Friday, December 11, 2015

जगद्गुरु श्री पंचानंद गिरी महाराज जी : संस्कृति की धरोहर है संत, संस्कृति का संरक्षण करते आये है संत

🚩संस्कृति की धरोहर है संत, करते आये संस्कृति संरक्षण ।
मिलकर आवाज उठाये आज,संतो के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ।।
🚩जूना अखाड़ा के जगद्गुरु श्री पंचानंद गिरी महाराज जी मंच पर विराजमान सभी साधु -संतो को सम्बोधित करते हुए कहते है क़ि.....

🔥आज सरकार जो संतों को रिहा नही कर रही है उसपर दबाव डालने की जरूरत है।
🔥ये धर्म और अधर्म  की लड़ाई है। एक लड़ाई धर्म -अधर्म की पहले युग में हुई थी और एक लड़ाई इस युग में है।
🚩भगवान श्री कृष्ण ने कहा है क़ि समय -समय पर धर्म में परिवर्तन होने पर कभी शस्त्र से कभी शास्त्र से लड़ाई लड़ी जाती है।
🔥देश के अन्दर एक दूसरा महाभारत शुरू होने जा रहा है।
🚩जिस दिन हम तेरह घर के संतो को ले कर आयेंगें और संतो के ऊपर हो रहे षड़यंत्र के खिलाफ भव्य आंदोलन करेंगे उस दिन यह लड़ाई जीत जायेंगे।
🚩सारा संत समाज लड़ाई के लिए तैयार है।
🔥हम तेरह के तेरह आखाड़े लेकर आएंगे तो निर्दोष संत आशारामजी बापू को शीघ्र रिहा करना पड़ेगा।
🚩भारत देश सदा से संतो के मार्गदर्शन से ही चलता आया है।
🚩इस संसार में सभी को तीन ऋण चुकाने पड़ते हैं ।
पहला ऋण देवताओं का,दूसरा ऋण माँ -बाप का और तीसरा ऋण गुरु का।
    
🔥सिरसा वालो ने गुरु गोविन्द सिंह को प्रताड़ित किया तो पूरे देश में आग लग गयी जिससे कारण गुरु गोविन्द सिंह से माफ़ी मांगनी पड़ी।
🔥हमें भी संतों के अपमान के खिलाफ आवाज उठानी होगी।
🌹-जगद्गुरु श्री पंचानंद गिरी, जूना अखाड़ा
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🚩🚩जागो हिन्दुस्तानी🚩🚩

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