भारतीय न्यायपालिका की लड़खड़ाती न्याय व्यवस्था...
न्याय कब मिलेगा?
मौजूदा आंकड़े की बात की जाये तो पूरे देश में सेशन कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में तीन करोड़ केस पेंडिंग है। इनमे सेशन कोर्ट में करीब 2.6 करोड़, हाईकोर्ट में करीब 40 लाख तो सुप्रीम कोर्ट में 60 हज़ार लंबित मामले बताये जाते है।
गौरतलब है कि देश भर के सभी 24 हाई कोर्ट में करीब 34 लाख सिविल केस है जबकि 10 लाख क्रिमिनल केस पेंडिंग में है ।
आंकड़ो के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट में 64 हज़ार 652 केस पेंडिंग हैं। जबकि इलाहाबाद हाई कोर्ट में सबसे जायदा 10 लाख केस पेंडिंग बताये जाते हैं।
हाई कोर्ट में न्यायधीशों के 408 पद ख़ाली हैं।
आंकड़ो के मुताबिक इलाहाबाद हाईकोर्ट में कुल सेंक्शन स्ट्रेंथ 160 के मुकाबले 75 सीटें ही भरी हुई है। वही दिल्ली के हाईकोर्ट में कुल सेंक्शन स्ट्रेंथ 60 है जबकि 21पोस्ट ख़ाली है । बॉम्बे हाई कोर्ट में 94 कुल सेंक्शन स्ट्रेंथ है और 33 पद खाली है ।
सभी 24 हाई कोर्ट में 1017 सेंक्शन स्ट्रेंथ है जिनमे 408 पद खाली है ।
सुप्रीम कोर्ट में 31 में 3 पद खाली है । - (सौजन्य -नवभारत टाइम्स )
सभी 24 हाई कोर्ट में 1017 सेंक्शन स्ट्रेंथ है जिनमे 408 पद खाली है ।
सुप्रीम कोर्ट में 31 में 3 पद खाली है । - (सौजन्य -नवभारत टाइम्स )
क्या आप जानते है....???
अंग्रेजो के द्वारा बनाये गए 35 हजार कानून आज भी भारत में चल रहे है ।
अंग्रेजो के द्वारा बनाये गए 35 हजार कानून आज भी भारत में चल रहे है ।
मैकाले ने कहा था क़ि मैंने ऐसे कानून (the indain penal code-1860) की नींव रखी है जिसमे भारत के लोगो को कभी न्याय मिल ही नही पायेगा, केवल मुकदमो के फैसले ही सुनाये जायेगे।
आज न्यायालय फैसला सुनाते है, ना क़ि न्याय करते है।
आज न्यायालय फैसला सुनाते है, ना क़ि न्याय करते है।
आज देश को न्यायपूर्ण शासन एवम् न्यायकारी राज्य की आवश्यकता है और जो कानून भेदभाव से भरे हैं, उन्हें बदलने की आवश्यकता है।
अन्यायकारी कानून समाप्त किये जाये और निर्दोष संतो को न्याय व गुनाहगारों को जेल दी जाये....!!
यही वक़्त की मांग है...
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