Tuesday, April 21, 2020

क्या ये साधु-संतों पर पहला हमला है? लंबी लिस्ट है, कुछ यहाँ बता रहे है....

21 अप्रैल 2020

🚩महाराष्ट्र पालघर मे दो साधुओं की निर्मम हत्या के बाद हिंदुओं में भारी आक्रोश है, लेकिन क्या ये पहला मामला है जो साधुओं पर अत्याचार हुआ है? नही यह पहला मामला नही है बॉलीवुड, ईसाई मिशनरियां, तथाकथित बुद्धिजीवी साहित्यकार, मीडिया, वामपंथी, जिहादी सभी हिंदू धर्म के पीछे पड़े है और सालों से भगवा आतंकवाद की झूठी थ्योरी बना रहे है, साधुओं के खिलाफ जहर भर रहे है पर हिंदू चुपचाप देखते गए अब बड़ी घटना सामने आई तब थोड़ा बहुत समझ मे आ रहा है, और हाँ सोशल मीडिया नही होता तो ये घटना भी दबा दी जाती चोर को मारा गया है वो मीडिया, तथाकथित बुद्धिजीवी, वामपंथी और सरकार बता देती।

🚩कई समय से षड्यंत्र चल रहे है मुख्य रूप से कुछ घटनायें है जो आपको बता रहे है।

▪️1. शंकराचार्य श्री जयेन्द्र सरस्वती जी धर्मान्तरण प्रवृति का विरोद्ध करते थे उनके ऊपर खून का झूठा आरोप लगा कर कानून के तहत रात को 12 बजे गिरफ्तार करके झूठे केस में फ़साकर जेल में डाल दिया, अत्याचार किये और जहर देकर निर्दोष छोड़ दिया था जिसके कारण वे हमेशा बीमार रहते थे।

▪️2. स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती 2008 जन्माष्टमी की पावन रात को 4 अनुयायियों के साथ ईसाई माओवादियों द्वारा अत्यंत अमानुषिक ढंग से हत्या । वे पिछले करीब 50 वर्षों से धर्मान्तरित लोगों का घर वापसी कार्य में लगे थे। उन्हें गोली मारकर कुल्हाड़े से काट डाला था । हत्यारे अभी भी निरंकुश हैं ।

▪️3. हिन्दू साध्वी प्रज्ञा ठाकुर धर्म का प्रचार करती थी उन पर बॉम्ब ब्लास्ट के झूठे आरोप थोप कर वर्षो तक उनसे जेल में अमानुषी अत्याचार किये गए ।

▪️4. शंकराचार्य अमृतानन्द को झूठे केस में जेल भेज दिया और भयंकर यातनाएं दी और 9 साल तक जेल में रखा गया।

▪️5. स्वामी श्यामानंद (राजस्थान) आश्रम की जमीन हड़पने के लिये पेय में नशीली वस्तु मिलाकर पिलाया था । तत्पश्चात खरीदी हुई लड़की के साथ नशे की हालत में अश्लील हरकतों की फिल्म बनाकर बदनाम किया । भक्तों ने उस महिला की ठौर पा कर उस से सच उगलवाया ।

▪️6. स्वामी असीमानन्द जी को झूठे केस में गिरफ्तार करके अमानवीय यातनाएं देकर सालों तक जेल में रखा गया।

▪️7. साध्वी उमा भारती- सन 2004 में सांप्रदायिकता भड़काने के आरोप में गिरफ़्तारी वारंट के पश्चात् मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा ।

▪️8. माता अमृतानंदमयी (अम्मा)- रेडलाईट एरिया से संबंधित बताकर उनकी पावन छवि को कलंकित करने का पाप प्रयास किया गया था।

▪️9. स्वामी नित्यानंदजी- दक्षिण भारत के इस संत को Computerised sex scandal के तहत बदनाम किया गया । आज भी कई पातकी प्रेस वाले उन्हें ‘सेक्स-गुरु’ नाम से संबोधित करते हैं ।

▪️10.  श्री कृपालुजी महाराज- 85 वर्ष की उम्र में बलात्कार का आरोप लगया, जो कि मिथ्या प्रमाणित हुआ था ।

▪️11. सत्य साईं बाबा- 90 वर्ष से भी अधिक उम्र वाले वृद्ध संत पर (कुछ वर्ष पहले) मिशनरियों ने इंडिया टुडे पत्रिका के संपादक को खरीद कर समलैंगिकता का गन्दा आरोप लगाया था । फिर 2008-09 में कम्प्युटराइज्ड छवियों से उनको पाखंडी करार देकर दिन-रात ‘स्टार’ तथा ‘इंडिया टीवी’ के जरिये बदनाम किया । संत जब मृत्यु शय्या पर वेंटिलेटर में थे तब कांग्रेस सरकार के कर्मचारियों को उनके कोषाध्यक्षता के लिये भेजा गया तथा मृत्यु के पश्चात् सब कुछ नियंत्रण में ले लिया गया ।

▪️12. 85 वर्षीय आशारामजी बापू और नारायण साई ऊपर बलात्कार के झूठे आरोप लगाकर जेल भेजा गया है। धर्मांतरण विरोधी कार्य करनेवाले देश समाज और संस्कृति की सेवा करनेवाले इन महापुरुषो और उनके आश्रमो के विरुद्ध षड्यंत्र करके बहुत पीड़ाएँ दी है।

▪️13. सौराष्ट्र (गुजरात) के श्री केशवानन्द स्वामी ऊपर यौन शोषण का झूठा आरोप थोप कर बारह साल की जेल की सजा दी। सात साल जेल भोगने के बाद निर्दोष साबित हुए, पर अखबार में नहीं आया।

▪️14. श्री स्वाध्याय परिवार के जयश्री दीदी के ऊपर झूठे आरोप लगा कर परेशान किया। सम्पति पर कब्जा कर लिया पांडुरंग दादाजी के धर्मकार्यो में अनेको विक्षेप किये ।

▪️15. शिवमोगा और बैंगलोर मठ के शंकराचार्य राघवेश्वर भारती जी पर भी एक गायिका को 3 करोड़ नही देने पर 167 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था । उनको भी कोर्ट ने निर्दोष बरी कर दिया ।

▪️16 . महर्षि महेश योगी के दूर के भतीजे ब्रह्मचारी गिरीश वर्मा जी पर बलात्कार का आरोप लगा जेल गए और मीडिया ने 'ब्रह्मचारी की भोग साधना' जैसे शीर्षक देकर बदनाम किया आखिर वे निर्दोष बरी हुए।

🚩यहां आपको कुछ ही घटनाएं बताई, बाकी कई अनगिनत किस्से है जो साधु-संतों के साथ अत्याचार किया जा रहा है इसमें सबसे मुख है ईसाई मिशनरी क्योंकि उनको भारत मे धर्मान्तरण करवाना है फिर अपनी वोट बैंक बनाकर भारत की सत्ता हासिल करनी है दूसरा है विदेशी कम्पनियों का खेल उनको अपना सामान यहाँ बिक्री करना है, लेकिन साधु-संत धर्मान्तरण नही होने देते, दूसरा स्वदेशी अपनाने की बात करते है तीसरा वे करोड़ो लोगो को सनातन धर्म की महिमा बताकर धर्म के मार्ग पर चलाते है जिसके कारण ईसाई मिशनरियां धर्मान्तरण नही करवा पाती और विदेशी कम्पनियों के समान कम बिकने पर अरबो रुपये का नुकसान होता है, तीसरा कारण की लव जिहाद अधिक बच्चे पैदा करना, मदरसों में जिहादी शिक्षा देना आदि राष्ट्र विरोधी गतिविधियां चलाने वाले इस्लामिक स्टेट का भंडाफोड़ करते है, वामपंथी तो पहले से ही राष्ट्र विरोधी है ही जिसके कारण ये सभी साधु-संतों से चिढ़े रहते है उनका मिशन के आड़े साधु-संत आते है इसलिए उनको बॉलीबुड, मीडिया आदि द्वारा बदनाम करवाया जाता है फिर उनको झूठे केस में जेल भिजवाया जाता है कुछ साधुओं की हत्या भी कर दी जाती है इसलिए यह सिलसिला बहुत पुराना है अभी भी समय है इन षड्यंत्र से सावधान रहना होगा और डटकर करना चाहिए।

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