Wednesday, November 21, 2018

मुस्लिम धर्मगुरु विदेशी पैसा लेकर चला रहे हैं राष्ट्रविरोधी गतिविधियां : रिजवी...


21 नवम्बर 2018

🚩भारतीय संस्कृति सनातन और महान है जिसके कारण सबकी नजरें उसपर गड़ी हुई है । दुष्ट स्वभाव के लोगों को इस महान संस्कृति की महानता रास न आई इसलिए इसे नष्ट करने के लिए तरह-तरह के षड्यंत्र रचते हैं ।

🚩भारत में एक तरफ ईसाई मिशनरियां, दूसरी तरफ मुस्लिम देश और तीसरी तरफ विदेशी कंपनियां हैं जो भारतीय संस्कृति को खत्म करने में लगे हैं । भारतीय अभी भी इस षड्यंत्र को नहीं समझ तो आगे जाकर भयानक नुकसान होगा ।

🚩आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन तथा कद्दावर मुस्लिम नेता सैय्यद वसीम रिजवी ने कहा है कि देश के बाहर से फंडिंग लेने वाले मुल्ला-मौलवियों की जांच होनी चाहिए । उन्होंने आरोप लगाया है कि कुछ मुस्लिम धर्मगुरु विदेशों की आर्थिक मदद के बूते देश में राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चला रहे हैं ।  फिल्म ‘राम जन्मभूमि’ के ट्रेलर रिलीज के अवसर पर वसीम रिज़वी ने एक प्रेस कांफ्रेस के दौरान ये सारी बातें कहीं । वसीम रिज़वी ने कहा कि ये मुल्ला मौलवी देश के लिए ख़तरा हैं ।

🚩कट्टरपंथी केवल भारत में ही राष्ट्रविरोधी गतिविधियां चला रहे हैं, ऐसा नहीं है भगवान श्री राम को मानने वाले देश इंडोनेशिया में भी ये लोग यही कार्य कर रहे हैं ।
Muslim clerics are carrying foreign money,
anti-national activities: Rizvi ...

🚩इंडोनेशिया की खुफिया एजेंसी ने सोमवार को खुलासा किया कि इंडोनेशिया की दर्जनों मस्जिदें जिनमें सरकारी कर्मचारी जाते हैं, वो कट्टरता फैला रही हैं और गैर-मुस्लिमों के खिलाफ हिंसा के लिए कहती हैं । एजेंसी की इस रिपोर्ट से छह महीने पहले ही देश के दूसरे सबसे बड़े शहर सुरबाया में कई चर्चों में रविवार की प्रार्थना के दौरान आत्मघाती बम हमले हुए थे जिनमें एक दर्जन लोग मारे गए थे। वो करीब एक दशक में हुए सबसे भयावह आतंकी हमले थे और दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम बाहुल्य देश में उस घटना ने धार्मिक असहिष्णुता को उजागर किया था ।

🚩इंडोनेशिया स्टेट इंटेलीजेंस एजेंसी ने सोमवार को कहा कि उसने जुलाई से इस दक्षिण पूर्व एशियाई द्वीप समूह की करीब एक हजार मस्जिदों में पड़ताल की और पता चला कि जकार्ता के पास करीब 41 मस्जिदों के इमाम नमाजियों को कट्टरता का पाठ पढ़ा रहे थे और इन लोगों में अधिकतर सरकारी सेवक थे जो पास के सरकारी मंत्रालयों में काम करते हैं।

🚩एजेंसी ने पाया कि करीब 17 मौलानाओं ने इस्लामिक स्टेट के लिए समर्थन या सहानुभूति जताई और लोगों को सीरिया तथा मरावी में जिहादी समूह के लिए संघर्ष को उकसाया ।  स्त्रोत : ज़ी न्यूज

🚩आपको बता दें कि मुसलमानों की इन गतिविधियों के कारण चीन ने मुसलमानों के धार्मिक स्वतंत्रता पर बेन लगा दिया है । काफी मुसलमानों को तो हिरासत में रखा गया है ।

🚩बताया जाता है कि मुस्लिम देश अपनी जनसंख्या बढ़ाने के लिए भारी मात्रा में फंडिंग करते हैं जिसके कारण आज देश में लव जिहाद, मस्जिदों में कट्टरता के पाठ पढ़ाया जाता है, एक मुसलमान 5-6 बच्चे पैदा कर देते हैं, कई तो दर्जनों के दर्जन बच्चे पैदा करके अपनी जनसंख्या बढ़ा रहे हैं । सेकुलर नेता अपने वोटबैंक के खातिर इस पर कुछ नहीं बोल रहे है और ना ही कुछ कार्यवाही ही कर रहे हैं, जोकि देश के लिए बड़ा खतरा है ।

🚩मीडिया भी उनके फंडिंग से चलती है तो केवल हिन्दू साधु-संत या हिंदुनिष्ठ लोगो को ही टारगेट करती है क्योंकि भारतीय संस्कृति  की रक्षा यही लोग करते हैं जिसके कारण  उनके राष्ट्रविरोधी मिशन में बाधा पहुँचती है ।

🚩भारतवासियों को इस षड्यंत्र को समझना होगा और  एकजुट होकर इसका विरोध करना होगा तभी हिन्दू संस्कृति बच पाएगी ।

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