#'इंडिया टूडे’(आजतक) के नाम #लंदन की एक महिला #श्रीमति सुनन्दा तंवर का एक खुला पत्र
पत्र की लिखित पोस्ट
प्रिय इंडिया टूड
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प्रिय इंडिया टूड
मैं ‘इंडिया टूडे’ में संत श्री #आशाराम जी बापू के विषय में प्रकाशित एक लेख को पढ़ कर तुम्हें यह पत्र लिख रही हूँ।
यह लेख अत्यंत गरीब व आदिवासियों के हित में काम कर रही उनकी संस्था व #आश्रम को बदनाम करने के उद्देश्य से लिखा गया झूठ का एक पुलिन्दा मात्र है।
आपके सीनियर व खोजी(?) पत्रकार ने लिखा है कि #संत श्री आशाराम जी बापू के आश्रम को प्रतिवर्ष 150 से 200 करोड़ रुपये चन्दे के रूप में प्राप्त होते हैं।
इस पर मुझे कहना है कि संत श्री आशाराम जी बापू आम आदमी के संत हैं।
तथा वे #सत्संग अथवा #शिविर के लिए कोई फीस भी चार्ज नहीं करते हैं।
और
तथा वे #सत्संग अथवा #शिविर के लिए कोई फीस भी चार्ज नहीं करते हैं।
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यदि कभी आपको पूज्य #बापू जी का सत्संग अथवा उनकी कोई #सी.डी.सुनने का सौभाग्य प्राप्त हो जाये तो आपको जानकारी मिलेगी कि बापू जी ना तो दीक्षा देते हुए कोई नकद दक्षिणा अथवा कोई वस्तु स्वीकार करते हैं और ना ही गुरु #पूर्णिमा अथवा अन्य किसी पर्व पर भी।
आश्चर्य का विषय है कि आपका खोजी व सीनियर पत्रकार तो आश्रम द्वारा आयोजित भंडारों एवं अन्य सद्प्रवृतियों द्वारा भी धन एकत्रित करने का आरोप लगा रहा है।
मैं आपको बता दूँ कि आश्रम द्वारा संचालित भण्डारे केवल गरीबों, #बनवासियों तथा #आदिवासियों में विराजमान ‘दरिद्र #नारायण’ की सेवा के लिए आयोजित किये जाते हैं ना की चंदा एकत्र करने के लिये।
कितने आश्चर्य की बात है कि आपका बिजनेस ग्रुप-आजतक समाचार #चैनल, #म्यूजिक टूडे चैनल, बिजनेस टूडे चैनल अथवा अन्य कई #विदेशी ब्रांड्स के साथ बिजनेस कर आपके लिए धनवर्षा कर रहा है।
किन्तु फिर भी जैसी कि एक कहावत है कि पैसे से कभी मनुष्यता नहीं खरीदी जा सकती, आपका केस भी मुझे वही लगता है।
आपने तो मनुष्यता के अत्यंत नीचे स्तर पर उतरकर वेटिकन व ईसाई मिशनरियों द्वारा प्रयोजित यह लेख केवल उनकी प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए छापा गया लगता है।
और ऐसा पहली बार भी नहीं है, जब आप देश के एक महान हिंदू संत श्री आशाराम जी बापू के विरुद्ध पहली बार ऐसा काम कर रहे हैं।
और ऐसा पहली बार भी नहीं है, जब आप देश के एक महान हिंदू संत श्री आशाराम जी बापू के विरुद्ध पहली बार ऐसा काम कर रहे हैं।
सितम्बर #2010 में भी आपके समाचार चैनल ‘आजतक’ ने एक स्टिंग ऑपरेशन में दिखाया था कि संत श्री आशाराम जी बापू अपने आश्रम में एक अपराधी महिला को रखने के लिए राजी हो गये हैं।
मैंने जब इस विषय में कुछ खोज की तो पता चला कि आपके चैनल के ही कुछ व्यक्ति एक महिला को लेकर बापू जी के पास हरिद्वार पहुँचे थे तथा कहा था कि इस महिला की जान को खतरा है, अत: कृपया एक दो दिन इसको अपने आश्रम में शरण दे दें।
यह पूरा #षड्यंत्र आपके चैनल की टीम ने बनाया था तथा जो स्टिंग वो दिखा रहे थे, वह भी काफी जोड़-तोड़ करके बनाया गया स्टिंग था।
मैंने जब आपके चैनल के अधिकारियों को बिना एडिट किया हुआ पूरा स्टिंग दिखाने के लिए फोन किया तो उन्होंने अत्यंत निर्लज्जता से उत्तर दिया था कि आप अदालत में जा सकती हैं।
वेटिकन की ईसाई #मिशनरियों का उद्देश्य #भारत का #‘ईसाईकरण’ है इसीलिए भारतीय #संस्कृति व सनातन धर्म का झंडा बुलंद करने वाले संत श्री आशाराम जी बापू तो उनके जन्मजात दुश्मन बने हुए हैं।
अत: उन्हें हटाने के लिए ही वो भारत के ‘देशद्रोही व निर्लज्ज’ #मीडिया को अपनी अकूत दौलत के बल पर आज #‘जयचंद’ बना रहे हैं।
#‘इंडिया टूडे’ ग्रुप एक अत्यंत धनी व पैसे वाला बिजनेस ग्रुप है किन्तु जब भी भारतीय संस्कृति व हिंदू धर्म का इतिहास लिखा जाएगा तो आपका नाम भी आज के ऐसे ‘जयचंदों’ की सूची में शामिल होगा जिन्होंने पैसे की लिप्सा के लिए अपनी आत्मा व धर्म दोनों को ही धर्म के सौदागरों के हाथ नीलाम कर दिया था।
धन्यवाद सहित
भवदीय, सुनंदा तंवर 16, पालम कोर्ट, लन्दन, यू.के.
भवदीय, सुनंदा तंवर 16, पालम कोर्ट, लन्दन, यू.के.
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