Monday, December 14, 2015

अरबों के घोटाले में फंसे सोनिया और राहुल गाँधी

🚩सोनिया गाँधी और राहुल का असली चेहरा दुनिया के सामने लाने में सफल हुए..... दबंग ड़ॉ. सुब्रमण्यम स्वामी
⛳आइये हम आपको बताते हैं कि स्वामी ने इन लोगों को कैसे सबूत सहित पकड़ा।
🚩फ्लैशबैक (आजादी से लेकर 2008 तक)। नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र आजादी के समय से चल रहा था। इस समाचार पत्र की मालिक कंपनी का नाम था एसोसिएटेड जर्नल प्राइवेट लिमिटेड (AJPL)। 2008 में इस कंपनी के चेयरमैन थे कांग्रेस कोषाध्यक्ष मोतीलाल बोरा।
National Herald- Jago Hindustani
⛳इस कंपनी ने सस्ते लोन, सस्ती जमीन और सस्ती सुविधाएँ तो समाचार पत्र चलाने के नाम पर ली थी लेकिन कंपनी ने गैरकानूनी काम करते हुए आवंटित जमीन पर कई शहरों में बड़ी बड़ी इमारतें, मॉल, पासपोर्ट ऑफिस, टूरिस्ट ऑफिस बना लिए। इस तरह से कंपनी के पास 2000 करोड़ से 5000 करोड़ रुपये तक की संपत्ति जमा हो गयी।
💥2008 में कंपनी ने घाटा दिखाकर कांग्रेस पार्टी से 90 करोड़ का लोन लिया।
💥ध्यान दीजिये, लोन लेने समय लोन लेने वाली कंपनी (AJPL) के चेयरमैन थे मोतीलाल बोरा और लोन देने वाली वाली कंपनी यानी कांग्रेस पार्टी के भी कोषाध्यक्ष थे मोतीलाल बोरा।
💥लोन लेते ही नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र बंद कर दिया गया और कंपनी ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया। 2008 में एक नयी कंपनी का उदघाटन किया गया।

💥कंपनी का नाम- यंग इंडियन
संस्थापक - सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी
डायरेक्टर - मोतीलाल बोरा
खर्चा - 5 लाख (कंपनी खोलते समय)
💥शेयर का निर्धारण
सोनिया -38%
राहुल -38%
मोतीलाल-12%
आस्कर फर्नांडीस-12%

💥ध्यान देने वाली बात यह है मोतीलाल बोरा कांग्रेस के कोषाध्यक्ष भी थे, AJPL के चेयरमैन भी थे और यंग इंडियन के डायरेक्टर भी। यानी ये महाशय तीन-तीन रोल निभा रहे थे।
💥2008 में नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र बंद हो चुका था। कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड को 90 करोड़ का लोन दिया था। लोन वापस लेना था लेकिन लोन वापस नहीं लिया गया।
सोनिया गाँधी के कहने पर "यंग इंडियन कंपनी" के डायरेक्टर मोतीलाल बोरा ने कांग्रेस कोषाध्यक्ष यानी खुद को 50 लाख रुपये का लालच दिया और उनसे कहा कि 90 करोड़ रुपये का लोन आपने AJPL को जो दिया था, वो लोन तो आपको वापस मिलेगा नहीं क्यूंकि कंपनी दिवालिया हो गयी है ।
💥इसलिए 50 लाख लेकर मामला रफा दफा करो और 90 करोड़ रुपये आप "यंग इंडियन" के नाम कर दो। (खुद से कहने का मतलब है कागजी दस्तावेजों में)।
💥इन्कम टैक्स के नियम के अनुसार राजनीतिक पार्टियाँ बिजनेस के लिए लोन नहीं दे सकती क्यूंकि राजनीतिक पार्टियों को इन्कम टैक्स से जो भी सुविधा और लाभ मिलता है वह राजनीतिक काम करने के लिए है, देश में चुनाव लड़ने के लिए आदि।
फिर भी कांग्रेस ने कर्जा दिया क्यूंकि 2008 में देश में कांग्रेस की सरकार थी, और दोनों ही कंपनी के मुखिया मोतीलाल बोरा थे।
🚩ड़ॉ. सुब्रमण्यम स्वामीजी ने बताया कि उनकी नीयत पहले से खराब थी इसलिए कांग्रेस से 90 करोड़ का लोन लेते ही कंपनी बंद कर दी।
🚩ड़ॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया कि इन्होने इस तरह से AJPL के 99.1 फ़ीसदी शेयर "यंग इंडियन" के नाम करा लिए और पांच हजार करोड़ की संपत्ति यंग इंडियन के नाम हो गयी जिसके मालिक हैं सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी।
🚩ड़ॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने आगे बताया कि सोनिया और राहुल गाँधी ने इस मामले में चार सौ बीसी और विश्वासघात किया है इसलिए मैंने सभी जानकारियाँ इकठ्ठी की और इनके खिलाफ केस दायर कर दिया।
⛳ड़ॉ. स्वामीजी ने बताया कि पिछले साल मैंने ये केस डाला था और कोर्ट इसकी सुनवाई के लिए 1 दिन लेता है लेकिन इस सुनवाई को रोकने के लिए इनके 10 सीनियर वकील लगे हैं और दिन भर कोर्ट में इसके लिए घंटों बोलते रहते हैं। इसलिए धीरे धीरे इस मामले में 1 साल पूरा हो गया लेकिन अब अंत समय आ गया है और इस केस को हम जीतेंगे ही। इसके बाद ट्रायल शुरू होगा और मै इन्हें वहाँ भी नहीं छोड़ूँगा।
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