एक और संत हुए निर्दोष बरी....!!!
कांची #शंकराचार्यजी हुए ऑडिटर हमला मामले से बरी...
#चेन्नई #कांची #शंकराचार्य #जयेंद्र #सरस्वती और आठ अन्य लोगों को अदालत ने 2002 में हुए #ऑडिटर #राधाकृष्णन हमला मामले में हत्या की #कोशिश के आरोप सहित अन्य सभी आरोपों से बरी कर दिया ।
#चेन्नई #कांची #शंकराचार्य #जयेंद्र #सरस्वती और आठ अन्य लोगों को अदालत ने 2002 में हुए #ऑडिटर #राधाकृष्णन हमला मामले में हत्या की #कोशिश के आरोप सहित अन्य सभी आरोपों से बरी कर दिया ।
प्रथम अतिरिक्त सत्र #न्यायाधीश पी. राजा #मणिकम ने अपने #संक्षिप्त आदेश में सभी आरोपियों को बरी किया ।
उन्होंने कहा कि गवाही से मुकरे वायदामाफ गवाह रवि #सुब्रमण्यम पर अलग से मुकदमा चलाया जाएगा ।
जयेंद्र सरस्वती (80) जो प्रमुख आरोपी थे, कांची मठ के #प्रबंधक #सुदारेसा अय्यर और कनिष्ठ शंकराचार्य #विजयेंद्र सरस्वती के भाई रघु पर आपराधिक साजिश रचने का मुख्य आरोप तथा #हत्या की कोशिश और उकसावे के आरोप थे ।
अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी द्वारा साजिश रचे जाने के बाद मठ के पूर्व #ऑडिटर एस राधाकृष्णन पर एक गिरोह ने उनके घर में 20 सितंबर 2002 को हमला किया था ।
आरोपी ने यह सोचकर साजिश रची कि राधाकृष्णन शंकर मठ में कथित ‘‘अनियमितताओं' को रेखांकित कर #सोमशेखर #गणपाडिगाल के छद्म नाम से पत्र लिख रहे हैं ।
हमला #जयेंद्र #सरस्वती द्वारा इस तरह के पत्रों पर कथित रुप से निराशा जताए जाने का परिणाम था और उन्होंने युदारेसा अय्यर तथा रघु से इस बारे में कुछ करने को कहा था ।
पुलिस ने #जयेंद्र सरस्वती सहित 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था और #हत्या की कोशिश तथा आपराधिक साजिश सहित अपराधों में 2006 में आरोपपत्र दायर किया था । दो आरोपियों की मौत मामले के लंबित रहने के दौरान हो गयी ।
सीआरपीसी की धारा 313 के तहत सवालों का जवाब देने के लिए 28 मार्च को #न्यायाधीश के समक्ष पेश हुए शंकराचार्य ने कहा था कि अभियोजन द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोप #झूठे हैं ।
वर्ष 2013 में शंकराचार्य और उनके कनिष्ठ को #पांडिचेरी की एक अदालत ने सितंबर 2004 में हुई कांचीपुरम वरदराजा #मंदिर के प्रबंधक शंकर रमन की हत्या से संबंधित मामले में बरी कर दिया था ।
#शंकराचार्य पर शंकर #रमन को रास्ते से हटाने के लिए साजिश रचने का आरोप लगा था क्योंकि उन्होंने मठ में कथित अनियमितताओं का ‘खुलासा' किया था, लेकिन #अदालत ने उन्हें तथा अन्य सभी लोगों को #बाइज़्ज़त बरी कर दिया ।
जब #शंकराचार्य जी को #गिरफ्तार किये थे तब #अटल बिहारी वाजपेय, संत #आसाराम जी बापू आदि ने #जंतर-मंतर पर धरना दिया था और बताया था की शंकराचार्य जी बिलकुल निर्दोष हैं । लेकिन #मीडिया उल्टा ही चला रही थी ।अब निर्दोष बरी होने पर मीडिया चुप???
आज हमारे देश में #निर्दोष #संतो पर आरोप पे आरोप लगाये जा रहे है । कैसे भी करके उन्हें बदनाम करने की #साजिश जोर-शोर पर है ।
किसी भी संत को देख लो चाहे वो #शंकराचार्य जी हो या #नित्यानंद जी...
जब इनपर आरोप लगे तो #मीडिया ने इन्हें बदनाम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई पर जब #निर्दोष बरी हुए तो एक मिनट की भी न्यूज़ दिखाना मीडिया को महत्वपूर्ण नही लगता ।
आज भी जो #हिन्दू #संत जेल में है #उनपर भी अभी तक कोई #आरोप #सिद्ध नही हुआ है पर मीडिया दिन-रात उनकी #छवि समाज में धूमिल करने में लगा है ।
क्या मीडिया द्वारा #आरोप साबित होने से पहले किसी को अपराधी #घोषित करना उचित है...???
क्यों सरकार मीडिया के विरुद्ध कोई सख्त कानून नही बनाती...???
क्यों लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ अपने कर्त्तव्य से च्युत होता जा रहा है...!!!
आज जिस तरह संतो के निर्दोष छूटने पर बिकाऊ मीडिया मौन है तो कहीं न कहीं एक सवाल उठता है क़ि क्या मीडिया उन #षडयंत्रकारियों से मिली हुई है जो संतो को बदनाम करके हिन्दू #संस्कृति को मिटाना चाहते है ।
हिन्दू स्वयं विचार करें.....
सनातन संस्कृति की जय
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जागो हिन्दुस्तानी
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