#गौहत्या पर प्रतिबन्ध के विरोध में दिए जा रहे कुतर्कों की समीक्षा ।
#हरियाणा_सरकार द्वारा #गौ_हत्या पर पाबन्दी लगाने एवं कठोर सजा देने पर मानो #सेक्युलर जमात की नींद ही उड़ गई है। एक से बढ़कर एक कुतर्क #गौ #हत्या के समर्थन में कुतर्की दे रहे है। इनके कुतर्कों की समीक्षा करते हुए अवश्य पढ़े।
#कुतर्क नं (1) - गौ हत्या पर पाबन्दी से #महाराष्ट्र के 1.5 लाख व्यक्ति बेरोजगार हो जायेंगे जो #मांस #व्यापार से जुड़े है।
समीक्षा- गौ पालन भी अच्छा व्यवसाय हैं। इससे न केवल गौ का रक्षण होगा अपितु पीने के लिए जनता को लाभकारी #दूध भी मिलेगा। ये #व्यक्ति #गौ_पालन को अपना व्यवसाय बना सकते हैं। इससे न केवल धार्मिक सौहार्द बढ़ेगा अपितु सभी का कल्याण होगा।
कुतर्क नं (2) - #गौ_मांस गरीबों का प्रोटीन हैं। प्रतिबन्ध से उनके स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव होगा।
समीक्षा- एक किलो गौ मांस 150 से 200 रुपये में मिलता हैं जबकि इतने रुपये में 2 किलो #दाल मिलती हैं। एक किलो गौमांस से केवल 4 व्यक्ति एक समय का #भोजन कर सकते हैं जबकि 2 किलो दाल में कम से कम 16-20 आदमी एक साथ भोजन कर सकते हैं। #मांस से मिलने वाले #प्रोटीन से पेट के #कैंसर से लेकर अनेक बीमारियां होने का खतरा है जबकि शाकाहारी भोजन #प्राकृतिक होने के कारण #स्वास्थ्य के अनुकूल है ।
Jago Hindustan - Gau Hatya Per Pratibandh Lagana Chahiye |
कुतर्क नं (3) - गौ मांस पर प्रतिबन्ध अल्पसंख्यकों पर अत्याचार है क्योंकि यह उनके भोजन का प्रमुख भाग है।
समीक्षा- #मनुष्य स्वभाव से #मांसाहारी नहीं अपितु #शाकाहारी है । वह मांस से अधिक गौ का #दूध ग्रहण करता है। इसलिए यह कहना कि गौ का मांस भोजन का प्रमुख भाग है एक कुतर्क है। एक गौ अपने जीवन में दूध द्वारा हजारों मनुष्यों की सेवा करती है जबकि मनुष्य इतना बड़ा कृतघ्न है कि उसे सम्मान देने के स्थान पर कसाइयों से कटवा डालता है।
कुतर्क नं (4) - अगर गौ मांस पर प्रतिबन्ध लगाया गया तो बूढ़ी एवं दूध न देनी वाली गौ जमीन पर उगने वाली सारी घास को खा जाएगी जिससे लोगों को घास भी नसीब न होगी।
समीक्षा- #गौ_घास खाने के साथ साथ #गोबर के रूप में प्राकृतिक खाद भी देती हैं जिससे जमीन की न केवल उर्वरा शक्ति बढ़ती है अपितु प्राकृतिक होने के कारण उसका कोई #दुष्परिणाम भी नहीं है। प्राकृतिक गोबर की खाद डालने से न केवल धन बचता है अपितु उससे जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है ।
साथ में ऐसी फसलों में कीड़ा भी कम लगता है जिनमें प्राकृतिक खाद का प्रयोग होता है। इस कारण से महंगे कीटनाशकों की भी बचत होती है । साथ में #विदेश से महंगी #रासनायिक खाद का आयात भी नहीं करना पड़ता है । बूढ़ी एवं दूध न देनी वाली गौ को प्राकृतिक खाद के स्रोत्र के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
साथ में ऐसी फसलों में कीड़ा भी कम लगता है जिनमें प्राकृतिक खाद का प्रयोग होता है। इस कारण से महंगे कीटनाशकों की भी बचत होती है । साथ में #विदेश से महंगी #रासनायिक खाद का आयात भी नहीं करना पड़ता है । बूढ़ी एवं दूध न देनी वाली गौ को प्राकृतिक खाद के स्रोत्र के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
कुतर्क नं ( 5) - #गौहत्या पर प्रतिबन्ध अल्पसंख्यकों के अधिकारों का अतिक्रमण है।
समीक्षा- बहुसंख्यक के अधिकारों का भी कभी ख्याल रखा जाना चाहिए। इस #देश में बहुसंख्यक भी रहते है। गौहत्या प्रतिबंद पर अगर बहुसंख्यक समाज प्रसन्न होता हैं तो उसमें बुराई क्या है?
कुतर्क नं ( 6) - गौहत्या करने वाले को 10 वर्ष की सजा का प्रावधान हैं जबकि #बलात्कारी को 7 वर्ष का दंड है। क्या गौ एक #नारी के शील से अधिक महत्वपूर्ण हो गई?
समाधान- हम तो बलात्कारी को उम्र कैद से लेकर फांसी की सजा देने की बात करते है। आप लोग ही कटोरा लेकर उनके लिए मानव अधिकार के नाम पर माफी देने की बात करते है। सबसे अधिक मानव अधिकार के नाम पर रोना एवं #फांसी पर प्रतिबन्ध की मांग आप जैसे #सेक्युलर लोगों का सबसे बड़ा ड्रामा है।
कुतर्क नं (7) - गौहत्या के व्यापार में #हिन्दू भी शामिल है।
समाधान- गौहत्या करने वाला #हत्यारा है। वह हिन्दू या #मुसलमान नहीं है। #पैसो के लालच में अपनी #माँ को जो मार डाले वह हत्यारा या कातिल कहलाता हैं नाकि हिन्दू या मुसलमान।
सबसे अधिक गौमांस का निर्यात #मुस्लिम_देशों को होता हैं। इससे हमारे देश के बच्चे #दूध के लिए तरस जाते हैं और हमारे यहाँ का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ता हैं।
कुतर्क नं (8) - गौ पालन से ग्रीन हाउस गैस निकलती है जिससे पर्यावरण की हानि होती है।
समाधान- यह वैज्ञानिक तथ्य है कि मांस भक्षण के लिए लाखों लीटर पानी बर्बाद होता है जिससे पर्यावरण की हानि होती है। साथ में पशुओं को मांस के लिए मोटा करने के चक्कर में बड़ी मात्र में तिलहन खिलाया जाता है
जिससे खाद्य पदार्थों को अनुचित दोहन होता है। #शाकाहार_पर्यावरण के अनुकूल हैं और #मांसाहार पर्यावरण के प्रतिकूल हैं। कभी पर्यावरण #वैज्ञानिकों का कथन भी पढ़ लिया करो।
जिससे खाद्य पदार्थों को अनुचित दोहन होता है। #शाकाहार_पर्यावरण के अनुकूल हैं और #मांसाहार पर्यावरण के प्रतिकूल हैं। कभी पर्यावरण #वैज्ञानिकों का कथन भी पढ़ लिया करो।
कुतर्क नं ( 9) - अगर गौ से इतना ही प्रेम है तो उसे सड़कों पर क्यों छोड़ देते हैं ?
समाधान- प्राचीन काल में राजा लोग गौ को संरक्षण देने के लिए गौशाला आदि का प्रबंध करते थे जबकि आज की #सरकारें सहयोग के स्थान पर गौ मांस के निर्यात पर सब्सिडी देती है।
विडंबना देखिये! मुर्दों के लिए बड़े बड़े कब्रिस्तान बनाने एवं उनकी चारदीवारी करने के लिए सरकार अनुदान देती है जबकि जीवित गौ के लिए गोचर भूमि एवं चारा तक उपलब्ध नहीं करवाती। अगर हर शहर के समीप गोचर भूमि एवं चारा उपलब्ध करवाया जाये तो कोई भी गौ सड़कों पर न घूमे।
खेद हैं हमारे देश में अल्पसंख्यकों को लुभाने के चक्कर में #मुर्दों की गौ माता से ज्यादा औकाद बना दी गई है।
चुनाव से पहले #मोदी जी ने कहा था कि #मनमोहन_सिंह #सरकार हरित #क्रांति की जगह गुलाबी क्रांति (#मांस_उत्पादन) पर ज्यादा जोर दे रही है।
पर जब #केंद्र में #मोदी_सरकार बनी तो उसने मांस उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नए #बूचड़खाने स्थापित करने व पुरानों के आधुनिकीकरण के लिए अपने पहले बजट में 15 करोड़ रुपए की सब्सिडी का प्रावधान कर दिया। इसके नतीजे सामने आए और पहली बार देश को बासमती चावल की तुलना में कहीं ज्यादा आय मांस के निर्यात से हुई है।
2014-15 में 14% की बढ़ोतरी हुई । 4.8 अरब डालर की विदेशी मुद्रा अर्जित की।
2014-15 में 14% की बढ़ोतरी हुई । 4.8 अरब डालर की विदेशी मुद्रा अर्जित की।
#अहिंसा के पुजारी #महात्मा_गांधी के #राज्य #गुजरात में जहां एक ओर #नशाबंदी लागू है, वहीं #नरेंद्र_मोदी के सत्ता संभालने के बाद मांस का उत्पादन काफी बढ़ गया है । उनके सत्ता में आने के पहले #गुजरात का सालाना मांस निर्यात 2001-2 में 10600 टन था जो कि 2010-11 में बढ़कर 22000 टन हो गया
है ।
है ।
वर्ष 2014-15 के दौरान भारत ने 24 लाख टन मीट निर्यात किया जो कि दुनिया में निर्यात किए जाने वाले मांस का 58.7 फीसदी हिस्सा है। विश्व के 65 #देशों को किए गए इस निर्यात में सबसे ज्सादा मांस #एशिया में (80 फीसद) व बाकी #अफ्रीका को भेजा गया। वियतनाम तो अपने कुल मांस आयात का 45 फीसदी हिस्सा #भारत से मंगवाता है। दूसरा नंबर ब्राजील का है जिसने 20 लाख टन निर्यात किया जबकि #ऑस्ट्रेलिया 15 लाख टन निर्यात करके तीसरे नंबर पर रहा।
आय में देश ने चाहे और किसी क्षेत्र में अपना नाम भले ही न कमाया हो पर वह दुनिया का सबसे बड़ा मांस निर्यातक बन गया है।
#भगवान सभी #राजनैतिक पार्टियों को सदबुद्धि दें ।
मांस निर्याद बन्द करके अन्य उत्पादकों की वृद्धि द्वारा अन्य देशों में नाम कमाएं ।
जागो हिंदुस्तानी!!!
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🇮🇳जागो हिन्दुस्तानी🇮🇳
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