#भ्रष्टाचार से जकड़ा #देश
भ्रष्टाचार को लेकर लोगों में फैले आक्रोश के कारण बीते दो सालों में #केंद्र और #दिल्लीं_सरकार बदल गई, लेकिन #सरकारी_क्षेत्रों में अभी भी #भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो पाया है। सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार की जड़ कितनी गहरी फैली हुई है इसका पता केंद्रीय सतर्कता आयोग (#सीवीसी) द्वारा प्राप्त रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाता है । #देशभर में भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतों में भारी वृद्धि हुई है। केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की वार्षिक रिपोर्ट में साल 2014 में भ्रष्टाचार से जुड़ी 64,490 शिकायतें आने की बात कही गई है। #संसद में हाल ही में पेश रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2013 की तुलना में 2014 में भ्रष्टाचार की शिकायतों में 82.29 फीसद की वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2013 में ऐसी 35,332 शिकायतें मिली थीं।
कथित भ्रष्टाचार की शिकायतों में 12,394 मामले रेलवे कर्मचारियों, 5,363 मामले बैंक अधिकारियों और 5,139 मामले दिल्ली सरकार के #कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ प्राप्त हुए हैं। सीवीसी की #रिपोर्ट में 4,986 भ्रष्टाचार की शिकायतें #वित्त_मंत्रालय के खिलाफ हैं। 3,079 शहरी विकास मंत्रालय के खिलाफ हैं। वहीं, #दूरसंचार_मंत्रालय के #कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की 3,379 शिकायतें दर्ज की गई हैं।
#पेट्रोलियम_मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ 2,741 शिकायतें मिली हैं, खाद्य और उपभोक्तफ मामलों के #मंत्रालय के #अधिकारियों के खिलाफ ऐसी शिकायतों की संख्याम 2,235 है। #सेंट्रल_बोर्ड_ऑफ डायरेक्टं टैक्सच के खिलाफ 2084, #स्टील_मंत्रालय के खिलाफ 1601 और #सेंट्रल_बोर्ड_ऑफ_एक्सायइज एंड #कस्ट्म के खिलाफ 1460 शिकायतें दर्ज की गई हैं। #मानव_संसाधन #विकास_मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ 1377, शिकायतें और #परिवार_कल्यातण_मंत्रालय के खिलाफ 1143, #सूचना एवं #प्रसारण_मंत्रालय के खिलाफ 1018 शिकायतें मिली हैं। इसी प्रकार पोस्ट विभाग के खिलाफ 738, #पावर_मंत्रालय के खिलाफ 596, #टेक्सटाइल_मंत्रालय के खिलाफ 527 और #रक्षा_मंत्रालय के खिलाफ 604 शिकायतें मिली हैं।
भ्रष्टाचार से तंग जनता ने भले ही #सरकार बदल दी हो लेकिन हालात नहीं बदले हैं। #दुनियाभर में #विशेषज्ञों की राय के आधार पर #ट्रांसपेरेंसी_इंटरनेशनल की करप्श न #परसेप्शरन्सभ_इंडेक्सर (#सीपीआई) में देशों के सरकारी विभागों में व्या प्तु भ्रष्टाचार का अनुमान लगाया जाता है। #सीपीआई द्वारा 2015 में जारी रिपोर्ट के अनुसार 168 देशों की सूची में #भारत का स्थान 76वाँ है।
निजी या #सार्वजनिक #जीवन के किसी भी स्थापित और स्वीकार्य मानक का चोरी-छिपे उल्लंघन भ्रष्टाचार है। भारत में राजनीतिक एवं नौकरशाही का भ्रष्टाचार बहुत ही व्यापक है। इसके अलावा #न्यायपालिका, #मीडिया, #सेना, #पुलिस आदि में भी #भ्रष्टाचार व्याप्त है।
21 दिसम्बर 1963 को संसद में हुई बहस में डॉराममनोहर लोहिया ने कहा था सिंहासन और व्यापार के बीच संबंध भारत में जितना दूषित, भ्रष्ट और बेईमान हो गया है उतना दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं हुआ है। इसका उदाहरण है ये #घोटाले - #बोफोर्स_घोटाला - 64 करोड़ रुपये, #यूरिया_घोटाला - 133 करोड़ रुपये, #चारा_घोटाला - 950 करोड़ रुपये, #शेयर_बाजार_घोटाला - 4000 करोड़ रुपये, #सत्यम_घोटाला - 7000 करोड़ रुपये, #स्टैंप_पेपर_घोटाला - 43 हजार करोड़ रुपये, #कॉमनवेल्थ_गेम्स_घोटाला - 70 हजार करोड़ रुपये, #2जी_स्पेक्ट्रम_घोटाला - 1 लाख 67 हजार करोड़ रुपये, अनाज_घोटाला - 2 लाख करोड़ रुपए (#अनुमानित), कोयला_खदान_आवंटन_घोटाला - 12 लाख करोड़ रुपये और पता नहीं कितने हो रहे हैं और आगे भी होते रहेंगे ।
'#भारतीय_गरीब है लेकिन #भारत #देश कभी #गरीब नहीं रहा' - ये कहना है #स्विस_बैंक के #डाइरेक्टर का । स्विस बैंक के डाइरेक्टर ने यह भी कहा है कि भारत का लगभग 280 लाख करोड़ रुपये उनके स्विस बैंक में जमा है। ये रकम इतनी है कि भारत का आने वाले 30 सालों का बजट बिना #टैक्स के बनाया जा सकता है। #अंग्रेजों ने हमारे भारत पर करीब 200 सालों तक राज करके करीब 1 लाख करोड़ रुपये लूटा । मगर #आजादी के केवल 70 सालों में हमारे भ्रष्टाचारी बंधुओं ने 280 लाख करोड़ लूटा है।
आश्चर्य नहीं कि भारतीय समाज के भ्रष्टाचार के सबसे व्यस्त और अपराधी अड्डे अदालतों के परिसर हैं। गांधीजी ने कहा था कि अदालत न हो तो हिंदुस्तान में न्याय गरीबों को मिलने लगे। अंग्रेजी काल से ही न्यायालय शोषण और भ्रष्टाचार के अड्डे बन गये थे जो आज भी जारी है । #सर्वोच्च_न्यायालय के कई #न्यायधीशों पर #महाभियोग की कार्यवाही हो चुकी है। #न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार में - घूसखोरी,भाई #भतीजावाद, बेहद धीमी और बहुत लंबी #न्याय प्रक्रिया, बहुत ही ज्यादा मंहगा अदालती खर्च, #न्यायालयों की भारी कमी और पारदर्शिता की कमी, कर्मचारियों का भ्रष्ट आचरण आदि जैसे कारकों की प्रमुख भूमिका है।
#लोकतंत्र पर नजर रखने वाला #मीडिया_भ्रष्टाचार के जबड़े में है । आज मिडिया में भ्रष्टाचार इस सीमा तक बढ़ गया है कि #मीडिया के मालिक काफी तादाद में संसद में बैठते दिखाई देते हैं। अर्थात् भ्रष्ट मिडिया और #भ्रष्ट #राजनेता मिलकर काम कर रहे हैं। कई #पत्रकार भी #करोड़पति और #अरबपति हो गए हैं। छोटे-बडे़ शहरों, जिलों एवं कस्बों में पत्रकारों पर हमेशा से पैसे लेकर #खबर छापने या फिर खबर के नाम पर दलाली के आरोप आये दिन लगते रहते हैं। खुले आम कहा जाता है कि #पत्रकरों को खिलाओ-पिलाओ-कुछ थमाओं और खबर छपवाओ।
2005 में #भारत में #ट्रांसपेरेंसी #इंटरनेशनल नामक एक #संस्था द्वारा किये गये एक अध्ययन में पाया गया कि 62% से अधिक #भारतवासियों को सरकारी #कार्यालयों में अपना काम करवाने के लिये रिश्वत या ऊँचे दर्ज़े के प्रभाव का प्रयोग करना पड़ा।
वर्ष 2008 में पेश की गयी इसी संस्था की रिपोर्ट ने बताया है कि भारत में लगभग 20 करोड़ की रिश्वत अलग-अलग लोकसेवकों को (जिसमें न्यायिक सेवा के लोग भी शामिल हैं) दी जाती है।
#भ्रष्टाचार एक #बीमारी की तरह है। आज भारत देश में भ्रष्टाचार तेजी से बढ़ रहा है। इसकी जड़े तेजी से फैल रही है। यदि समय रहते इसे नहीं रोका गया तो यह पूरे देश को अपनी चपेट में ले लेगा। आज भारत का हर तबका इस बीमारी से ग्रस्त है। आज भारत में ऐसे कई व्यक्ति मौजूद हैं जो भ्रष्टाचारी है। सरकार भ्रष्ट हो तो जनता की ऊर्जा भटक जाती है। देश की #पूंजी का रिसाव हो जाता है। #भ्रष्ट अधिकारी और नेता धन को #स्विट्जरलैण्ड भेज देते हैं।
भ्रष्टाचार का बोलबाला यह दर्शाता है कि जिसे जो करना है वह कुछ ले-देकर अपना काम चला लेता है और लोगों को कानों-कान खबर तक नहीं होती। और अगर होती भी हो तो यहाँ हर व्यक्ति खरीदे जाने के लिए तैयार है। गवाहों को पैसे देकर बुलवाना, जाँचों का अनन्तकाल तक चलते रहना, #सत्य को सामने न आने देना - ये सब देश के लिए एक दु:खदायी पहलू हैं।
यह सच है कि भारत महाशक्ति बनने के करीब है परन्तु हम भ्रष्टाचार की वजह से इस से दूर होते जा रहे है। भारत के नेताओ को जब अपने फालतू के कामो से फुरसत मिले तब ही तो वो इस सम्बन्ध मे सोच सकते है उन लोगो को तो #फ्री का पैसा मिलता रहे देश जाये भाड मे। भारत को महाशक्ति बनने मे जो रोडा है वो है कुछ #भ्रष्ट_नेता, #भ्रष्ट_सरकारी_तंत्र कुछ भ्रष्ट #मीडिया के लोग आदि । #युवाओ को इस के लिये इनके खिलाफ लडना पडेगा, आज #देश को महाशक्ति बनाने के लिये एक महाक्रान्ति की जरुरत है, क्योकि बदलाव के लिये क्रान्ति की ही आवश्यकता होती है लेकिन इस बात का ध्यान रखना पडेगा की भारत के रशिया जैसे महाशक्तिशाली देश की तरह टुकडे न हो जाये, अपने को बचाने के लिये ये भ्रष्ट लोग कभी भी रुप बदल सकते है।
भारत से भ्रष्टाचार का #कैंसर खत्म करने के लिए विभिन्न पहलूओं पर विचार करना होगा । #समाज में भ्रष्टाचार उतना ही है जितनी हम-आप ने छूट दे रखी है। हम रिश्वतखोरों को पैसे देने से इसलिए मना नहीं कर पाते, क्योंकि हमें अपना काम अटक जाने का डर लगता है। सोचिए यदि इसका उलटा हो जाए...यानी पकड़े जाने का डर रिश्वतखोरों के मन में बैठ जाए तो आपका काम भी बन जायेगा और भ्रष्टाचार पर लगाम भी लग सकता है । तो क्यों न हम आज से संकल्प ले कि हम किसी को रिश्वत न देगे और न ही लेगे । यदि कोई लेता या देता है तो उसे सही मार्ग पर लाने की कोशिश करेंगे । साथ ही सरकार व न्यायपालिका को भी भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। जिससे हम एक भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने को सच कर सकें।
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