जागो हिन्दुस्तानी
चौका देने वाला प्रश्न- आप चाकलेट खा रहे हैं या निर्दोष बछड़ों का मांस?
चौका देने वाला प्रश्न- आप चाकलेट खा रहे हैं या निर्दोष बछड़ों का मांस?
पिछले कुछ समय से टॉफियों तथा चाकलेटों का निर्माण करने वाली अनेक कंपनियों द्वारा अपने उत्पादों में आपत्तिजनक अखाद्य पदार्थ मिलाये जाने की खबरे सामने आ रही हैं।
कई कंपनियों के उत्पादों में तो हानिकारक रसायनों के साथ-साथ गायों की चर्बी मिलाने तक की बात का रहस्योदघाटन हुआ है।
जैसे नेस्ले यू.के.लिमिटेड द्वारा निर्मित किटकेट नामक चाकलेट में कोमल बछड़ों के रेनेट (मांस का रस)
का उपयोग किया जाता है।
का उपयोग किया जाता है।
नेस्ले यू.के.लिमिटेड की न्यूट्रिशन आफिसर श्रीमति वाल एन्डर्सन ने अपने एक पत्र में बतायाः " किटकेट के निर्माण में कोमल बछड़ों के रेनेट का उपयोग किया जाता है। फलतः किटकेट शाकाहारियों के खाने योग्य नहीं है।"
अन्तर्राष्टीय पत्रिका यंग जैन्स में प्रकाशित किया गया था की टेलिविज़न पर अपने उत्पादों को शुद्ध दूध से बनते हुए दिखाने वाली नेस्ले लिमिटेड के इस उत्पाद में दूध तो नहीं परन्तु दूध पीने वाले अनेक कोमल बछड़ों के मांस की प्रचुर मात्रा अवश्य होती है।
अन्तर्राष्टीय पत्रिका यंग जैन्स में प्रकाशित किया गया था की टेलिविज़न पर अपने उत्पादों को शुद्ध दूध से बनते हुए दिखाने वाली नेस्ले लिमिटेड के इस उत्पाद में दूध तो नहीं परन्तु दूध पीने वाले अनेक कोमल बछड़ों के मांस की प्रचुर मात्रा अवश्य होती है।
हमारे धन को अपने देशों में ले जाने वाली ऐसी अनेक विदेशी कंपनियाँ हमारे सिद्धान्तों तथा परम्पराओं को तोड़ने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।
व्यापार तथा उदारीकरण की आड़ में भारतवासियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
टॉफियों में चीनी की अधिक मात्रा होने के कारण इन्हें खाने से बचपन में ही दाँतों का सड़ना प्रारंभ हो जाता है तथा डायबिटीज़ एवं गले की अन्य बीमारियों के पैदा होने की संभावना रहती है। हड्डियों के मिश्रण एवं एसिटिक एसिड से कैंसर जैसे भयानक रोग भी हो सकते हैं।
सन् 1847 में अंग्रजों ने कारतूसों में गायों की चर्बी का प्रयोग करके सनातन संस्कृति को खण्डित करने की साजिश की थी, परन्तु मंगल पाण्डेय जैसे वीरों ने अपनी जान पर खेलकर उनकी इस चाल को असफल कर दिया। अभी फिर यह नेस्ले कंपनी चालें चल रही है।
अभी फिर मंगल पाण्डेय जैसे वीरों,लेखकों,पत्रकारों,देशभक् तों को सामने आना चाहिए। देश को खण्ड-खण्ड करने के मलिन इरादेवाले व हिन्दू संस्कृति पर कुठाराघात करने वालों के सबक सिखाना चाहिए।
सरकार को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए।
ध्यान रहे - दीपावली पर चॉकलेट के गिफ्ट पैक ना दे न ले।
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