Wednesday, September 2, 2020

पादरी ने बच्ची का ब्लैकमेल करके बनाया न्यूड फोटो, ईसाई धर्म अपनाने को डाला दबाव।

 

02 सितंबर 2020


कन्नूर (कैरल) के कैथोलिक चर्च की एक नन सिस्टर मैरी चांडी ने पादरियों और ननों का चर्च और उनके शिक्षण संस्थानों में व्याप्त व्यभिचार का जिक्र अपनी आत्मकथा ‘ननमा निरंजवले स्वस्ति’ में किया है कि ‘चर्च के भीतर की जिन्दगी आध्यात्मिकता के बजाय वासना से भरी थी । एक पादरी ने मेरे साथ बलात्कार की कोशिश की थी । मैंने उस पर स्टूल चलाकर इज्जत बचायी थी । ’ यहाँ गर्भ में ही बच्चों को मार देने की प्रवृत्ति होती है ।




दुनिया भर में हजारों ईसाई पादरी छोटे बच्चें-बच्चियों और महिलाओं का यौन शोषण कर रहे हैं। इस पर उनके मुख्य पोप ने माफी भी मांगी है पर सबसे बड़ी बात तो यह है कि इतना होने पर भी मीडिया उन दुष्कर्मी पादरियों के बारे में बोलने में पहरेज करता है। कुछ मीडिया को तो सिर्फ हिंदू धर्म से ही नफरत है इसलिए वे सिर्फ पवित्र हिंदू धर्मगुरुओं को ही बदनाम करती है।

आपको बता दें कि गुजरात के अहमदाबाद के अमराईवाडी इलाके में एक पादरी के खिलाफ एक नाबालिग से छेड़छाड़ करने और उसका न्यूड वीडियो बनाने के आरोप में शिकायत दर्ज की गई है। ऑप इंडिया के मुताबिक उसने राबड़ी कॉलोनी में रहने वाली नाबालिग लड़की को प्यार का झूठा झाँसा देकर फँसा लिया। इसके बाद उसने वीडियो कॉल के माध्यम से उसका न्यूड वीडियो बना लिया और फिर बाद में उसे ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए मजबूर करने की कोशिश की।

रिपोर्ट के मुताबिक, पादरी ने नाबालिग लड़की के चाचा को यह वीडियो भेजा। जब लड़की के माता-पिता को इसका पता चला, तो उन्होंने पुलिस स्टेशन पहुँचकर पादरी गुलाबचंद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि पादरी 11 वीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़की को धमकाता था। नाबालिग लड़की 25 दिसंबर, 2019 को क्रिसमस के मौके पर अपने पड़ोसी के साथ अपने घर के पास वाले एक चर्च में गई थी। पादरी ने लड़की से बात की और उसे अपने माता-पिता को चर्च में लाने के लिए कहा।

हालाँकि, उसने अपने माता-पिता से इस बारे में कोई बात नहीं की। कुछ दिनों बाद, पादरी के भतीजे ने लड़की के माता-पिता को फोन किया और उन्हें चर्च बुलाया। लगभग एक महीने बाद, लड़की अपने माता-पिता के साथ फिर से चर्च गई। इसके बाद पादरी गुलाबचंद और उनके भतीजे ने नाबालिग के घर पर भी ‘प्रार्थना’ सभा का आयोजन किया।

पादरी नाबालिग को उसके पिता के फोन पर कॉल करता था। कथित तौर पर उसने नाबालिग लड़की को ‘चुंबन’ वाली तस्वीर भेजी थी और ‘आई लव यू’ भी बोला था। उसने उसके साथ प्यार में पड़ने का नाटक किया और उसका पीछा भी किया। जब भी वह अकेली होती, वह उसे वीडियो कॉल पर कपड़े उतारने के लिए कहता। मना करने पर वह उसे धमकी देता था कि अगर वह उसकी बात नहीं मानेगी तो वो उसे बदनाम कर देगा।

पादरी ने लगभग एक हफ्ते पहले लड़की का वीडियो उसके चाचा को भेजा था। तब जाकर उसके पिता को सारी बात पता चली। इसके 2-3 दिन बाद भी उसने कथित तौर पर फिर से उसकी न्यूड तस्वीरें भेजी थी। मामले में फिलहाल पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और जाँच की जा रही है।

यहाँ तो केवल एक ही घटना आपको बताई बाकी हजारों ईसाई पादरी हैं जिन्होंने कई छोटे बच्चों के साथ और कई ननों के साथ रेप किया है पर मीडिया इस पर मौन रहती है। वामपंथी मीडिया को तो सिर्फ हिंदू धर्म से ही नफरत है इसलिए वे सिर्फ पवित्र हिंदू धर्मगुरुओं को ही बदनाम करती है क्योंकि हिंदू साधु-संत हिंदू संस्कृति के प्रति लोगों को जगरूक करते हैं, धर्मान्तरण पर रोक लगवाते हैं, समाज को व्यसनमुक्त, सदाचारी बनाते हैं जिसके कारण राष्ट्र एवं संस्कृति विरोधी ताकतें कुछ मीडिया को फंडिंग करते हैं जिससे पादरियों के दुष्कर्म छुपाते हैं और हिंदू धर्मगुरुओं को बदनाम करते हैं।

दूसरी तरफ न्यायालय भी उनको तुरंत राहत दे देता है। बिशप फ्रैंको को 21 दिन में ही जमानत हासिल हो गई थी जबकि 85 वर्षीय हिंदू संत आसाराम बापू के खिलाफ 5 साल तक न्यायालय में सुनवाई होती रही पर 1 दिन भी जमानत नहीं दी गई। आज 7 साल हुए लेकिन अभी तक जमानत हासिल नही हुई।

मीडिया द्वारा हिंदू साधु-संतों को बदनाम करना और न्यायलय द्वारा जमानत नहीं देना और ईसाई पादरी और मौलवी के दुष्कर्म को छुपाना और न्यायालय से तुरंत जमानत हासिल होना, यह भारतीय संस्कृति को खत्म करने का यह एक भयंकर साजिश ही है, हिंदुस्तानी इससे समझे और सावधान रहें।

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