
आप #हॉस्पिटल जाते हो तो हो जाइए सावधान...!!!

#साउथ-ईस्ट #दिल्ली स्थित मशहूर हॉस्पिटल अपोलो में किडनी कांड का बड़ा खुलासा हुआ है।

गैरकानूनी तरीके से किडनी बेचने वाले 3 लोगों के अलावा 3 दलाल गिरफ्तार किए गए हैं।

#जॉइंट #पुलिस कमिश्नर साउथ ईस्टर्न रेंज #आर. पी. उपाध्याय ने बताया कि इस केस में अभी तक कुल 6 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।

इस भंडाफोड़ में पता चला है कि इस रैकिट के #मास्टरमाइंड का नाम अनीस है। वह किडनी को #गैरकानूनी तरीके से बेचता था और इसके लिए किडनी बेचने वालों का प्रबंध भी वही करता था।

एम्स के सूत्रों ने बताया कि किडनी बेचने वाले 3 मुजरिमों की मेडिकल जाँच #एम्स में कराई गई, जिसमें इस बात की पुष्टि हो गई कि उनकी किडनी निकाली गई।

#पुलिस ने बताया कि अनीस और उसके दोनों साथियों से पूछताछ की जा रही है कि उनके संबंध किन-किन #डॉक्टरों से थे। उन मरीजों का भी पता लगाया जा रहा है, जिन्हें किडनी बेची गई थी।

पुलिस को यकीन है कि डॉक्टरों की मदद से ही यह धंधा चल रहा था। उनकी भी गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।

एक सनसनी खेज खुलासा...

कटिहार के बरारी थाना क्षेत्र के कठौतिया गांव में रहने वाले एक युवक को पेट में दर्द होने के कारण पटना के नर्सिंग होम में इलाज कराने आया ।वहाँ युवक को नर्सिंग होम के डॉक्टरों ने कहा कि किडनी में स्टोन(पथरी) है।

जिसकी वजह से पेट में दर्द हो रहा है। ऑपरेशन करना होगा। पेट दर्द से परेशान पेशेंट ऑपरेशन करवाने के लिए नर्सिंग होम में भर्ती हो गया।

जहां डॉक्टरों ने स्टोन के ऑपरेशन करने के बजाय उसकी किडनी निकाल ली। #पेशेंट को अपनी किडनी निकालने की जानकारी दूसरे #अस्पताल के डॉक्टरों से मिली, जब दोबारा दर्द उठने पर वो जांच कराने गया।

जैसे ही पता चला कि उसकी एक किडनी गायब है, उसके परिजनों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। पेशेंट और उसके परिजनों ने पटना में एसके पूरी थाना में जाकर उक्त नर्सिंग होम के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है।

#ऑपरेशन #आयुर्वेद के कुशल वैध की सलाह के बिना कभी नही कराये...

#भारतवासियों को सलाह है कि आप किसी भी प्रकार का ऑपरेशन
कराने से पहले #आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह अवश्य ले। इससे शायद आप
ऑपरेशन की मुसीबत, #एलोपैथी दवाओं के साईड इफेक्ट तथा स्वास्थ्य एवं आर्थिक बरबादी से बच जाये।

कई बार ऑपरेशन करवाने के बावजूद भी रोग पूर्ण रूप से ठीक नहीं होता और फिर से वही तकलीफ शुरु हो जाती है।

मरीज शारीरिक-मानसिक-आर्थिक यातनाएँ भुगतता रहता है। वे ही रोग कई बार आयुर्वेदिक चिकित्सा से कम खर्च में जड़-मूल से मिट जाते हैं।

कई बड़े रोगों में ऑपरेशन के बाद भी तकलीफ बढ़ती हुई दिखती है। ऑपरेशन कभी ऐसा होता है कि जो रोगी बिना ऑपरेशन के कम पीड़ा से जी सके, वही रोगी ऑपरेशन के बाद ज्यादा पीड़ा भुगतकर कम समय में ही मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।

आयुर्वेद में भी #शल्यचिकित्सा (ऑपरेशन) को अंतिम उपचार बताया गया है।

जब रोगी को #औषधि उपचार आदि चिकित्सा के बाद भी लाभ न हो तभी ऑपरेशन की सलाह दी जाती है। लेकिन आजकल तो सीधे ही ऑपरेशन करने की मानों, प्रथा ही चल पड़ी है। हालाँकि मात्र दवाएँ लेने से ही कई रोग ठीक हो जाते हैं, ऑपरेशन की कोई आवश्यकता नहीं होती।

लोग जब शीघ्र रोगमुक्त होना चाहते हैं तब एलोपैथी की शरण जाते हैं। फिर सब जगह से हैरान-परेशान होकर एवं आर्थिक रूप से बरबाद होकर आयुर्वेद की शरण में आते हैं एवं यहाँ भी अपेक्षा रखते हैं कि जल्दी अच्छे हो जायें।

यदि आरंभ से ही वे आयुर्वेद के कुशल वैद्य के पास चिकित्सा करवायें तो उपर्युक्त तकलीफों से बच सकते हैं।

अतः सभी को #स्वास्थ्य के सम्बन्ध में सजग-सतर्क रहना चाहिए एवं एलोपैथी छोड़कर अपनी #आयुर्वेदिक #चिकित्सा #पद्धति का लाभ लेना चाहिए।

🏻जय हिन्द!!!
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