
#Black_Day Of The #History...!!!

न दोषी होने का कोई #सबूत न मिली राहत....!!!

आज #31_अगस्त को संत #आसारामजी_बापू को #गिरफ्तार किये 3 वर्ष पूरे होने पर , #बापू की रिहाई की माँग करते हुए देश के विभिन्न शहरों में करोड़ों #अनुयायी और #हिन्दू जन जागृति समिति, हिन्दू यूनाइटेड फ्रंड संगठन आदि हिन्दू संगठनों द्वारा रैलियाँ निकाली गयी, धरना-प्रदर्शन हुए और क्लेटकर को #ज्ञापन दिए गए ।
 |
Jago Hindustani - #BlackDay_31अगस्त |

#ट्विटर पर भी बापू की अन्यायपूर्ण #गिरफ्तारी और शीघ्र रिहाई की माँग को लेकर लाखों अनुयायी दिनभर #BlackDay_31अगस्त द्वारा #ट्रेंड में बने रहें ।

इनका कहना था कि #अंतर्राष्ट्रीय षडयंत्रों के तहत कुछ #कानूनों की आड़ में निर्दोष #संतों एवं #साध्वियों को फँसाकर #सनातन_संस्कृति को बदनाम किया जा रहा है ।

उसी कड़ी में #पूज्य संत श्री आशारामजी बापू भी हैं जिन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के उत्थान में लगा दिया ।

लड़की की मेडिकल जाँच #रिपोर्ट में आरोप की पुष्टि न होने के बावजूद भी बिना किसी ठोस सबूत, केवल एक लड़की के झूठे आरोप के चलते पिछले तीन वर्षों से #कारागृह में पीड़ा सह रहे हैं संत आसारामजी बापू , जिसके कारण देश-विदेश के करोड़ों लोग पीड़ित हैं ।

संत आसारामजी बापू के खिलाफ किस प्रकार गवाहों के बोगस ब्यान तैयार किये गये हैं इसकी सच्चाई भी सामने आ चुकी है ।

मुख्य सरकारी गवाह सुधा पटेल ने #पुलिस द्वारा दर्ज आरोप-पत्र में उनके नाम पर लिखे गये ब्यान को #न्यायालय के समक्ष झूठा एवं मनगढ़ंत बताया ।

सुधा पटेल ने कहा कि #पुलिस ने मुझसे हस्ताक्षर करवाये थे लेकिन मुझे पता नहीं है कि पुलिसवालों ने मेरे हस्ताक्षर किस बात के करवाये थे ।

ऐसे तो अनेकों प्रमाण संत आसारामजी बापू की निर्दोषता के सामने आ चुके हैं ।
और उन्हें फँसाने हेतु किये गये षडयंत्रों का खुलासा भी हो चुका है ।

साजिश रचने वाले सतीश वाधवानी आदि शातिर अपराधियों को जम्मू पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है तथा उन पर #यौन-शोषण के झूठे मामले बनाने, आश्रम में कंकाल गड़वा के बापूजी के ऊपर हत्या के झूठे केस लगवाने की साजिश रचने आदि के लिए संगीन आपराधिक धाराओं के तहत केस भी दर्ज हो चुका है ।
#जम्मू_पुलिस के अनुसार #षड़यंत्रकारियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं ।

जैसा कि पहले भी बताया गया है कि लड़की के फोन रिकॉर्ड्स से पता लगा है कि जिस समय पर वह कहती है कि वह कुटिया में थी, उस समय वह वहाँ थी ही नहीं । किसी अन्य व्यक्ति से फोन पर बात कर रही थी । उसी समय बापूजी भी #सत्संग में थे और आखिर में मँगनी के कार्यक्रम में व्यस्त थे । वे भी अपनी कुटिया में नहीं थे ।

बापूजी पर ‘#पॉक्सो_एक्ट’ लगवाने हेतु एक झूठा सर्टिफिकेट निकाल के दिखा दिया गया है कि लड़की 18 साल से कम उम्र की है, जबकि अन्य दस्तावेजों से सिद्ध होता है कि तथाकथित घटना के समय उसकी उम्र 18 वर्ष से ज्यादा थी ।

दूसरी ओर बापूजी पर आरोप लगानेवाली सूरत की महिला ने गांधीनगर कोर्ट में एक अर्जी डालकर बताया कि उसने धारा 164 के अंतर्गत पहले बापूजी के खिलाफ जो ब्यान दिया था वह डर और भय के कारण दिया था । अब वह 164 के अंतर्गत दूसरा ब्यान देकर केस का सत्य उजागर करना चाहती है ।

79 वर्षीय संत श्री आशारामजी बापू को ‘#ट्राइजेमिनल_न्यूराल्जिया’ की तकलीफ है । #डॉक्टरों का मानना है कि इससे ज्यादा दर्द अन्य किसी #बीमारी में नहीं होता ।
इसकी असहनीय पीड़ा से बचने के लिए कभी-कभी लोग #आत्महत्या भी कर लेते हैं इसलिए इसे suicide disease भी कहते हैं ।

#कारागृह में इलाज के लिए अनुकूल #वातावरण न होने से वहाँ इलाज में सफलता नहीं मिल रही है । कारागृह के वातावरण में स्वास्थ्य दिनोंदिन बिगड़ता जा रहा है । उन्हें अब व्हील चेयर पर #न्यायालय में लाया जाता है । इतना कष्ट सहते हुए भी आसारामजी बापू हमेशा अपने भक्तों को धैर्य और शांति बनाये रखने का संदेश देते रहे हैं ।

#सर्वोच्च_न्यायालय के एक फैसले के अनुसार भारत में एक व्यक्ति की औसत आयु 65 वर्ष है तथा वृद्धावस्था जमानत देने के लिए प्रासंगिक एवं महत्त्वपूर्ण है ।

जैसा कि 2009 (11) #एस.सी.सी. 363 एवं अन्य निर्णयों में कहा गया है ।

सर्वोच्च न्यायालय के एक अन्य फैसले के अनुसार ‘सुनवाई के दौरान कैद एक निश्चित अवधि के लिए ही होनी चाहिए और अगर अवधि समाप्त हो जाती है और सुनवाई समाप्त नहीं होती है तो अभियुक्त को रिहा कर देना चाहिए ।’

उनके अनुयायियों का कहना है कि संत आशारामजी बापू को कारागार में रखे हुए 3 वर्ष हो चुके हैं । उनके खिलाफ #जोधपुर में बनाये गये मुकदमें के सभी सरकारी गवाहों की गवाही भी समाप्त हो चुकी है तो उनको बेल तो दे देनी चाहिए !

#संत_आशारामज_ बापू गत 5 दशकों से सत्संग व #सेवा के माध्यम से विश्वमानव को ईश्वरीय सुख-शांति, आत्मिक निर्विकारी आनंद दिलाने का अथक प्रयास करते आ रहे हैं । बापू के ओजस्वी जीवन एवं उपदेशों से असंख्य लोगों ने व्यसन, मांस आदि बड़ी सहजता से छोड़कर संयम-सदाचार का रास्ता अपनाया है ।

कलेक्टर को #ज्ञापन देते हुए उनके अनुयायियों ने कहा है कि #भारतीय #संस्कृति की ध्वजा फहरानेवाले, #आध्यात्मिक क्रांति के प्रणेता, संयममूर्ति संत श्री आशारामजी बापू की समाज को अत्यंत आवश्यकता है ।

अतः हम आपके माध्यम से यह माँग करते हैं कि उन्हें अति शीघ्रातिशीघ्र जमानत दी जाय और उनके खिलाफ किये गये बोगस केसों को रद्द किया जाय तथा उन्हें फँसानेवाले षड़यंत्रकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएँ ।

रैली में बड़ी संख्या में महिलाओं, पुरुषों व हिन्दू संगठनों ने भाग लिया तथा बापू को निर्दोष बताते हुए उनकी रिहाई की माँग की । रैली में बैनरों आदि के माध्यम से भी बापू पर हो रहे अन्याय को दर्शाया गया ।

🏻जागो हिंदू !!!
No comments:
Post a Comment