Thursday, September 6, 2018

जनता में भारी रोष, Sc/St एक्ट में बदलाव नही किया तो कल होगा भारत बंद

05 September 2018
http://azaadbharat.org
🚩देश में राष्ट्रविरोधी ताकतें व स्वार्थी लोगों द्वारा दहेज, बलात्कार के कानून की तरह Sc/St एक्ट का भी भयंकर दुरुपयोग हो रहा है ।
🚩झूठे मुकदमें दर्ज होने के कारण जो लोग वास्तव में पीड़ित हैं, उनको न्याय नही मिल पा रहा है । आज न्यायालय में करोड़ों मुकदमों पर सुनवाई चल रही है, लाखों कैदी विचारधीन है, जिनको जमानत भी नही मिल पाती है ।
If there is no change in the public anger,
 Sc / St Act, then India will stop tomorrow.
🚩सज्जन व्यक्ति कभी झूठा आरोप नहीं लगाते हैं, पर आजकल कुछ लोग पैसों के लालच व बदला लेने की भावना से दहेज, बलात्कार के कानुन की तरह SC/ST एक्ट का भी काफी दुरुपयोग कर रहे हैं, अधिक झूठे मामले  सामने आने के कारण, अदालतें भी परेशान हो गई थी, जिससे सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और सुप्रीम ने यहाँ तक कह दिया था कि डी.एस.पी. स्तर के अधिकारी के जांच के बाद ही एफ.आई.आर. दर्ज होगी एवं उसके बाद गिरफ्तारी होगी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की बात को मान्य नहीं रखकर मोदी सरकार ने पुराने और मूल स्वरूप में उसी कानून को फिर से लागू कर दिया ।
🚩मात्र एक शिकायत पर किसी भी व्यक्ति को दोषी मान कर गिरफ्तार कर लेना और उसकी जमानत तक नहीं होने देना और 70 वर्षों से चली आ रही जातिगत आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की मांग को लेकर जनता ने 6 सितंबर 2018 को प्रातः 10:00 बजे से 4:30 बजे तक भारत बंद का आवाहन किया है ।
🚩एस.सी./एस.टी. संशोधन विधेयक 2018 के जरिए मूल कानून में धारा 18 A जोड़ी जाएगी । इसके जरिए पुराने कानून को बहाल कर दिया जाएगा । इस तरीके से सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बनाया प्रावधान रद्द हो जाएगा और अब ये प्रावधान होगा-
-एस.सी./एस.टी. एक्ट में केस दर्ज होते ही गिरफ्तारी का प्रावधान है ।
-आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिल सकेगी, हाईकोर्ट से ही नियमित जमानत मिल सकेगी ।
-एस.सी./एस.टी. मामले में जांच, इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अफसर जांच करेंगे ।
-जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल संबंधी शिकायत पर तुरंत मामला दर्ज होगा ।
-एस.सी./एस.टी. मामलों की सुनवाई सिर्फ स्पेशल कोर्ट में होगी ।
-सरकारी कर्मचारी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दायर करने से पहले, जांच एजेंसी को अथॉरिटी से इजाजत नहीं लेनी पड़ेगी ।
🚩जनता का कहना है कि इस दलित उत्पीड़न एक्ट में यदि मोदी जी तीन चार प्रावधान जोड़ देते, तब यह बहुत अच्छा कानून होता और सभी के लिए फायदेमंद है ।
🚩पहला यदि शिकायत झूठी पाई जाती है तो शिकायतकर्ता को जेल हो और पीड़ित को मुआवजा मिले ।
🚩दूसरी चीज दलित उत्पीड़न एक्ट से मुआवजा खत्म कर दिया जाए क्योंकि 80% शिकायतें सिर्फ मुआवजे के लालच में की जाती हैं ।
🚩आपको बता दें कि दो दिन पहले नोएडा में एक दलित लड़की का उसके सगे ममेरे भाई ने बलात्कार किया, लेकिन उस लड़की के घरवालों ने मुआवजा पाने की लालच में पड़ोसी सवर्णों के ऊपर केस दर्ज करवा दिया, लेकिन पुलिस ने ईमानदारी से जांच की तो मामला सामने आ गया ।
🚩चौथी चीज पहले एक DSP रैंक का अधिकारी मामले की जांच करें और यदि शिकायत सच हो तभी जेल भेजा जाए ।
🚩आपको जानकर आश्चर्य होगा कि यह सभी प्रावधान जब मायावती उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थी तो उन्होंने जोड़े थे ।
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🚩Sc/St एक्ट में बदलाव करना अत्यंत जरूरी है क्योंकि सभी हिन्दू ही हैं, सज्जन लोग तो इसका दुरुपयोग नहीं करेंगे, लेकिन स्वार्थी लोगों द्वारा इसका भयंकर दुरुपयोग किया जाएगा और हिन्दुओं को ही नुकसान होगा क्योंकि फिर हिंदुओं में आपस में ही मतभेद होगा और वे जाति-पाति में बंट जाएंगे, आपस में ही लड़ने लगेंगे, एक दूसरे को सहयोग नहीं करेंगे, जिससे हिन्दूओं को ही घाटा होगा और देशविरोधी ताकतें इसका भरपूर फायदा उठाएंगी ।
🚩आपको बता दें कि आज़ाद भारत किसी भी जाति को नहीं मनाता है । केवल हिन्दू चाहे वे कोई भी जाति का क्यों न हो ब्राह्मण, राजपूत, वैश्य, शुद्र वे अपने कर्म के अनुसार वर्ण है, लेकिन हमारी नजर में सब हिन्दू ही हैं और हमें एक होकर रहना चाहिए, लेकिन किसी भी गलत कानून का विरोध करना हर हिन्दुस्तानी का कर्तव्य है, चाहे वो दहेज, बलात्कार या Sc/St एक्ट हो उन सभी कानूनों का भयंकर दुरपयोग हो रहा है, उसमें भी संशोधन होना अत्यंत जरूरी है ।
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