Wednesday, August 26, 2015

   ����जागो हिंदुस्तानी����
' संवेदनहीन मीडिया '


'पत्रकार ऐसे आए हैं जैसे सीरियल शूट करने आए हों'

नेपाल ने कहा राहत और बचाव कार्यों में भारत की भूमिका के प्रति आभारी हैं, लेकिन न्यूज़ चैनलों के प्रस्तुतिकरण का तरीका उन्हें पसंद नहीं आ रहा है.
नेपाल ने भारतीय टेलीविज़न पत्रकारों पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया है और उन्हें सुझाव दिया है कि वे थोड़ा ऐहतियात बरतें.

साजन राजभंडारी ने लिखा, "मुझे हैरानी है कि भारतीय अपने न्यूज़ चैनलों को रोज कैसे देखते हैं. मेरा सिर तो पाँच मिनट में ही चकरा गया."

ज्ञान लोहनी ने ट्वीट किया, "भारतीय मीडिया की अनैतिक, तथ्यहीन और बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जा रही ख़बरें स्वीकार्य नहीं हैं."

अनुराग सक्सेना (@सक्सेनाअनुराग) ने ट्वीट किया, "भारतीय मीडिया ऐसे व्यवहार कर रहे हैं मानो वे कोई पारिवारिक धारावाहिक शूट करने आए हों."

(@नेहाआईपीएन) ने सवाल उठाया है कि भूकंप कवर करने गए पत्रकार पशुपतिनाथ मंदिर के पुजारी से उनका वेतन पूछते हैं, इसका क्या तुक है?

रत्ना विश्वनाथन ने ट्वीट किया कि एक बड़े अंग्रेज़ी चैनल का रिपोर्टर एक महिला से पूछता है कि क्या उसका कोई मरा है, उसके हां कहने के बाद वह यह सवाल दस बार करता है.

मीडियाक्रुक्स (@मीडियक्रुक्स) कहते हैं कि यह मरे हुए लोगों पर घटिया नाटक के अलावा कुछ नहीं है.

नेपाल में आये इस विनाशकारी भूकंप में जहाँ हजारों लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया हैं, वही भारत देश की संवेदनहीन मिडिया कर्मीयों की हरकतों की वजह से नेपाल निवासी और ज्यादा आहात हुए हैं | नेपाल निवासियों की यह शिकायत है कि TRP की होड़ में मिडिया कर्मी वहां पर पहुच कर कवरेज करने के लिए लालायित रहते हैं, पर अपने साथ दर्द से कराह ते हुए लोगों के लिए दवाइयां या खाध्य सामग्री, पिने के लिए पानी तक नहीं ले जा सकते हैं ? मिडिया की ऐसी हरकत से अपने देश में भी उनके लिए फटकार बरस रही है | मिडिया इतनी भर्त्सना हुई कि ट्विटर पर ट्रेंड चल पड़ा |

नेपाल निवासी कहते है - #GoBackIndianMedia

भारत निवासी कहते है - #DontComeBackIndianMedia

दूसरी तरफ
नेपाल में आये विनाशकारी भूकम्प की खबर जब पूज्य संत श्री आसारामजी बापू को मिली तो उनका ह्दय व्यथित हो गया । बापूजी ने आश्रम व समितियों को भूकम्प-पीड़ितों की मदद में लगने को कहा और सेवाकार्य तत्परता एवं जोर-शोर से करें एवं किसी प्रकार की कमी न रहने दें ।भूकम्प-पीड़ितों की मदद के लिए राहत-सामग्री से भरे ट्रक, सेवाधारियों का दल तथा डॉक्टरों का दल नेपाल में हैं । आश्रम द्वारा कच्चा राशन, सब्जियाँ, बिस्कुट के पैकेट, नमकीन, पानी, कपड़े, दवाइयाँ तथा अन्य जीवनोपयोगी सामग्रियाँ सतत भेजी जा रही हैं । साथ ही स्थानीय साधक व समितियाँ भी सेवा में लग गये हैं ।’’ वहाँ आश्रम द्वारा अन्नक्षेत्र में हजारो लोग भोजन करते है।जहाँ पहुचना संभव है वहाँ पर पूज्य बापूजी के साधक पहुँच कर दिन-रात तत्परता से सेवाकार्यो में लगे है।जब-जब देश में प्राकृतिक आपदाओं का कहर हुआ है संत आसारामजी बापू एवं उनके शिष्य हमेशा से राहत-सेवाकार्यों करने में अग्रणी रहे हैं ।
ऐसे सच्चे संतो के निःस्वार्थ सेवाकार्यो पर मिडिया चुप ???
अब मेरे भारत देश के लोग समज गए होंगे की की ये बिकाऊ मिडिया केवल संतो को बदनाम करने की साजिस कर रहे है।

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