
संस्कृति की धरोहर है संत, करते आये संस्कृति संरक्षण ।
मिलकर आवाज उठाये आज,संतो के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ।।

जूना अखाड़ा के जगद्गुरु श्री पंचानंद गिरी महाराज जी मंच पर विराजमान सभी साधु -संतो को सम्बोधित करते हुए कहते है क़ि.....

आज सरकार जो संतों को रिहा नही कर रही है उसपर दबाव डालने की जरूरत है।

ये धर्म और अधर्म की लड़ाई है। एक लड़ाई धर्म -अधर्म की पहले युग में हुई थी और एक लड़ाई इस युग में है।

भगवान श्री कृष्ण ने कहा है क़ि समय -समय पर धर्म में परिवर्तन होने पर कभी शस्त्र से कभी शास्त्र से लड़ाई लड़ी जाती है।

देश के अन्दर एक दूसरा महाभारत शुरू होने जा रहा है।

जिस दिन हम तेरह घर के संतो को ले कर आयेंगें और संतो के ऊपर हो रहे षड़यंत्र के खिलाफ भव्य आंदोलन करेंगे उस दिन यह लड़ाई जीत जायेंगे।

सारा संत समाज लड़ाई के लिए तैयार है।

हम तेरह के तेरह आखाड़े लेकर आएंगे तो निर्दोष संत आशारामजी बापू को शीघ्र रिहा करना पड़ेगा।

भारत देश सदा से संतो के मार्गदर्शन से ही चलता आया है।

इस संसार में सभी को तीन ऋण चुकाने पड़ते हैं ।
पहला ऋण देवताओं का,दूसरा ऋण माँ -बाप का और तीसरा ऋण गुरु का।

सिरसा वालो ने गुरु गोविन्द सिंह को प्रताड़ित किया तो पूरे देश में आग लग गयी जिससे कारण गुरु गोविन्द सिंह से माफ़ी मांगनी पड़ी।

हमें भी संतों के अपमान के खिलाफ आवाज उठानी होगी।

-जगद्गुरु श्री पंचानंद गिरी, जूना अखाड़ा

Official Jago hindustani Visit

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