Friday, June 9, 2017

जानिए कश्मीर का इतिहास और उसे हड़पने के लिए अलगाववादी नेताओं को पाकितान ने कितने दिए पैसे?*

🚩 *जानिए कश्मीर का इतिहास और उसे हड़पने के लिए अलगाववादी नेताओं को पाकितान ने कितने दिए पैसे?*

🚩प्राचीनकाल में #कश्मीर #हिन्दू संस्कृति का गढ़ रहा है। यहाँ पर भगवान शिव और सती पार्वती रहते थे । यहाँ झील में देवताओं का वास था, वहाँ एक राक्षस भी रहने लगा, जो देवताओं को सताने लगा, जिसका वैदिक #ऋषि कश्यप और #देवी सती ने मिलकर अंत कर दिया, #ऋषि कश्यप द्वारा उस असुर को मारने से उस जगह का नाम #कश्यपमर पड़ा, जो आगे चलकर #कश्मीर नाम से जाना जाने लगा । 
Kashmir Conspiracy

🚩कश्मीर #संस्कृत विद्या का विख्यात केन्द्र रहा। कश्मीर शैवदर्शन भी यहीं पैदा हुआ और पनपा। यहां के महान मनीषियों में #पतञ्जलि, #दृढबल, वसुगुप्त, आनन्दवर्धन, अभिनवगुप्त, कल्हण, क्षेमराज आदि हैं। यह धारणा है कि विष्णुधर्मोत्तर पुराण एवं योगवशिष्ठ यहीं लिखे गये।

🚩कश्मीर सदियों तक एशिया में #संस्कृति एवं दर्शन शास्त्र का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा और संतों का दर्शन यहां की सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।

🚩प्राचीन काल में यहाँ हिन्दू आर्य राजाओं का राज था।
मौर्य #सम्राट अशोक और कुषाण सम्राट #कनिष्क के समय कश्मीर बौद्ध धर्म और संस्कृति का मुख्य केन्द्र बन गया। पूर्व-मध्ययुग में यहाँ के चक्रवर्ती सम्राट #ललितादित्य ने एक विशाल साम्राज्य कायम कर लिया था। 

🚩मध्ययुग में #मुस्लिम आक्रान्ता #कश्मीर पर काबिज हो गये। कुछ मुसलमान शाह और राज्यपाल (जैसे शाह ज़ैन-उल-अबिदीन) हिन्दुओं से अच्छा व्यवहार करते थे पर कई (जैसे सुल्तान सिकन्दर बुतशिकन) ने यहाँ के मूल कश्मीरी #हिन्दुओं को #मुसलमान बनने पर, या राज्य छोड़ने पर या मरने पर मजबूर कर दिया। कुछ ही सदियों में कश्मीर घाटी में #मुस्लिम बहुमत हो गया। मुसलमान शाहों में ये बारी बारी से अफगान, कश्मीरी मुसलमान, मुगल आदि वंशों के पास गया। 

🚩मुगल सलतनत गिरने के बाद ये सिख महाराजा #रणजीत सिंह के राज्य में शामिल हो गया। कुछ समय बाद जम्मू के हिन्दू डोगरा राजा #गुलाब सिंह डोगरा ने ब्रिटिश लोगों के साथ सन्धि करके जम्मू के साथ साथ कश्मीर पर भी अधिकार कर लिया (जिसे कुछ लोग कहते हैं कि कश्मीर को खरीद लिया)। डोगरा वंश भारत की आजादी तक कायम रहा।

🚩भारत की स्वतन्त्रता के समय हिन्दू राजा #हरि सिंह यहाँ के शासक थे।  कश्मीर को लेने के लिए पाकिस्तानी फौज द्वारा आक्रमण हुआ उस समय #जवाहरलाल नेहरु प्रधानमंत्री थे उन्होंने भारतीय सेना भेजने से इन्कार कर दिया लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हवाई जहाज से कश्मीर में सैन्य भेजा तबतक कश्मीर का दो तिहायी हिस्सा पाकिस्तान कब्जाने में सफल रहा। 

🚩कश्मीर का बाकी का हिस्सा गुरुजी (माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर) के समझाने पर महाराजा ने भारत में विलय कर दिया। भारतीय सेना ने कश्मीर राज्य का काफी हिस्सा बचा लिया । भारतीय सेना दो हिस्से लेने की तैयारी में थी तबतक नेहरू ने सैन्य को युद्ध विराम दे दिया । जो आजतक पोक आदि हिस्से पाकिस्तान अदिकृत में हैं । नेहरू की वजह से आज तक #अलगावादि नेता वहाँ राज कर रहे हैं ।

🚩सदियों से कश्मीर में रह रहे कश्मीरी पंडितों को 1990 में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित #आतंकवाद की कारण से घाटी छोड़नी पड़ी या उन्हें जबरन निकाल दिया गया। 

🚩कश्मीर के #अलगाववादी नेताओं पर आज भी केंद्र और #राज्य सरकार हर साल उनकी मौज मस्ती और सुरक्षा के लिए हर साल #100 करोड़ खर्च करती है ।

🚩उसके बाद भी वे पाकितान से करोड़ो रूपये लेकर कश्मीर में #आतंक फैला रहे है और ऐशो आराम की जिंदगी जी रहे हैं ।

🚩#एनआईए द्वारा #अलगावादी नेताओं के ठिकानों से मिले दस्तावेजों से खुलासा हो रहा है कि ये लोग किस तरह पाकिस्तान से फंड लेकर घाटी में #आतंक के लिए संसाधन जुटाते हैं और खुद शान-ओ-शौकत से भरी जिंदगी जीते हैं।

🚩एनआईए को #अलगावादी नेताओं के यहां हुई छापेमारी के बाद कई अहम सूचनाएं मिली हैं। संकेत मिले हैं कि पिछले 8 सालों में पाकिस्तान की ओर से करीब #1500 करोड़ रुपये भेजे गए। इनमें से लगभग आधी रकम हुर्रियत नेताओं ने आतंक फैलाने में लगाई और आधी रकम से खुद के लिए प्रॉपर्टी बनाई।

🚩ये जानकारियां #हुर्रियत नेताओं पर काबू पाने की दिशा में अहम तरीके से इस्तेमाल की जा सकती हैं। एनआईए ने शनिवार और रविवार को हुर्रियत नेताओं के श्रीनगर, जम्मू, दिल्ली और हरियाणा के 3 दर्जन ठिकानों पर लगातार छापे मारे थे।

🚩यह ऐक्शन #मनी लॉन्ड्रिंग और पाकिस्तान से पैसा लेने के सबूत मिलने के बाद लिया गया। छापेमारी में लगभग #3 करोड़ कैश के अलावा करोड़ों की संपत्ति का पता चला है। इसमें मिले कागजातों की जांच जारी है।

🚩शुरुआती जांच में जिन बातों का खुलासा हुआ है, उसमें सबसे अहम यह है कि हुर्रियत नेताओं ने पाकिस्तान से फंड लेकर घाटी में आतंक को बढ़ाने के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाए। साथ ही इसी पैसे में उन्होंने अपने लिए संपत्ति भी बनाई। सूत्रों के अनुसार, छापे में पुख्ता सबूत मिले हैं कि पाकिस्तान से आए पैसे से इन नेताओं ने श्रीनगर, गुलमर्ग और सोनबर्ग में करोड़ों की बेनामी संपत्ति बनाई। अब इस #बेनामी संपत्ति की जांच का मामला प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) को दे दिया गया है। 

🚩छापे के दौरान संकेत मिले हैं कि पिछले #7-8 सालों में #हुर्रियत नेताओं को पाक ने घाटी में गड़बड़ी फैलाने के लिए #1500 करोड़ से अधिक राशि दी है। पाकिस्तान से फंड मिलने की बात को इन नेताओं ने कैमरे के सामने एक स्टिंग में स्वीकार किया था।

🚩आपको बता दें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा है कि आतंकियों और #अलगाववादियों को एक ही चश्मे से देखने की जरूरत है । उनके खिलाफ देशद्रोह का #मुकदमा दर्ज होना चाहिए ।

🚩आगे कहा था कि उनको एयर टिकट, होटल, सुरक्षा जैसी जो सुवि‍धाएं दी जा रही हैं, सब वापस होनी चाहिए । #केंद्र सरकार इस पर जल्दी फैसला लेगी और #125 करोड़ देशवासी भी #अलगाववादी नेताओं के खिलाफ हैं ।

🚩जो #अलगावादी नेता सुविधा के नाम पर देश के करोड़ो रूपये बर्बाद कर रहे हैं और पकिस्तान के समर्थन में देश के विरोध में कश्मीर में हिंसा भड़का रहे हैं #सरकार और #न्यायालय को शीघ्र सुविधा बन्द करके उन्हें जेल भेज देना चाहिए ।

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