Monday, March 2, 2020

देश में 51% मुसलमान होते ही लोकतंत्र, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता खत्म

02 मार्च 2020

*🚩इस लेख के माध्यम से आप जान सकेंगे कि हमारी हिंदू धर्म व संस्कृति बचाना कितना बेहद जरूरी है।*

*🚩केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, पिछले पांच हजार वर्ष के इतिहास में ऐसी कोई घटना नहीं घटी कि हिंदू राजा ने किसी मस्जिद को तोडा हो या किसी को तलवार चलाने के लिए मजबूर किया हो। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, हमारी हिंदू परंपरा-हमारी भारतीय परंपरा प्रगतिशील, समावेशी और सहिष्णु है। अखिल भारतीय स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी साहित्य सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान गडकरी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपने सैनिकों को सख्त निर्देश दिए थे कि किसी भी धर्म के पवित्र स्थान का अपमान नहीं किया जाना चाहिए। किसी भी धर्म की महिलाएं हों, उन्हें माता की तरह सम्मान देना चाहिए।केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि हमारी परंपरा न तो संकीर्ण है, न जातिवादी है, और न ही सांप्रदायिक है। यदि आप भविष्य में भारत को जीवित रखने की इच्छा रखते हैं, सावरकरजी को भूल जाएंगे तो जो 1947 में एक बार हुआ, मुझे लगता है कि आगे भविष्य में दिन अच्छे नहीं होंगे। मैं यह बहुत जिम्मेदारी से कह रहा हूं।*

*🚩गडकरी ने कहा कि, वीर सावरकरजी ने जिस राष्ट्रवाद की अवधारणा दी थी, वह आज हमारे लिए आवश्यक है। हमने उस पर ध्यान नहीं दिया तो फिर एक बार देश का बंटवारा होते दिखाई दे सकता है। यदि फिर ऐसा होता है तो भारत सहित पूरी दुनिया में न समाजवाद रहेगा और न ही लोकतंत्र होगा और न ही धर्मनिरपेक्षता।*

*🚩गडकरी ने कहा कि सेक्युलर का मतलब सेक्युलरिज्म नहीं है, बल्कि इसका अर्थ है सभी का विश्वास। यह एक प्रकार की शुद्ध हिंदू परंपरा है। हमने सभी संस्कृतियों को सम्मान दिया है। हमारी विशेषता विविधता में एकता है। आज के परिदृश्य में हमें समावेशी, प्रगतिशील और सभी विश्वासों के साथ सही मायने में आगे बढना है, हालांकि अल्पसंख्यक या किसी भी समूह को खुश करना ‘धर्मनिरपेक्षता’ नहीं होनी चाहिए।*

*🚩सावरकरजी का उल्लेख करते हुए गडकरी ने कहा कि, उन्होंने एक भाषण में जिक्र किया था कि जैसे ही देश में 51% मुसलमान हो जाएंगे, देश में न तो लोकतंत्र और न ही समाजवाद है और न ही धर्मनिरपेक्षता बचेगा। यह तब तक है जब मुसलमान अल्पमत हैं। बहुसंख्यक मुस्लिम होने के बाद भी किस तरह से देश चलता है, उसके लिए पाकिस्तान, सीरिया को देखें। हम मुस्लिम या मुस्लिम परंपरा के विरोध में नहीं हैं। जो आतंकवादी कहते हैं कि हम अच्छे हैं, शेष सभी काफिर हैं, सभी को हटा दें, जो विकास के विरोध में हैं, हम उनके और उनकी प्रवृति के खिलाफ हैं। स्त्रोत : जनसत्ता*

*🚩इन बातों से पता चलता है कि हिंदू धर्म को बचाएं रखना कितना जरूरी है।*

*🚩2005 में समाजशास्त्री डा. पीटर हैमंड ने गहरे शोध के बाद इस्लाम धर्म के मानने वालों की दुनियाभर में प्रवृत्ति पर एक पुस्तक लिखी, जिसका शीर्षक है ‘स्लेवरी, टैररिज्म एंड इस्लाम-द हिस्टोरिकल रूट्स एंड कंटेम्पररी थ्रैट’। इसके साथ ही ‘द हज’ के लेखक लियोन यूरिस ने भी इस विषय पर अपनी पुस्तक में विस्तार से प्रकाश डाला है। जो तथ्य निकल कर आए हैं, वे न सिर्फ चौंकाने वाले हैं, बल्कि चिंताजनक हैं।*

*🚩उपरोक्त शोध ग्रंथों के अनुसार जब तक मुसलमानों की जनसंख्या किसी देश-प्रदेश क्षेत्र में लगभग 2% के आसपास होती है, तब वे एकदम शांतिप्रिय, कानूनपसंद अल्पसंख्यक बन कर रहते हैं और किसी को विशेष शिकायत का मौका नहीं देते। जैसे अमरीका में वे (0.6%) हैं, आस्ट्रेलिया में 1.5, कनाडा में 1.9, चीन में 1.8, इटली में 1.5 और नॉर्वे में मुसलमानों की संख्या 1.8 प्रतिशत है। इसलिए यहां मुसलमानों से किसी को कोई परेशानी नहीं है।*

*🚩जब मुसलमानों की जनसंख्या 2 से 5% के बीच तक पहुंच जाती है, तब वे अन्य धर्मावलंबियों में अपना धर्मप्रचार शुरू कर देते हैं। जैसा कि डेनमार्क, जर्मनी, ब्रिटेन, स्पेन और थाईलैंड में जहां क्रमश: 2, 3.7, 2.7, 4 और 4.6% मुसलमान हैं।*

*🚩जब मुसलमानों की जनसंख्या किसी देश या क्षेत्र में 5% से ऊपर हो जाती है, तब वे अपने अनुपात के हिसाब से अन्य धर्मावलंबियों पर दबाव बढ़ाने लगते हैं और अपना प्रभाव जमाने की कोशिश करने लगते हैं। इस तरह अधिक जनसंख्या होने का फैक्टर यहां से मजबूत होना शुरू हो जाता है, जिन देशों में ऐसा हो चुका है, वे फ्रांस, फिलीपींस, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, त्रिनिदाद और टोबैगो हैं। इन देशों में मुसलमानों की संख्या क्रमश: 5 से 8 फीसदी तक है। इस स्थिति पर पहुंचकर मुसलमान उन देशों की सरकारों पर यह दबाव बनाने लगते हैं कि उन्हें उनके क्षेत्रों में शरीयत कानून (इस्लामिक कानून) के मुताबिक चलने दिया जाए। दरअसल, उनका अंतिम लक्ष्य तो यही है कि समूचा विश्व शरीयत कानून के हिसाब से चले।*

*🚩जब मुस्लिम जनसंख्या किसी देश में 10% से अधिक हो जाती है, तब वे उस देश, प्रदेश, राज्य, क्षेत्र विशेष में कानून-व्यवस्था के लिए परेशानी पैदा करना शुरू कर देते हैं, शिकायतें करना शुरू कर देते हैं, उनकी ‘आर्थिक परिस्थिति’ का रोना लेकर बैठ जाते हैं, छोटी-छोटी बातों को सहिष्णुता से लेने की बजाय दंगे, तोड़-फोड़ आदि पर उतर आते हैं, चाहे वह फ्रांस के दंगे हों डेनमार्क का कार्टून विवाद हो या फिर एम्सटर्डम में कारों का जलाना हो, हरेक विवाद को समझबूझ, बातचीत से खत्म करने की बजाय खामख्वाह और गहरा किया जाता है। ऐसा गुयाना (मुसलमान 10 प्रतिशत), इसराईल (16 प्रतिशत), केन्या (11 प्रतिशत), रूस (15 प्रतिशत) में हो चुका है।*
*जब किसी क्षेत्र में मुसलमानों की संख्या 20 प्रतिशत से ऊपर हो जाती है तब विभिन्न ‘सैनिक शाखाएं’ जेहाद के नारे लगाने लगती हैं, असहिष्णुता और धार्मिक हत्याओं का दौर शुरू हो जाता है, जैसा इथियोपिया (मुसलमान 32.8 प्रतिशत) और भारत (मुसलमान 22 प्रतिशत) में अक्सर देखा जाता है। मुसलमानों की जनसंख्या के 40 प्रतिशत के स्तर से ऊपर पहुंच जाने पर बड़ी संख्या में सामूहिक हत्याएं, आतंकवादी कार्रवाइयां आदि चलने लगती हैं। जैसा बोस्निया (मुसलमान 40 प्रतिशत), चाड (मुसलमान 54.2 प्रतिशत) और लेबनान (मुसलमान 59 प्रतिशत) में देखा गया है।*

*🚩शोधकर्ता और लेखक डा. पीटर हैमंड बताते हैं कि जब किसी देश में मुसलमानों की जनसंख्या 60 प्रतिशत से ऊपर हो जाती है, तब अन्य धर्मावलंबियों का ‘जातीय सफाया’ शुरू किया जाता है (उदाहरण भारत का कश्मीर), जबरिया मुस्लिम बनाना, अन्य धर्मों के धार्मिक स्थल तोडऩा, जजिया जैसा कोई अन्य कर वसूलना आदि किया जाता है। जैसे अल्बानिया (मुसलमान 70 प्रतिशत), कतर (मुसलमान 78 प्रतिशत) व सूडान (मुसलमान 75 प्रतिशत) में देखा गया है।*
*किसी देश में जब मुसलमान बाकी आबादी का 80 प्रतिशत हो जाते हैं, तो उस देश में सत्ता या शासन प्रायोजित जातीय सफाई की जाती है। अन्य धर्मों के अल्पसंख्यकों को उनके मूल नागरिक अधिकारों से भी वंचित कर दिया जाता है। सभी प्रकार के हथकंडे अपनाकर जनसंख्या को 100 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा जाता है। जैसे बंगलादेश (मुसलमान 83 प्रतिशत), मिस्र (90 प्रतिशत), गाजापट्टी (98 प्रतिशत), ईरान (98 प्रतिशत), ईराक (97 प्रतिशत), जोर्डन (93 प्रतिशत), मोरक्को (98 प्रतिशत), पाकिस्तान (97 प्रतिशत), सीरिया (90 प्रतिशत) व संयुक्त अरब अमीरात (96 प्रतिशत) में देखा जा रहा है।*

*🚩अभी अगर जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनाया गया है जबतक जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनता है तब तक हिंदुओं ने ज्यादा बच्चे पैदा नहीं किये देश की क्या हालत होगी इस लेख के माध्यम से समाज सकते हैं।*

🚩Official Azaad Bharat Links:👇🏻

🔺 Follow on Telegram: https://t.me/azaadbharat





🔺 Pinterest : https://goo.gl/o4z4BJ

No comments: