Saturday, March 10, 2018

मीडिया सदा जिनके विरोध में बोली, उनके समर्थन में आई लाखों महिलाएं, पर छुपा दी गई खबर

March 10, 2018

हिन्दुस्तान की जनता का अब इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया पर से भरोसा उठता जा रहा है क्योंकि पैसे और टीआरपी के लिए मीडिया इतनी गिर गई है कि उसे सत्य से कुछ लेना-देना ही नहीं रहा है । हर खबर के दाम फिक्स होते हैं नहीं देने पर झूठी खबरों को सच और सच्ची खबरों को झूठा दिखाकर समाज को गुमराह करती है । यही आज की मीडिया का धंधा बन गया है कोई कोई सज्जन मीडियाकर्मी होंगे जो सच्चाई दिखाते होंगे बाकि तो लगभग सभी मीडिया हाउस बिके हुए हैं ।
The media has always been opposed to the quote,
the millions of women in their support, but hidden news

दो दिन पहले 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस था । उस दिन देशभर में अनेक स्थानों पर महिलाओं ने गौ,गीता व संतों की रक्षा के लिए रैलियां निकाली, धरने दिए, राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री , कानूनमंत्री के नाम से कलेक्टर को ज्ञापन दिए लेकिन कुछ सज्जन मीडियाकर्मियों के अलावा न प्रिंट मीडिया ने छापा और न ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने दिखाया ।

आपको बता दें कि महिला उत्थान मण्डन ने विश्व महिला दिवस पर देशभर में गौमाता की रक्षा, श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान के प्रचार-प्रसार एवं वर्तमान में हिन्दू धर्मगुरु संत आसारामजी बापू को न्याय दिलाने के लिए कदम उठाए ।


महिला उत्थान मंडल की बहनों द्वारा गौ-गीता की रक्षा एवं हिन्दू संत आशारामजी बापू की रिहाई की मांग करते हुए “अहमदाबाद, सूरत, जोधपुर, भिलाई, गोरेगांव, नासिक, उल्हासनगर, जमशेदपुर, दिल्ली, छतरपुर, मैनपुरी व अलीराजपुर” में संस्कृति रक्षा यात्राएँ निकाली गयी |

इसके अतिरिक्त जम्मू, नागपुर, रायपुर, धार, सोलापुर, लखनऊ में धरना प्रदर्शन भी किया गया । 

निम्नलिखित राज्यों के विभिन्न स्थानों में ज्ञापन सौंपे गये -
मध्यप्रेदश – अलीराजपुर, भोपाल, धार, हरदा, छतरपुर, इंदौर, जबलपुर, झाबुआ, करेली, मनावर, बैतूल, कटनी, रतलाम व सिहोर । 

गुजरात – अहमदाबाद, भावनगर, बड़ौदा, पालनपुर, राजकोट व सूरत । 

भारत की राजधानी दिल्ली 

पंजाब – पटियाला, चंडीगढ़, अबोहर व जलंधर । 

उत्तराखण्ड – हरिद्वार व हल्दवानी  ।    

उत्तर प्रदेश – सहारनपुर, बरेली, गोरखपुर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद व हरदोई ।

महाराष्ट्र – नागपुर, अकोला, कराड़, सातारा, मालेगांव, अमरावती, गोरेगांव, धुलिया, गोंदिया, कोल्हापुर व सोलापुर । 

झारखण्ड – जमशेदपुर ।

जम्मू व कश्मीर – जम्मू व साम्बा । (रामगढ़, हीरानगर, कूटा, घघवाल व विजयगढ़ सम्मिलित रहे )

छत्तीसगढ़ – रायपुर, भिलाई, कोरबा व राजनांदगांव ।

हरियाणा -  अम्बाला, करनाल व रोहतक ।

सोशल मीडिया पर 8 मार्च को #womenempowermentbyBapuji हैशटैग के नाम से हजारों ट्वीट्स देखने को मिली । अलग-अलग स्थानों से रैलियों के लाइव वीडियो भी अपलोड किए गए थे ।

गौर करने वाली बात ये है कि एक लड़की के महज आरोप लगाने पर मीडिया ने हिन्दू संत आसारामजी बापू पर 24-24 घंटे डिबेट चलाई, पर जब उनके समर्थन में लाखों महिलाओं आई तो क्यों उनकी आवाज दबाई ???

क्यों इतनी बड़ी खबर को मीडिया कवरेज नहीं मिला ??

देशभर में अलग-अलग स्थानों की महिला मंडल की महिलाओं से जब बात की गई तो उनका कहना था कि हम लाखों-करोड़ो महिलाएं बापू आसारामजी को मानती हैं, उनके आश्रम में जाती हैं, सत्संग सुनती हैं और आसाराम जी बापू की प्रेरणा से हिन्दू संस्कृति रक्षार्थ अनेक सेवाकार्यों में संलग्न हैं । उन्होंने हम महिलाओं के लिए जो किया वो सराहनीय है । हम नारियों को समाज में नारायणी का दर्जा देने वाले संत के साथ हो रहे अन्याय पर हम सड़कों पर उतरी हैं और सरकार व न्यायालय से गुजारिश करती हैं कि संत आसारामजी बापू को जल्द से जल्द रिहा करें क्योंकि समाज को उनकी आवश्यकता है ।

मंडल की बहनों ने आगे बताया कि जगजाहिर है कि मेडिकल रिपोर्ट में बापू आसारामजी को क्लीनचिट मिल चुकी है और उनको फंसाने के लिए हुए षडयंत्रों की भी पोल-पट्टी न्यायालय के समक्ष खुल रही है । एक 80 वर्षीय संत के साथ अपने ही देश में इतना अन्याय देखकर हमारा मन व्यथित है ।इसलिए आज हम उनकी रिहाई की मांग लेकर सड़कों पर उतरी हैं ।

गौरतलब है कि बापू आसारामजी 4 साल 6 महीने से बिना सबूत जोधपुर जेल में बंद है और अंतिम बहस के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने भी कई चौकाने वाले खुलासे किये हैं ।


1- FIR करवाई गई घटना के 5 दिन बाद । वो भी जोधपुर की घटना बताकर, दिल्ली में रात्रि 2:45 बजे FIR की गई ।

2- हेल्पलाइन रजिस्टर के कई पन्ने #संदिग्घ तरीके से फाड़ें गए ।

3- FIR दो दिन बाद न्यायालय में पेश की गई ।

4- अलग-अलग सर्टिफिकेट में पाई गई लड़की की अलग-अलग उम्र ।

5- FIR लिखते समय की गई वीडियो रिकॉर्डिंग गायब कर दी गई ।

6- FIR और FIR की कार्बन कॉपी में अंतर पाया गया ।

7- मेडिकल में नहीं मिला एक खरोंच का भी निशान, मेडिकल में भी क्लीनचिट मिल चुकी है।

8-  कॉल डिटेल्स अनुसार जिस समय की घटना बता रही है उस समय तो वो अपने मित्र (पुरुष) से बात कर रही थी और देर रात तक वो मैसेज से बात करती रही ।

9 - लड़की की माँ दिल्ली में ही गिरफ्तार करवाना चाहती थी।

10- लड़की और उसके मां-बाप ने जो भूत-प्रेत की छाया बताने की घटना बताई है वो कल्पना करके झूठी बनाई गई है।

आपको बता दें कि अधिवक्ता सुराणा ने और भी कई खुलासे किये है जिससे साफ पता चलता है कि बापू आशारामजी को षडयंत्र के तहत फंसाया गया है।

केवल न्यायालय में सुराणा जी ने केस के खुलासे किये ऐसी बात नही है दिग्गज न्यायविद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी भी पहले न्यायालय में आकर सनसनीखेज खुलासे कर चुके हैं और उन्होंने बताया है कि बापू आशारामजी को धर्मांतरण कार्यों में रुकावट बनने के कारण सुनियोजित षडयंत्रपूर्वक जेल भिजवाया है।

डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी तो गृहमंत्री राजनाथ को भी बता चुके हैं कि बापू आशारामजी को जेल में रखने का फालतू खर्च किया जा रहा है, उनके ऊपर केस बनता ही नही है, उनको तुरन्त रिहा किया जाये।

मीडिया केवल विदेशी ताकतों के इशारे पर हिन्दू संत आसारामजी बापू को बदनाम करती रही लेकिन आज इतनी बड़ी सच्चाई और अच्छाई सामने आई लेकिन सब छुपा रही है जिसके कारण मीडिया पर जनता का भरोसा उठता जा रहा है ।

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