख
हिन्दू वैश्य लड़की = 5 लाख
हिन्दू दलित लड़की = 2 लाख
हिन्दू जैन लड़की = 4 लाख
बौद्ध लड़की = 4.2 लाख

अब आपको प्रश्न होगा कि लव जिहाद क्यों किया जाता है?

उसका उत्तर है कि गैर मुसलमानों का शीघ्रता से ईस्लामीकरण हो । क्योंकि जब किसी भी जाति को समाप्त करना हो तो उनकी स्त्रियों को दूषित किया जाता है । जिससे कि वो अपने समाज में आत्म सम्मान खो दें और दूसरे समाज में जाने को बाध्य हो सकें । मुसलमान लड़के लव जिहाद द्वारा हिन्दू लड़कियों को फंसाकर उनकी सम्पत्ति के मालिक बन रहे हैं ।लव जिहाद का मुख्य उद्देश्य है अलतकियाह, ( गज़्वा ए हिन्द ) यानि भारत का ईस्लामीकरण ।

लव जिहाद की शिकार युवतियों की स्थिति नर्क
से बदतर होती है । जैसा कि कई लड़कियों को मुसलमानों के साथ विवाह के बाद उन्हें गौ-मांस खिलाया जाता है, तलाक देकर वैश्यावृत्ति के धंधे में धकेल दिया जाता है  या फिर उनको भारत की यात्रा पर आये अरब के शेखों को बेच दिया
जाता है । जो उनको अपने साथ अरब देशों में ले जाते हैं । वहाँ उनको 'नमकीन बेगम' के नाम से सम्बोधित किया जाता है, उन्हें गुलाम बनाकर उनका भयंकर यौन शोषण किया जाता
है । कई बार उनको नेपाल के माध्यम से पाकिस्तान भेजा जाता है , या फिर असम, त्रिपुरा या बंगाल से उनको बांग्लादेश भेजा जाता है।

अपनी बेटियां को बचाने के लिए माता-पिता को यह करना होगा...

1. बेटी के प्रतिदिन के आचार-विचार पर ध्यान दें । उसके विद्यालय अथवा महाविद्यालय आने-जाने का समय अपने पास लिखकर रखें !

2. बेटी के मित्र और सहेलियों का संपर्क क्रमांक अपने पास रखें । समय-समय पर उनसे अपनी बेटी के आचरण के विषय में पूछताछ करते रहें !

3. ‘स्कार्फ’ बांधने के कारण दोपहिए वाहन पर ‘लव जिहादी’के पीछे बैठी युवती को पहचानना कठिन होता है, यह जानकर उसके ‘स्कार्फ’ बांधने के संदर्भ में सावधान रहें ।

4. महाविद्यालय के कार्यक्रम में अन्य युवकों के साथ बेटी के सम्मिलित होने के विषय में समझ लें !

5. माध्यमिक विद्यालय और महाविद्यालयों के परिसर में भटकने वाले अपरिचित धर्मांध युवकों की जानकारी तुरंत हिन्दुत्ववादी संगठनों को दें !

6. नई वेशभूषा, अलंकार, बहुमूल्य ‘मोबाईल’, ‘कैमरा’ आदि वस्तुएं बेटी की आवश्यकताओं के अनुसार ही दें !

7. `लव जिहाद’की कुछ घटनाएं ‘मोबाईल’के कारण हुई हैं । इसलिए ‘बेटी के ‘मोबाईल’पर किसका दूरभाष आता है, इसका पता बीच-बीच में करते रहें ! बेटी के ‘मोबाईल’में संरक्षित (सेव) किया हुआ ‘लव जिहादी’ युवक का क्रमांक किसी अन्य नाम से भी हो सकता है, यह भी ध्यान में रखें !

8.  वयस्क होने पर युवती में शारीरिक एवं मानसिक परिवर्तन होते रहते हैं । इस काल में आप उससे प्रेमपूर्वक व्यवहार करें । उसमें अपनत्व की भावना जगाएं !

9. प्रतिदिन बेटी से थोडा समय अनौपचारिक संवाद कर उसके मन में क्या चल  रहा है, यह जान लें ! बेटी आपसे सहजता से बातचीत करे, परिवार में ऐसा वातावरण बनाए रखें !

10 . बचपन से ही बेटी पर हिन्दू धर्म के पारिवारिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नीतिमूल्यों का संस्कार करें !

11 . हिन्दू वंश और हिन्दुस्थान में जन्म होने का अभिमान बेटीमें जागृत करें !

12. हिन्दू सभ्यता को शोभा देनेवाली वेशभूषा करने का संस्कार बेटी पर करें !

13. धर्मसत्संग, राष्ट्रपुरुषों से संबंधित कार्यक्रम आदि कार्यक्रमों में सम्मिलित होने के लिए बेटी को प्रोत्साहित करें !

14. हिन्दू संस्कृति, हिन्दू धर्म के ग्रंथ, हिन्दू धर्म का इतिहास, हिन्दू धर्म की श्रेष्ठता आदि का महत्त्व बेटी को बताएं !

15. बेटी को हिन्दूधर्म का तत्त्वज्ञान और आध्यात्मिक परंपरा की शिक्षा, अर्थात् धर्मशिक्षा दीजिए और उसके अनुसार आचरण करने हेतु प्रेरित करें !

बेटीको धर्मांध स्त्री के यातनामय जीवन से परिचित करवाएं !

‘बहुपत्नीत्व, बुरका, तलाक, आर्थिक परावलंबिता, मार-पीट और ढेर सारे बच्चों का झमेला, यह धर्मांध स्त्री के जीवन में आया हुआ नित्य का भोग है । इसका बोध प्रत्येक हिन्दू अभिभावक अपनी बेटियों को वयस्क होने से पूर्व ही कराएं ।

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