Saturday, April 4, 2020

योग और ध्यान करेंगे तो कोरोना की पीड़ा हो जाएगी दूर - अमेरिकी विद्यालय

04 अप्रैल 2020

*🚩भारत के महापुरुषों के ज्ञान का महत्त्व न जानने वालों ने स्वास्थ्य और सुविधा के लिए बड़ी-बड़ी महँगी-महँगी दवाइयाँ व मशीनें खोजीं लेकिन समस्याएँ कम न हुईं बल्कि और भी बढ़ीं । आखिर थक-हारकर आज पुनः स्वास्थ्य व शांति के लिए विश्ववासियों को भारत की ऋषिप्रणीत प्रणालियों की शरण स्वीकारनी पड़ रही है ।*

*🚩हमारे योग-ध्यान,गौ-चिकित्सा की ओर ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ सहित सारा विश्व आज आशा भरी दृष्टि से टकटकी लगाये देख रहा है ।*

*🚩आपको बता दें कि अमेरिका के अलबामा में विद्यालयों में योग पढाए जाने पर 27 सालों से लगा प्रतिबंध हटने के अगले ही दिन हार्वर्ड वैद्यकीय विद्यालय ने कोरोना वायरस से निपटने में भी योग और ध्यान को मददगार बताया है। अमेरिका ने प्रमुख वैद्यकीय इंस्टीट्यूट में से एक हार्वर्ड ने एक बयान जारी का कहा है कि, कोरोना वायरस से जुड़ी व्यग्रता और बेचैनी से निपटने के लिए योग और ध्यान करने के साथ-साथ सांस पर नियंत्रण रखना चाहिए।*

*🚩हार्वर्ड वैद्यकीय विद्यालय ने अमेरिका में कोरोना के बढते मामलों के बाद रविवार को एक नई हेल्थ गाइडलाइन जारी की जिसमें कोरोना पीड़ितों को बेचैनी होने पर योग और ध्यान की सलाह दी गई है। इसके अनुसार ये सभी शांत होने के सही एवं आजमाए हुए तरीके हैं और बेचैनी होने पर इन्हें अमल में लाया जाना चाहिए। इस संबंध में हार्वर्ड वैद्यकीय विद्यालय ने जर्नल में भी एक एक लेख प्रकाशित हुआ है जिसमें योग और ध्यान का ज़िक्र किया गया है।*

*● नियमित ध्यान करने की सलाह*

*🚩हार्वर्ड वैद्यकीय विद्यालय के फैकल्टी एवं यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के डेविड गेफेन विद्यालय ऑफ मेडिसिन के बोर्ड प्रमाणित मनोरोग चिकित्सक जॉन शार्प के अनुसार नियमित ध्यान बहुत राहत देने वाला है। अगर आप योग नहीं करते हैं? जब तक मन करें तब तक कोशिश न करें। कई बार कुछ नयी चीजें करना और नयी गतिविधियों का पता लगा कर आप लाभ ले सकते हैं। योग स्टूडियो और पॉकेट योग जैसे ऐप पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वायरस को लेकर बुरी ही खबरें आएंगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों की बात सुनें जो उन्हें सही रास्ता दिखा सकते हैं।*
*स्त्रोत : न्यूज १८*

*🚩कोरोना वायरस रोग की भीषण महामारी से त्रस्त होकर आज विश्व  को भारत के महापुरुषों के सिद्धान्तों की ओर तो आखिर में मुड़ना ही पड़ रहा है । लेकिन कितना अच्छा होता कि पहले से ही भारत कर महापुरुषों की उत्तम सीख को मानते।*

*🚩विश्व को उपरोक्त जैसी विभिन्न तबाहियों से बचना हो तो भारत के ऋषि-मुनियों और ब्रह्मवेत्ता सत्पुरुषों के ज्ञान की ओर ही मुड़ना होगा… स्नेहपूर्वक न मुड़े तो ठोकरें खाकर भी मुड़ना होगा…. इसके सिवा कोई चारा ही नहीं है ।*

*🚩विदेशी लोग तो चलो, हमारी संस्कृति की महानता से अपरिचित हैं इसलिए वे ठोकर खाकर सँभल रहे हैं पर हमारा जन्म तो भारतभूमि में हुआ है । ब्रह्मवेत्ता महापुरुषों के सुसंस्कारों की सरिताएँ आज भी हमारे देश में बह रही हैं ।*

*🚩जब से भारतवासी ऋषि-मुनियों की बतायी हुई दिव्य प्रणालियाँ भूल गये, ध्यान-योग करना भूल गये, अध्यात्मज्ञान को भूल गये , तभी से भारत का पतन प्रारम्भ हो गया । अब भी समय है । यदि भारतवासी शास्त्रों में बतायी गयी , संतों महापुरुषों द्वारा बतायी गयी युक्तियों का अनुसरण करें तो वह दिन दूर नहीं कि भारत अपनी खोयी हुई आध्यात्मिक गरिमा को पुनः प्राप्त करके विश्वगुरु पद पर आसीन हो जाय । "*

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