
इतनी #उपयोगिता के बाद भी इन #ग्रंथों से #सेक्यूलरवादियों को परहेज क्यों..???

कभी #आर्यावर्त में #गुरुकुलों की परंपरा से #विद्यार्जन का आरंभ करनेवाले #तक्षशिला और #नालंदा #विश्वविद्यालय का अतुलनीय उच्च कोटि का #शैक्षिक #इतिहास रहा है ।

उस #शिक्षा_व्यवस्था में #वेद-#शास्त्रों के अलावा #व्याकरण, #दर्शन, #शल्यविद्या, #ज्योतिष, #योगशास्त्र तथा #चिकित्साशास्त्र (#आयुर्वेद) आदि पढ़ाए जाते थे ।
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Jago Hindustani-Spiritual Books are national tresure |

लेकिन #वर्तमान में #आधुनिकता के आ जाने तथा तकनीक और विज्ञान से जुड़ने के बाद रहन-सहन और व्यावहारिक उपयोग में हमारी #शिक्षा और उसकी धारा में #योग, #धर्म, #शास्त्र आदि कहीं नजर ही नहीं आ रहे है । जीवन का आधार कहे जाने वाले ग्रंथ #रामायण,#महाभारत व #गीता से दूर होने के कारण आज देश में #अराजकता, #भ्रष्टाचार, #अन्याय आदि का बोलबाला हो गया है ।

रामायण, महाभारत व गीता में जीवन की हर समस्या का समाधान है....!!!

हम समाज में किस तरह रहें..?
परिवार में किस तरह रहें ...?
अपने कार्य क्षेत्र में कैसे रहें...?
मित्रों के साथ हमारा व्यवहार कैसा हो...?

ये सभी बातें हम इस ग्रंथ से सीख सकते हैं।

इन #ग्रंथों की बहुउपयोगिता के कारण ही कई स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय,
प्रबंधन #संस्थान ने इस ग्रंथ की सीख व उपदेश को पाठ्यक्रम में शामिल किया है ।

अंगिका डेवलपमेंट सोसायटी के अधीन चलने वाली "#दिल्ली पब्लिक #स्कूल"(#डीपीएस) की #राँची की शाखाओं में बच्चों को अब नियमित रूप से रामायण और महाभारत की कथाएँ पढ़ाने का फैसला लिया है ।

#डीपीएस #भागलपुर की प्रिंसिपल डॉ. #अरुणिमा चक्रवर्ती ने बताया कि इस तरह के प्रयास से बच्चों में शालीनता पैदा की जा सकेगी ।

स्कूलों में #सूर्य_नमस्कार और ओम के उच्चारण करवाने जैसे साहसिक फैसलों के बाद अब राजस्थान सरकार ने 13,401 #माध्यमिक व #उच्च_माध्यमिक स्कूलों के #पुस्तकालयों में #श्रीमद्भगवतगीता रखवाने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए हैं ।

#माध्यमिक_शिक्षा_निदेशालय बीकानेर के डायरेक्टर बी.एल. स्वर्णकार ने आदेश में कहा है कि 'विद्यार्थियों को गीता का उपयोग सुनिश्चित करते हुए अध्ययन के लिए प्रेरित करना होगा, जिससे उनका आध्यात्मिक विकास हो सकें ।'

#राजस्थान में #स्कूलों - #कॉलेजों में गीता,रामायण और महाभारत से #मैनेजमेंट और #अर्थशास्त्र के गुण सिखाए जाने के फैसले को लेकर सेक्यूलर पार्टी व संगठन ने हंगामा मचाना प्रारंभ कर दिया है । लेकिन राजस्थान #सरकार अपने फैसले पर डटी हुई है।

राजस्थान के उच्च शिक्षा #मंत्री कालीचरण सर्राफ ने कहा है कि इसमें भगवाकरण जैसी कोई बात नहीं है। रामायण और महाभारत अस्सी फीसदी लोग पढ़ते हैं और हम वही तो पढ़ा रहे हैं। अगर ये भगवाकरण है तो हमें ये मंजूर है।'

कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री डॉ. महेश शर्मा ने भी कहा है कि 'गीता-रामायण भारत की #सांस्कृतिक व #आध्यात्मिक धरोहर हैं। इसलिए स्कूलों में इनकी पढ़ाई को अनिवार्य किया जाना चाहिए।

अब समय आ गया है कि पश्चिमी #संस्कृति के #नकारात्मक प्रभाव को दूर किया जाए और अपनी पुरानी #संस्कृति को अपनाया जाए। #हिंदुत्व को बढ़ावा दिया जाना भगवाकरण नहीं है।'

#हरियाणा के #स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक #नैतिक शिक्षा की किताबों में योग के महत्व के अलावा, भगवद्गीता और वेदों का सार भी पढ़ाया जाएगा।

#कुरुक्षेत्र #विश्वविद्यालय के अंतर्गत दर्शन-विभाग ने एम. ए. दर्शनशास्त्र के पाठ्यक्रम में एक पेपर में 'श्रीमदभगवद्गीता' की विभिन्न शिक्षाओं को स्थान दिया है ।

#विभाग की #अध्यक्षा प्रोफेसर #अनामिका गिरधर का कहना है कि'श्रीमदभगवद्गीता' में चरित्र निर्माण, आचरण,व्यवहार व विचार को सुंदर एवं अनुपम बनाने की सामग्री मिल जाती है । किसी भी सम्प्रदाय,मत या वाद की कोई भी ऐसी पुस्तक नहीं है कि जो इस कसौटी पर खरी उतरी हो । इसलिए इसे #एमए दर्शन शास्त्र के पाठयक्रम में शामिल किया गया है।'

#आधुनिक काल में जे. रॉबर्ट आइजनहॉवर ने गीता और महाभारत का गहन अध्ययन किया। उन्होंने महाभारत में बताए गए #ब्रह्मास्त्र की संहारक क्षमता पर शोध किया और अपने मिशन को नाम दिया ट्रिनिटी (त्रिदेव)।

रॉबर्ट के नेतृत्व में 1939 से 1945 के बीच #वैज्ञानिकों की एक टीम ने यह कार्य किया और #अमेरिका में 16 जुलाई 1945 को पहला परमाणु परीक्षण किया ।

हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में छुपे रहस्यों को उजागर करने के लिए विदेशों में अनेकों अनुसंधान चल रहे हैं । उसमें विदेशियों को सफलता भी खूब मिल रही है । उन्हीं रहस्यों को उजागार करने के लिए अब भारत में विश्वविद्यालय खुलने लगे हैं । पटना से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित बिद्दूपुर, #वैशाली में एक विश्वविद्यालय खोला जा रहा है जहाँ रामायण, गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों की पढ़ाई होगी ।

यहाँ न सिर्फ रामायण, गीता जैसे धार्मिक ग्रंथ पढ़ाए जाएंगे बल्कि इसमें देश-विदेश में रोजगार भी उपलब्ध होगा । साथ ही रामायण आदि हिंदुओं के धार्मिक ग्रंथों से जुड़े शोध कार्य भी यहाँ किए जा सकेंगे । 5 साल के इस कोर्स में #एस्ट्रोफीजिक्स, #एस्ट्रॉनोमी,
#हिंदू माइथॉलोजी,#वेद, #उपनिषद संस्कृत, #हिंदी, अन्य #भारतीय तथा #एशियाई भाषाओं में पढ़ाए जायेंगे ।

अमेरिका के #न्यूजर्सी में स्थापित कैथोलिक सेटन हॉ यूनिवर्सिटी में गीता को अनिवार्य पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किया है ।

कई विशेषज्ञों का मानना है कि गीता में दिया गया ज्ञान आधुनिक मैनेजमेंट के लिए भी एकदम सटीक है और उससे काफी कुछ सीखा जा सकता है।

इनका तो यहाँ तक कहना है कि गीता का मैनेजमेंट गुण पश्चिमी देशों के सिर्फ मुनाफा कमाने के मैनैजमेंट वाली सोच से कहीं बेहतर है क्योंकि गीता इंसान के पूरे व्यक्तित्व में आत्मिक सुधार की बात करती है ।

इंसान में सुधार आने के बाद उसके जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति तय है और मैनेजमेंट भी उनमें से एक है । गीता में ऐसे कई श्लोक हैं जो द्वापर युग में अर्जुन के लिए तो प्रेरणादायी साबित हुए ही थे,अब इस युग में आधुनिक मैनेजमेंट के भी बहुत काम के हैं । इसलिए आधुनिक मैनेजर गीता ज्ञान से मैनेजमेंट के गुण सीख रहे हैं ।

#भारत ने वेद-पुराण, उपनिषदों से पूरे विश्व को सही जीवन जीने की ढंग सिखाया है । इससे भारतीय बच्चे ही क्यों वंचित रहे ?

जब मदरसों में कुरान पढ़ाई जाती है, #मिशनरी के स्कूलों में बाइबल तो स्कूल-कॉलेजों में रामायण, महाभारत व गीता क्यों नहीं पढ़ाई जाएँ ?

मदरसों व मिशनरियों में शिक्षा के माध्यम से धार्मिक उन्माद बढ़ाया जाता है तो #सेक्यूलरवादी उसे संविधान का मौलिक अधिकार कहते है और जब स्कूलों-कॉलेजों में बच्चों को जीवन जीने के सही ढंग सिखाया जाता है तो बोलते हैं कि शिक्षा का भगवाकरण हो रहा है !

ये कौन-सा दोगलापन का खेल खेला जा रहा है #सेक्यूलरवादियों के द्वारा ?

क्यों देश में नफरत की #राजनीति की जा रही है ?

ऐसे छद्म गद्दारों को सबक सिखाया जाये, नहीं तो यह देश के पुनः कई टुकड़े करवा सकते हैं ।

अब आस्तीन के साँप को पहचानना जरूरी हो गया है । इनके खिलाफ पूरे #देशवासियों को एकजुट होने की आवश्यकता है ।

हो जाओ तैयार प्यारे देशवासियों!
देश में छुपे गद्दार के खिलाफ!
नहीं तो देश के कई टुकड़े कर सकते है सेक्यूलरवादी !
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