गौमाता के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का दिवस
गोपाष्टमी : 19 अक्टूबर 2015
गाय के शरीर में सभी देवताओं का वास माना गया है । गाय के दूध, दही, घी, झरण एवं गोबर से स्वास्थ्य, सम्पदा एवं समृद्धि मिलने के साथ ही कई आध्यात्मिक लाभ होते हैं ।
गोपाष्टमी : 19 अक्टूबर 2015
गाय के शरीर में सभी देवताओं का वास माना गया है । गाय के दूध, दही, घी, झरण एवं गोबर से स्वास्थ्य, सम्पदा एवं समृद्धि मिलने के साथ ही कई आध्यात्मिक लाभ होते हैं ।
#गाय के शरीर में सूर्य की गो-किरण शोषित करने की अद्भुत शक्ति होने से उसके दूध, घी, झरण आदि में स्वर्णक्षार पाये जाते हैं जो आरोग्य व प्रसन्नता के लिए ईश्वरीय वरदान हैं । पुण्य व स्वकल्याण चाहनेवाले गृहस्थों को गौ-सेवा अवश्य करनी चाहिए क्योंकि गौ-सेवा से सुख-समृद्धि होती है ।
गौ-सेवा से धन-सम्पत्ति, आरोग्य आदि मनुष्य-जीवन को सुखकर बनानेवाले सम्पूर्ण साधन सहज ही प्राप्त हो जाते हैं । मानव #गौ की महिमा को समझकर उससे प्राप्त दूध, दही आदि पंचगव्यों का लाभ ले तथा अपने जीवन को स्वस्थ, सुखी बनाये - इस उद्देश्य से हमारे परम करुणावान ऋषियों-महापुरुषों ने गौ को माता का दर्जा दिया तथा कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन गौ-पूजन की परम्परा स्थापित की । यही मंगल दिवस गोपाष्टमी कहलाता है ।
गोपाष्टमी भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पर्व है । मानव – जाति की समृद्धि गौ-वंश की समृद्धि के साथ जुड़ी हुई है । अत: गोपाष्टमी के पावन पर्व पर गौ-माता का पूजन-परिक्रमा कर विश्वमांगल्य की प्रार्थना करनी चाहिए ।
कैसे मनायें गोपाष्टमी पर्व ?
#गोपाष्टमी के दिन गायों को स्नान करायें । तिलक करके पूजन करें व गोग्रास दें । गायों को अनुकूल हो ऐसे खाद्य पदार्थ खिलायें, सात परिक्रमा व प्रार्थना करें तथा गाय की चरणरज सिर पर लगायें । इससे मनोकामनाएँ पूर्ण एवं सौभाग्य की वृद्धि होती है ।
पूज्य संत श्री #आशारामजी बापू ने भारतभर में अनेक गौशालाएं चलती हैं और वहां हजारों ऐसी गायें हैं जो दूध न देने के कारण अनुपयोगी मानकर कत्लखाने ले जायी जा रही थीं । यहाँ उनका पालन-पोषण व्यवस्थित ढंग से किया जाता है । बापूजी की प्रेरणा से आश्रम, समितियाँ, युवा सेवा संघ, महिला मंडल एवं बापूजी के असंख्य शिष्यों द्वारा गोपाष्टमी पर्व हल साल देशभर में विशाल स्तर पर मनाया जाता है ।
बापूजी के निर्देशानुसार इस दिन गौशालाओं के अलावा गाँव-गाँव जाकर गायों को पुष्टिवर्धक लड्डू खिलाये जाते हैं तथा गौ-रक्षा यात्राएँ निकालकर लोगों को गौ-रक्षा एवं गौसेवा के लिए प्रेरित किया जाता है । इस दिन गौसेवा के विभिन्न वार्षिक सेवा-अभियानों का नवीनीकरण करके आगामी वर्ष के लिए संकल्प लिया जाता है ।
जिस दिन भारतवासी गौ का सम्मान, गंगा का महत्त्व और गीता का ज्ञान अंगीकार कर लेंगे, उस दिन विश्व के शिखर पर पहुँचने का भारत का स्वप्न साकार हो जायेगा ।
- लोकसंत श्री आशारामजी बापू
- लोकसंत श्री आशारामजी बापू
गौ-हत्या को रोकने के लिए हर व्यक्ति को अपने स्तर पर पहल करनी होगी । इसके लिए आज से ही संकल्प करें
देखिये वीडियो🏼
- HBC News -
- HBC News -
Official Jago hindustani Visit
🏼🏼🏼🏼🏼
🏼🏼🏼🏼🏼
Youtube - https://goo.gl/J1kJCp
Wordpress - https://goo.gl/NAZMBS
Blogspot - http://goo.gl/1L9tH1
Twitter - https://goo.gl/iGvUR0
FB page - https://goo.gl/02OW8R
जागो हिन्दुस्तानी
No comments:
Post a Comment