https://youtu.be/4eS_UhE7MOo
को बहला फुसला कर उससे शादी करके उसको ईस्लाम में
दीक्षित कर लेता है । इसी को लव जिहाद कहा जाता है ।
हो । क्योंकिं जैसे किसी भी जाति को समाप्त करना हो
तो उनकी #स्त्रियों को दूषित किया जाता है । जिससे कि
वो अपने समाज में #आत्म सम्मान खो दें और दूसरे समाज में
जाने को बाध्य हो सकें । जिससे कि मुसलमान उस लड़की
की सम्पत्ति का मालिक बने और उस लड़की के घर वाले सिर
उठा कर जी न सकें। लव जिहाद का मुख्य उद्देश्य है #अलतकियाह, ( गज़्वा ए हिन्द ) यानि भारत का
ईस्लामीकरण ।

#हिन्दू समाज अपनाने को तैयार नहीं होता है । और जिसके
कारण उसके पास और कोई मार्ग शेष नहीं रहता तो वह
#मुसलमानी नर्क में जीने को विवश हो जाती है । तो इसी
प्रकार जो उस #लड़की के बच्चे होते हैं वो भी मुसलमान ही
होते हैं । तो ऐसे #मुसलमानों की संख्या वृद्धि होने से राष्ट्र
शीघ्रता से ईस्लामीकरण की ओर बढ़ता है ।
कैसी होती है ?
से बदतर होती है । जैसा कि कई #लड़कियों को मुसलमानों के
साथ विवाह के बाद उन्हें तलाक देकर
#वैश्यावृत्ति के धंधे में धकेल दिया जाता है या फिर
उनको भारत की यात्रा पर आये अरब के शेखों को बेच दिया
जाता है । जो उनको अपने साथ #अरब देशों में ले जाते हैं ।
वहाँ उनको '#नमकीन बेगम' के नाम से सम्बोधित किया
जाता है, उन्हें #गुलाम बनाकर उनका शोषण किया जाता
है । कई बार उनको नेपाल के माध्यम से पाकिस्तान भेजा
जाता है , या फिर असम, त्रिपुरा या बंगाल से उनको
#बांग्लादेश भेजा जाता है ( बंगाल की कांग्रेस सांसद रूमी
नाथ इसकी ताज़ा उदाहरण है जिसे एक जिहादी ने फेसबुक
के ज़रिये शिकार बनाया और बंग्लादेश भेज दिया ) । ऐसी
कई और उदाहरण हैं ।
होगी ?
कुरान का #शरिया कानून लागू होता है, #लोकतन्त्र समाप्त
हो जाता है और विचारों को रखने की #स्वतन्त्रता समाप्त
हो जाती है । देश ईस्लाम की अत्यन्त संकुचित और नीच
विचारधारा में जकड़ा जाता है । जिसमें स्त्रियों का
#शोषण होता है । उनको पुरुषों की खेती समझा जाता है ।
जहाँ स्त्रियों का सम्मान नहीं वहाँ पुरुष निर्दयी हो जाते
हैं । पुरुषों के निर्दयी होने से समाज में भारी क्षोभ और
वासनामय वातावरण होता है । जहाँ सत्ता इस्लाम के हाथ
है वो देश एक #बूचड़खाना होता है, जिसमें मानवों की और #पशुओं की कटती हुई लाशें दिखाई देती हैं ।
मुसलमान पुरुष जब चाहे उसे तीन बार "#तलाक तलाक तलाक" कह कर उससे पीछा छुड़ा लेता है । खून के रिश्तों में या सगे रिश्तों में ही शादियाँ होने से नये जन्मे बच्चों का मानसिक विकास नहीं होता है । और उस इस्लामी देश में गैर
मुसलमानों को अपने-अपने #धार्मिक कार्य करने की आज़ादी
नहीं होती । उनकी #स्त्रियों को #बंदूकों या तलवारों की
नोक पर उठा लिया जाता है उनके धार्मिक उत्सवों पर हमले किये जाते हैं , ( जैसे कि मुस्लिम बाहुल्य #कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों के साथ होता है ) । स्त्रियों की आँखें नोच ली जाती हैं । किसी स्त्री के साथ कोई पुरुष जब बलात्कार करता है तो दंड पुरुष को नहीं स्त्री को ही दिया जाता है । स्त्रियों को ज़मीन में आधा गाड़ कर उन पर संगसार ( पत्थरों की बारिश ) किया जाता है । चारों ओर मस्जिदों से मौलवियों की मनहूस आज़ानें सुनाई देती हैं, ज़रा ज़रा सी बातों पर मुसलमानी मोहल्ले में
लड़ाईयाँ और खून खराबा होता है, सड़कों पर लोगों के रास्ते रोक कर नमाजें पढ़ी जाती हैं । तो ऐसी अनेकों हानियाँ मानव समाज को उठानी पड़ती हैं । जो कि देश के इस्लामीकरण का परिणाम है ।
लड़कियों को फंसाने के लिये इनको ₹ 8000 से ₹10000
मासिक वेतन दिया जाता है । तो मस्जिदों में किसी मुहल्ले के सभी मुसलमानों की मीटिंग रखी जाती है । जिसमें रेड़ीवाला, शॉल बेचने वाले कशमीरी पठान, घरों में काम करने वाले, नाई, चमार आदि आते है । इनको हिन्दू या सिक्ख ईलाकों में घूम घूम कर ये पता लगाने को कहा जाता है कि किस घर की लड़की जवान हो गई है । तो शाल बेचने वाले पठान ये नज़र रखते हैं । और फिर ये लड़कियों की लिस्ट बनाई जाती है और जिहादी गुंडे जो कि दिखने में हट्टे कट्टे हों उनको तैयार किया जाता है, मोटर साईकलें खरीद कर दी जाती हैं । जिनको मस्जिदों में रखा जाता है । तो ये युवक अपनी कलाईयों पर मौलियाँ बाँध कर अपने नाम बदल कर हिन्दू नाम रख लेते हैं और इन लड़कियों के पीछे पड़ जाते हैं । और अगर कोई लड़की दो सप्ताह के भीतर नहीं फंसती तो फिर ये उसे छोड़ कर लिस्ट की दूसरी लड़की पर अपने जिहाद को आज़माने के लिये निकल पड़ते हैं । तो ऐसे ही पूरे मोहल्ले में से कोई न कोई लड़की लव जिहाद का शिकार हो ही जाती है ।
दूसरा ये है कि social networking sites जैसे कि facebook आदि पर ये लोग नकली Id या फिर अपनी असली
Id से ही हिन्दू लड़कियों को request भेजते हैं । और जैसे कि
इनकी training होती है वैसे ही ये लोग इन लड़कियों को फँसाने के लिये तरह तरह के message भेजते हैं । और वे
लड़कियाँ इनके मोह जाल में फँसकर अपना सब कुछ गंवा
देती हैं ।
करने के या यही हैं ?
है पर कुछ और बताते हैं । ये मुस्लिम जिहादी गुंडे स्कूलों कालेजों के चक्कर लगाते रहते हैं । और लड़कियों के पीछे पड़ जाते हैं । या फिर स्कूलों में पढ़ने वाले मुस्लिम युवक अपनी मुस्लिम सहेलियों की सहायता से उनकी हिन्दू सहेलियों से दोस्ती करते हैं और धीरे धीरे अपनी कारवाईयाँ शुरू कर देते हैं । या फिर कालेजों और स्कूलों के आगे मोबाईल की दुकानें मुसलमानों के द्वारा खोली जाती हैं । जिसमें कि जब हिन्दू, बौद्ध या जैन आदि लड़कियाँ फोन रिचार्ज करवाने जाती हैं, तो उनके नम्बरों को ये गलत इस्तेमाल करके आगे जिहादियों को बाँट देते हैं । जिससे कि वे लोग गंदे गंदे अश्लील मैसेज भेजते हैं । पहले तो ये लड़कियाँ उसकी उपेक्षा करती हैं पर लगातार आने वाले मैसेजों को वे ज्यादा समय तक टाल नहीं पातीं । जिससे कि वो कामुक बातों में फँस कर अपना आपा खो देती हैं और अपना सर्वस्व जिहादियों को सौंप देती हैं । और ये सब यूँ ही नहीं होता है । इन जिहादियों को ये सब करने की training दी जाती है कि किस प्रकार से लड़की कि मानसिक्ता को समझ कर उसे कैसे फंसाना है । तो ऐसे ही कुछ और भी तरीके हैं परन्तु मुख्य यही हैं ।
मायानगरी में मुसलमान अभिनेताओं की केवल हिन्दू
पत्नियाँ ही क्यों होती हैं ? शाहरुख खान, अमीर खान,
फरदीन खान, सुहैल खान, अरबाज़ खान, सैफ अली खान,
साजिद खान आदि कितने ही नाम हैं जिनकी शादियाँ
हिन्दू लड़कियों से ही हुई हैं । इनमें से किसी को भी
मुसलमान लड़कियाँ क्यों नहीं पसंद आईं ? अमिर खान और
सैफ अली खान की शादी तो एक की बजाये दो दो हिन्दू
लड़कियों से हुई । और इन्हीं को आदर्श मान कर हिन्दू लड़कियाँ मुसलमानों के चंगुल में फँस कर अपनी अस्मिता खो देती हैं । एक फ़िल्म आई थी जिसमें अभिषेक बच्चन का नाम आफताब होता है और वो अजय देवगण की बहन का किरदार
निभा रही प्राची देसाई से प्रेम करता है । तो अजय देवगण
उसे रोकता है तो वो नीच लड़की सैफ और शाहरुख आदि का
उदाहरण देती है और उनको अपना आदर्श स्वीकार करती है ।
तो ये देख कर हिन्दू लड़कियों के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है ज़रा सोचिये ।
तो ऐसी इन लड़कियों को परिणाम की परवाह नहीं होती और इनको हर जिहादी सलमान या शाहरूख ही दिखता है । और अपना जीवन बर्बाद कर देती हैं।
ईनाम मिलता है । दूसरा कारण है मज़हबी जुनून क्योंकि ईस्लाम की शिक्षा ही नफरत और कत्ल की बुनियाद पर टिकी है और मस्जिद के मौलवियों के द्वारा झूठी मुहम्मदी जन्नत का लालच दिया जाना । वो कहते हैं कि अगर कम से कम एक हिन्दू लड़की से शादी करो और बदले में सातवें आसमान की जन्नत पाओ । तो चाहे वो जिहाद काफिरों की खेती को समाप्त करने का ही क्यों न हो इनके अरबी अल्लाह ने इनके लिये जन्नत तैयार रखी है । जिसमें फिर एक एक मुसलमान 72 पाक साफ औरतों का आनंद लेता है । ईस्लाम में वैसे बहुत प्रकार के जिहाद हैं पर सबसे मुख्य दो
प्रकार के जिहाद हैं :-
जिहाद ए अकबर ( बड़ा जिहाद )
जिहाद ए असगर ( छोटा जिहाद )
ये लव जिहाद जो है, वो जिहाद ए अकबर का ही एक बड़ा
स्वरूप है ।
करने या नापाक करने का क्या ईनाम मिलता है ?
फँसाने के लिये घोषित किया गया है :-
सिक्ख लड़की = 9 लाख
पंजाबी हिन्दू लड़की = 8 लाख
हिन्दू ब्राह्मण लड़की = 7 लाख
हिन्दू क्षत्रीय लड़की = 6 लाख
हिन्दू वेश्य लड़की = 5 लाख
हिन्दू दलित लड़की = 2 लाख
हिन्दू जैन लड़की = 4 लाख
बौद्ध लड़की = 4.2 लाख
ईसाई कैथोलिक लड़की = 3.5 लाख
ईसाई प्रोटैस्टैंट लड़की = 3.2 लाख
शिया मुसलमान लड़की= 4 लाख
ईनाम इनसे थोड़ा कम या अधिक हो सकता है पर ज्यादा भेद
नहीं है ।
संचालन कहाँ से होता है ?
है । परन्तु अब उसकी शाखायें पूरे भारत में फैल गई हैं । क्योंकि केरल में ही लव जिहाद के 5000 से अधिक मामले कोर्ट के सामने आये हैं । तो पूरे भारत में कितने ही ऐसे मामले होंगे ?
ही लक्ष्य किया जाता है या अन्य को भी ?
हिन्दू लड़कियाँ ही होती हैं । परन्तु इससे अतिरिक्त दूसरे मत
( बौद्ध, जैन, वाल्मिकी, सिक्ख, ईसाई ) की लड़कियाँ भी लक्ष्य की जाती हैं, क्योंकि ईस्लाम की विचारधार बहुत ही कुंठित और संकुचित है जिसमें कि दूसरे मत पंथों के विरुद्ध उग्र घृणा का भाव विद्यमान है, और स्त्रियों को तो इस्लाम जानवरों से भी बदतर समझता है ।
जाती हैं ? क्या इनमें दिमाग नहीं होता ?
(१) हिन्दू घरों में धार्मिक वातावरण नहीं रखता।
(२) हिन्दू अपने बच्चों को वैदिक मत की श्रेष्ठता और
अवैदिक मत की निकृष्टता नहीं बताता ।
(३) अपने इतिहास पुरुषों और स्त्रियों की जीवनियों और
उनके बलिदानों को नहीं बताता।
(४) हिन्दू युवा अपने वीर योद्धाओं से इतर बालिवुड के
नायकों को अपना आदर्श मानता है ।
(५) घर में सास बहु के सीरियल चलने से वातावरण और दूषित
हो जाता है ।
(६) हिन्दू अपने बच्चे को धर्मनिरपेक्षता का पाठ पढ़ाता है
और मुसलमान अपने बच्चे को दूसरों के प्रति नफरत सिखाता
है । जिस कारण ये हिन्दू लड़कियाँ मुसलमान लड़कों से घुलने
मिलने में झिझकती नहीं ।
(७) फेसबुक पर ज्यादातर हिन्दू लड़कियों की प्रोफाईल
देखेंगे तो उन्होंने धार्मिक पेजों की बजाये, love, tv serials,
pyar, ishq, bollywood masala, mickel jakson, shahrukh,salman, hritik आदि के पेज लाईक किये होते हैं। और उनकी friend list में मुसलमान युवकों की संख्या बहुत ही पायी जाती है ।
बारे में समझाता क्यों नहीं ?
लिखी बातें बोलती हैं :-
-------- आप तो नफरत फैलाते हो !!
-------- क्यूँ मुस्लिम भी तो ईंसान ही होते हैं ?
-------- तो इसमें क्या बुराई है ?
-------- हमको इससे क्या लेना देना ?
-------- हमें सोच बदलनी चाहिये, और इसी जातिवाद को खत्म करके development करनी चाहिये ।
-------- आपकी सोच पिछड़ी हुई है, इतनी hate speech मत फैलाओ !!
-------- मुस्लिम बनने में कोई बुराई नहीं है, क्योंकि profet
mohammad भी तो god ही थे ।
-------- Hey you अपना काम करो mind your own
buisness !!
-------- You know Dr. Abdul kalam भी मुस्लिम हैं ।
-------- U remember जोधा अकबर की great love story.
अभी आप स्वयं जान लीजिये इन हिन्दू लड़कियों की मानसिकता कितनी निच और गिरी हुई है । जिस जाति की स्त्रियों को अपने पराये का भेद ही नहीं पता, तो वो लव जिहादियों का शिकार न होंगी तो और क्या होगा ?
समझाया कैसे जाये ?
उस मरीज के भले के लिये होती है । तो इसी प्रकार ये चर्चा
आपकी बहनों के लिये हितकर है । उनके कानों में यह विषय
अवश्य ही पहुँचना चाहिये । तो ऐसे में जब भी रेलगाड़ी या
बस में बैठे हुए किसी अजनबी से बातचीत शुरू हो ही जाये तो
उससे भी जानबूझ कर इस विषय में किसी न किसी बहाने से
लव जिहाद की चर्चा छेड़ दें । ताकि वो अपने घर की स्त्रियों की रक्षा के बारे में सचेत हो जाये । दूसरा मार्ग
यह है कि इस लेख को facebook पर हिन्दू लड़कियों के
message box में डाल दें । क्योंकि मान लो इस काम को
एक राष्ट्रवादी एक दिन में कम से कम 100 लड़कियों के
inbox में ये लव जिहाद वाली प्रश्नोत्तरी को copy paste
करे तो फिर मान लो ऐसे 100 राष्ट्रवादी हों तो एक दिन
में कम से कम 100 x 100 = 10000 अलग अलग हिन्दू लड़कियों के message box में भी ये जानकारी पहुँचेगी । तो अगर उसमें से 5000 लड़कियाँ आपको block कर देती हैं । तो बाकी 5000 में से 2500 इस लेख की उपेक्षा करती हैं । तो 2500 उसको पढ़ेंगी और इनमें से मान लो 1500 लड़कियाँ पढ़ कर भी सहमत नहीं होतीं तो बाकी 1000 उससे सहमत होंगी तो, ये 1000 हिन्दू लड़कियाँ ईस्लामी लव जिहाद से सतर्क हो जायेंगी । तो ऐसे ही 1000 प्रतिदिन हिन्दू लड़कियाँ सचेत हों तो एक माह में कितनी होंगी ( 30 x 1000 = 30000 ) प्रतिमाह हिन्दू लड़कियाँ लव जिहाद के बारे में सतर्क रहेंगी
और मुसलमान गुंडों से सावधान रहेंगी और अपनी सहेलियों
को भी सावधान करेंगी । तो ये बहुत ही कारगर तरीका है और फिर इस लेख को अपनी अपनी profile पर डालें और हिन्दू
लड़कियों को इसमें tag करें और कृप्या इसको अधिक से
अधिक Share करें ।
रोकने का ?
साक्षी भी रही है ?
में चाहें घुस जाते थे । और उनकी बेटियों या औरतों को उठा ले जाते थे और उनका शील भंग करके फिर से छोड़ जाते थे । तो बहुत से बादशाहों ने तो सुन्दर सुन्दर हिन्दू लड़कियों को टके के भावों में भी कसूर, लाहौर या काबुल के बाज़ारों में बेचा था । तो इसके उपरान्त मुहम्मद बिन कासिम जो कि पहला यवन आक्रमणकारी था उसने भी यहाँ भारत से 5 लाख हिन्दू औरतों को अरबी बाज़ारों में ले जा कर बेचा था । और अब वर्तमान की बात करें तो पाकिस्तान मुस्लिम बाहुल्य होने से वहाँ हिन्दू, सिक्ख, ईसाई लड़कियों को जबरन बंदूकों की नोक पर उठाया जाता है, जब इनकी लड़कियाँ जवान होती हैं तो वहाँ के पठान और पश्तून इनके पीछे हाथ धो कर पड़ जाते हैं और मौका पाते ही इनका अपहरण कर लेते हैं फिर बलात्कार के बाद इनको मुसलमान बना कर किसी भी अधेड़ उमर के आदमी से या किसी से भी शादी कर दी जाती है । पाकिस्तानी बच्चों की पाठ्य पुस्तकों में हिन्दुओं और गैर मुसलमानों के प्रति नफरत करने की शिक्षा दी जाती है ।
तो हिन्दू जनता इस ओर ध्यान क्यों नहीं देती ?
थोथी सैक्युलरिज़म के कारण । हिन्दू की शिक्षा ने ही उसे अधकचरा और सैक्युलर बना दिया है । जिससे की कभी कभी
समस्या के पता होने के बावजूद भी वो आँख मूंद कर रहता है ।
किसी हिन्दू की पहचान करनी हो तो उससे बात करना और
वो दो ही शब्द बोलना जानता है, "तुझको क्या ?" या "मुझको क्या ?"। इसी सैक्युलरिज़म के कारण ही ये हिन्दू समाज इतना नपुंसक बन गया है । तो इसको ना अपने धर्म रक्षा की चिंता है, न संस्कृति की चिंता, न देश की चिंता, न अपनी संतानों की नैतिक शिक्षा की चिंता, न अपनी जाति रक्षा की चिंता । बस ये हिन्दू यही रट लगाता है :- "तुझे क्या ? मुझे क्या ? हमको क्या ? तुमको क्या ? हमें क्या लेना ? तुम्हें क्या लेना ? मुझे क्या करना ? तुझे क्या करना ? " इत्यादि!!!
जिहाद में फँस गई है, तो हमें क्या करना चाहिये ?
निसंकोच होकर उसके घर जायें उसके माता पिता से इस बारे
में बात चीत करें और उनको लव जिहाद के विषय में विस्तार
से बतायें । अगर आप नहीं समझा सकते तो पास ही किसी
क्रियाशील संगठन जैसे [ आर्य समाज, स्वयंसेवक संघ, शिव
सेना, बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद ] आदि से सम्पर्क करें और उनको इसकी सूचना दें । अगर आपकी बेटी या बहन इस चक्कर में फँस रही है तो उसे गुस्से या ज़बरदस्ती से न समझायें । क्योंकि ऐसा करने से वो घर छोड़ कर भी भाग सकती है । ऐसी training लव जिहादियों को मिली होती है कि वो पूरी तरह से इनको सम्मोहित कर लेते हैं कि ये हिन्दू लड़कियाँ घर तक छोड़ने को तैयार हो जाती हैं और भारत में कानून भी यह कहता है कि अगर लड़की बालिग हो तो वो जहाँ चाहे विवाह कर सकती है । तो इसी का लाभ ये मति भ्रष्ट लड़कियाँ
उठाती हैं । अपने घरों में धार्मिक वातावरण बनाने के प्रयास
करें । ऋषि दयानंद सरस्वति कृत अमर ग्रन्थ सत्यार्थ प्रकाश
भी पढ़ायें जिसमें उन्होंने संसार के मुख्य मत पंथों की वैदिक
धर्म से तुलनात्मक समीक्षा की है । अवैदिक मतों का
खण्डन किया है उसका प्रचार करें ।
को बचाया भी गया है या नहीं ?
उदाहरण देते हैं । सब जानते हैं कि वहाँ बाल ठाकरे के नेतृत्व में शिव सेना सक्रिय है । और वहाँ के रहने वाले मुसलमानों को
दबा रखा है, उनके अल्लाह हो अकबर के जुनून को ठंडा
किया हुआ है । वहाँ नासिक के किसी Resturant में एक
मुसलमान किसी हिन्दू लड़की के साथ बैठा था इसकी भनक
शिव सैनिकों को लगी तो वो वहाँ गये और जमकर उस मुसल्ले
की धुनाई कर दी और ऐसे ही महाराष्ट्र में मौलवियों ने फ़तवा निकाला हुआ था कि हिन्दू लड़कियों को छेड़ो और जन्नत पाओ । तो शिव सेना ने स्कूलों कालेजों की घेरा बन्दी की हुई है और यदि कोई सरफिरा मजनू वहाँ घूमता हुआ या घात लगाता हुआ पकड़ा जाता तो उसकी पिटाई करके जन्नत के नज़ारे दिखा दिये जाते हैं । इस आन्दोलन का असर हुआ कि महाराष्ट्र में लव जिहाद की घटनाओं में भारी घिरावट आई । तो इसी कारण ये मुसलमान शिव सैनिकों या संघियों को भगवा आतंकी कहते हैं । और बेचारे कहेंगे भी क्या ? क्योंकि इनके मनसूबों का नाकाम करके इनको आतंकित जो कर रखा है । केरल में संघ ने करीब 171 हिन्दू लड़कियों को बचाया गया है । ऐसे और भी कई मामले हैं । यही कारण है कि ये मुसल्ले सनातन धर्म की रक्षा करनेवाले संगठनो को आतंकवादी संगठन बताते हैं । अरे भाई !! सीधी सी बात है, "जिन्होंने ऐसे दहशतगर्दों को आतंकित कर रखा हो वो आतंकवादी नहीं तो और क्या हैं ?"
केरल आदि में तो लव जिहाद के जरिये से 4 लाख करीबन हिन्दू लड़कियाँ ग़ायब हो गई है । और अन्य राज्यों में भी भारी मात्रा में हिन्दू लड़कियाँ गायब हो रही है अतः सावधान रहे अपनी बेटियों को अच्छे संस्कार दे जिससे लव जिहाद में फसे नही ।
Visit
Official
No comments:
Post a Comment