Monday, January 2, 2017

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक फकीर का खुला खत..!!!

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक फकीर का खुला खत..!!!

सोनिया मैडम और उनके पुत्र असहाय घूम रहे हैं ।

हिन्दी मासिक पत्रिका आदर्श पंचायती राज में बोरिया बाबा का एक लेख छपा है ।

इस पत्रिका में लिखा है कि 100 वर्ष से अधिक आयु के वैष्णव अघोरी बाबा, हरे राम ब्रह्मचारी (बोरिया बाबा) सिद्ध बाबा केनाराम परंपरा के महान संतों में से एक हैं । 
Azaad Bharat -Mystic's open letter to Prime Minister Narendra Modi

उन बोरिया बाबा ने प्रधानमंत्री मोदी जी को संबोधित करते हुए कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने 80 वर्षीय संत आशारामजी बापू को लगभग साढे तीन वर्ष पहले एक झूठे मुकदमें में फंसाकर जेल भेज दिया था । मैडम सोनिया ने अपनी हुकूमत में और भी हिन्दू संतो को खूब फंसाया है । अब मैडम सोनिया व उसके पुत्र के कर्म पूरे हो चुके हैं। उनका राजपाट छीन चुका है अब दोनों ही असहाय होकर घूम रहे हैं।

 शास्त्र वचन भी है...
संत कै दूखनि नीचु निचाई। संत दोखी का थाउ को नाहीँ।।

संत आशारामजी बापू पिछले 50 वर्षों से इस देश की सेवा में जुटे हुए थे। अपने सत्संग ,गुरुकुल व गौशालाओं के जरिये वो भारत की सनातन संस्कृति धर्म व गौ-माता की खूब सेवा कर रहे थे । देश में ईसाई मिशनरियों द्वारा हिन्दुओं को धड़ाधड़ ईसाई बनाये जाने के कामों में इससे रोक लग रही थी । और इसी कारण से मैडम सोनिया उनसे नाराज हो गयी थी।

देश के लोगों को पूरी उम्मीद थी कि मोदी जी की सरकार आ जाने पर संत आशारामजी बापू को तुरंत न्याय मिल जायेगा। इस लिए देश के बड़े- बड़े साधु संतो ने भी भाजपा की जीत के लिये खूब-खूब प्रार्थनाएँ, यज्ञ तथा भंडारे किये थे ।


मोदी जी की सरकार बने अब 3 साल पूरे होने जा रहे हैं , किन्तु न तो मोदी जी ने और न ही भाजपा के किसी अन्य बड़े नेता ने ही अपने मुँह से इस बारे में कुछ कहा  तक नहीं है ।

संत आशारामजी बापू की रिहाई न होने के कारण ही आज भारत के बड़े - बड़े साधु संत व मठाधीश तक भयभीत है । 

उनका कहना है कि जब इतने बड़े संत के साथ सरकार ऐसा बर्ताव कर सकती है तो हम लोंगो की तो बिसात ही क्या है!
इस लिये कोई भी संत महात्मा इस बारे मे खुल कर बोल भी नहीं पा रहा है। 

मोदी जी मेरा आपसे कहना है कि जिस राजा के राज में संत सताए जाएँ तथा संत महात्मा भयभीत होकर रहें, तो उस राजा का भविष्य कतई उज्जवल नहीं है ।

मैं भी संत महात्माओं की इस पवित्र भारत भूमि पर 100 वर्षों से भी अधिक समय से  विचरण कर रहा एक वैष्णव अघोरी फकीर हूँ । मैंने भी आपके लिए माँ भगवती से खूब प्रार्थनाएं की थी । इसलिए मेरी तो आपको सलाह है कि संत आशारामजी बापू एक निर्दोष संत हैं । आप सम्मान के साथ उनकी आजादी का जल्दी से जल्दी प्रबंध कर दें ।

भारत के हजारों संत इसके लिए आपको आशीर्वाद और दुआएं देंगे तथा आपके उज्जवल भविष्य के लिए प्रार्थना भी करेंगे ।

आप स्वयं एक ज्ञानी पुरुष हैं । आपको अब भारत भूमि पर राज करने का अवसर भी मिल गया है। आप पूर्व में हुए कुछ महान राजाओं की तरह गौ, ब्राह्मण व संतों के रक्षक बनें, आपका नाम अमर हो जायेगा । 

संत को सताने से मनुष्य के सभी सत्कर्म इस प्रकार नष्ट हो जाते हैं जैसे अग्नि के सानिंध्य से कपूर नष्ट हो जाता है ।

शास्त्र वचन भी है -

संत का दोखी अध् बीच ते टूटे !
संत का दोखी किते काजी न पहुँचों!!

संत को सताने वाले राजा का (इकबाल) तेज प्रताप बीच में ही नष्ट हो जाता है। वह जीवन के किसी भी क्षेत्र में पूर्णता को प्राप्त नहीं कर सकता ।

आपको बता दें कि बोरिया बाबा के गुरूजी बाबा बैताली राम जी जिनका शरीर इस धरा पर लगभग 350 वर्षों तक रहा था । 

बोरिया बाबा अपने जीवन के 60-70 वर्ष हिमालय में तपस्या कर अब लोक-कल्याणार्थ नीचे आकर देश में पर्यावरण सुधार के कार्य में जुटे हुए हैं ।

 इसी सिलसिले में बाबा की भेंट देश के राजनेताओं, श्रीमति इंदिरा गांधी से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तक भी होती रही है ।

 भूतपूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी तो बाबा का जब भी दिल्ली आना होता था, वो उन्हें अपने भोंडसी आश्रम जरुर लेकर जाते थे।

(संदर्भ : आदर्श पंचायती राज - हिन्दी मासिक पत्रिका) दिसंबर -2016, पृष्ठ-5

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