जागो हिन्दुस्तानी
बिकाऊ मीडिया समाज को कर रही है गुमराह....
आज अखबारों, फिल्मों, मीडिया, इंटरनेट के माध्यम से फैलायी जा रही अश्लीलता से बच्चे छोटी उम्र से ही कुसंस्कारों के शिकार हो जाते हैं ।
वर्तमान समय में 8-10वीं कक्षा में आते-आते विद्यार्थियों में यौनाकर्षण, अश्लीलता आदि के प्रति रुझान देखने को मिलता है ।
ऐसे में यदि उन्हें #दिव्य_प्रेरणा_प्रकाश पुस्तक के माध्यम से यौनसंबंधों, हस्तमैथुन आदि से होनेवाली हानियों के बारे में बताना अगर गलत है तो क्या कंडोम आदि का प्रचार करके उन्हें बेलगाम मैथुन, संभोग आदि की तरफ उत्साहित करना ठीक है ? (अखबार, चैनल आदि जो करते हैं ?)
दिव्य प्रेरणा प्रकाश प्रतियोगिता में विद्यार्थी स्वेच्छा से भाग लेते हैं, इसके लिए स्कूलों में किसी प्रकार की न ही अनिवार्यता रहती है और न ही कोई दबाव होता है ।
संयम-सदाचार को बढ़ावा देनेवाली इन पुस्तकों के बारे में झूठा दुष्प्रचार करनेवाले अखबार व चैनल खुद समाज को, विद्यार्थियों को क्या दे रहे हैं यह बात हर बुद्धिमान व्यक्ति जानता है ।
दिव्य प्रेरणा प्रकाश प्रतियोगिता वर्ष 2008 से चल रही है । जिसका लाभ अभी तक देश के लाखों-करोड़ों विद्यार्थी ले चुके हैं । पिछले 8 वर्षों से पूरे भारतवर्ष में हजारों स्कूलों में यह प्रतियोगिता हुई हैं । इस दौरान कई मंत्रियों, अधिकारियों, स्कूल के प्राचार्यों, अध्यापकों व अभिभावकों ने प्रतियोगिता की भूरि-भूरिप्रशंसा करते हुए संस्था को आभार-पत्र भी दिये हैं । इन पुस्तकों को पढ़ने से करोड़ों विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं । हजारों विद्यार्थियों के पत्र व अनुभव भी इन संदर्भ में प्राप्त हुए हैं ।
क्या है पुस्तकों में ?
वास्तव में दिव्य प्रेरणा प्रकाश प्रतियोगिता में बच्चों को दी जानेवाली पुस्तकों की सामग्री विद्यार्थियों के शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक विकास को बढ़ावा देनेवाली तथा उन्हें आध्यात्मिक व चारित्रिकरूप से उन्नत बनानेवाली है ।
पूज्य संत श्री आशारामजी बापू आश्रम साहित्य दिव्य प्रेरणा प्रकाश प्रतियोगिता में बच्चों को ज्ञानवर्धक साहित्य दिया जाता है, जिसमें जीवनशक्ति के विकास के लिए विभिन्न यौगिक प्रयोग, परीक्षा में सफलता के राज, तन तंदरुस्त, मन प्रसन्न रखने की विविध कुंजियाँ दी गयी हैं । साथ ही इन साहित्यों में सभी क्षेत्रों में सफल होने के सूत्र, जीवन जीने की कला, भारतीय संस्कृति व मातृ-पितृ भक्ति की महिमा, सुशुप्त शक्तियाँ का विकास करने के यौगिक प्रयोग व युक्तियाँ दी गयीं है ।
दिव्य प्रेरणा प्रकाश जीवन में संयम व संस्कार की महिमा, स्वस्थ की अनुपम कुंजियाँ, योगासन व उचित खान-पान आदि का समावेश किया गया है । विद्यार्थियों के अंदर राष्ट्रभक्ति जगे इस हेतु इन किताबों में देशभक्तों की कथाएँ व प्रसंग भी सम्मिलित किये गये हैं ।
साथ ही हमारे शास्त्रों श्रीमद् भगवद्गीता, रामायण व महाभारत पर आधारित ज्ञान भी इस प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों को दिया जाता है ।
साथ ही हमारे शास्त्रों श्रीमद् भगवद्गीता, रामायण व महाभारत पर आधारित ज्ञान भी इस प्रतियोगिता के माध्यम से बच्चों को दिया जाता है ।
इन किताबों में न केवल हिन्दू धर्म बल्कि जैन, बुद्ध, मुस्लिम, यहूदी सभी धर्मों की अच्छी बातों को, संस्कारों का पुस्तकों में समावेश किया गया है ।
सभी लोगों से अपील है कि वे इस पुस्तक को लेकर एक बार अवश्य पढ़ें और स्वयं निर्णय करें कि यह जीवन को उन्नत बनानेवाली है या नहीं है ?
देखिये वीडियो
देखिये वीडियो
Wordpress - https://goo.gl/NAZMBS
Blogspot - http://goo.gl/1L9tH1
Twitter - https://goo.gl/iGvUR0
FB page - https://goo.gl/02OW8R
जागो हिन्दुस्तानी
No comments:
Post a Comment