Saturday, October 31, 2015

Suresh Chavanke : Why Asaram Bapu Is Not Getting Bail ?

🚩🚩जागो हिन्दुस्तानी🚩🚩
🔥जमानत कब मिलेगी ? 
🌹-श्री सुरेश चव्हाणके, चेयरमैन, सुदर्शन न्यूज चैनल 
⛳आखिर 25 महीने से ज्यादा होने के बाद भी आशाराम बापू को जमानत क्यों नहीं मिली ?

💥इस देश में पिछले 25 महीने में कितनी ही ऐसी घटनाएँ हुईं, जिनमें लोगों पर आरोप हुए, वे जेल में गये और उसके बाद बाहर आये ।
💥पौने दो लाख करोड़ रुपये के 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले के प्रमुख आरोपी से लेकर कई बड़े-बड़े आरोपी जेल के बाहर हैं । उनमें से कुछ लोग चुनाव भी लड़ चुके हैं ।
💥70 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप जिनके ऊपर है या जिन पर कॉमनवेल्थ खेलों के घोटाले का आरोप है, वे भी बाहर हैं । और ‘तहलका’ का सम्पादक तरुण तेजपाल भी बाहर है ।
🚩लेकिन हिन्दू संस्कृति की धर्म-धजा फ़रहाने वाले निर्दोष आशाराम बापू अभी भी अंदर हैं, 24 महीने से ज्यादा हो गये हैं !
🔥किसीको बिना अपराध के 24 महीने तक बगैर बेल आप कैसे रख सकते हैं ?
⛳लोग बापूजी की जमानत को लेकर जनाक्रोश के रूप में अपनी प्रतिक्रियाएँ दे रहे हैं और कुछ समय पहले ‘अखिल भारतीय नारी रक्षा मंच’ ने दिल्ली में लाखों की संख्या में एकत्र होकर बड़ा मार्च भी किया था ।
💥देखिये वीडियो👇
💻 Sudarshan News" on YouTube -
🚩Official Jago hindustani Visit
👇👇👇
💥Youtube - https://goo.gl/J1kJCp
💥Wordpress - https://goo.gl/NAZMBS
💥Blogspot -  http://goo.gl/1L9tH1
🚩🚩जागो हिन्दुस्तानी🚩🚩

Friday, October 30, 2015

Notionalist- Sardar Vallabhbhai Patel

🚩🚩जागो हिन्दुस्तानी🚩🚩
⛳सिद्धांत-प्रेमी सरदार पटेल
🌹सरदार पटेल जयंती : 31 अक्टूबर
🚩सरदार वल्लभ भाई पटेल का
जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद गाँव में हुआ था । पिता श्री झवेरभाई व माता लाडबाई थे ।
⛳1857  के स्वातंत्र्य-समर में युवा झवेरभाई ने बडी वीरता के साथ अंग्रेजों को चुनौती दी थी । वल्लभभाई के बडे भाई विट्ठलभाई भी प्रसिद्ध देशभक्त थे । वल्लभभाई को निर्भयता व वीरता के संस्कार तो खून में ही मिले थे । वल्लभ भाई की निर्भयता से जहाँ बडों के सिर हर्ष व गर्व से ऊँचे उठ जाते थे, वहीं छोटे भी उन्हें बेहद चाहते थे । स्वभाव से ही वे अन्याय के खिलाफ थे । अपने सहयोगियों के कल्याण में उनकी प्रामाणिक दिलचस्पी थी ।
🚩महान आत्माओं की महानता उनके जीवन - सिद्धांतों में होती है । उन्हें अपने सिद्धांत प्राणों से भी अधिक प्रिय होते हैं ।
⛳सामान्य मानव जिन परिस्थितियों में अपनी निष्ठा से डिग जाता है, महापुरुष ऐसे प्रसंगों में भी अडिग रहते हैं । सत्य ही उनका एकमात्र आश्रय होता है, वे फौलादी संकल्प के धनी होते हैं । उनका अपना पथ होता है, जिससे वे कभी विपथ नहीं होते ।
सरदार वल्लभ भाई पटेल जिन्हें देश ‘लौह पुरुष के नाम से भी जानता है, ऐसे ही एक वल्लभ भाई थे ।
⛳उनके जीवन का यह प्रसंग उनके इसी सद्गुण की झाँकी कराता है ।
वल्लभ भाई अपने पुत्र-पुत्री को शिक्षा हेतु यूरोप भेजना चाहते थे । इस हेतु रुपये भी कोष में जमा कर दिये गये थे लेकिन ज्यों ही असहयोग आंदोलन की घोषणा की गयी, त्यों ही उन्होंने पूर्वनिर्धारित योजना को ठप कर दिया ।
🚩उन्होंने दृढ निश्चय किया कि ‘चाहे जो हो, मैं मन, वचन और कर्म से असहयोग के सिद्धांतों पर दृढ रहूँगा । जिस देश के निवासी हमारी बोटी-बोटी के लिए लालायित हैं, जो हमारे रक्त-तर्पण से अपनी प्यास बुझाते हैं, उनकी धरती पर अपनी संतान को ज्ञानप्राप्ति के लिए भेजना अपनी ही आत्मा को कलंकित करना है । भारत माता की आत्मा को दुखाना है ।
⛳उन्होंने सिर्फ सोचा ही नहीं, अपने बच्चों को इंग्लैंड में पढने से साफ मना कर दिया । ऐसी थी उनकी सिद्धांत-प्रियता । तभी तो थे वे ‘लौह पुरुष !
(ऋषि प्रसाद : अक्टूबर २०१०)
💥देखिये वीडियो👇
💻-  
🚩Official Jago hindustani Visit
👇👇👇
💥Youtube - https://goo.gl/J1kJCp
💥Wordpress - https://goo.gl/NAZMBS
💥Blogspot -  http://goo.gl/1L9tH1
🚩🚩जागो हिन्दुस्तानी🚩🚩