
क्या है अगस्ता चॉपर घोटाला....

जिसमे #सोनिया_गांधी सहित कइयों का नाम आया है।

आइये जाने...

#भारतीय #वायुसेना के लिए 12 #वीवीआईपी #हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए #एंग्लो-इतालवी कंपनी #अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ साल #2010 में किए गए 3 हजार 600 करोड़ रुपये का करार किया था । इस करार में #360 करोड़ रुपये के कमीशन के भुगतान का आरोप लगा था ।

#कमीशन के भुगतान की खबरें आने के बाद #भारतीय #वायुसेना को दिए जाने वाले 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी #हेलीकॉप्टरों की सप्लाई के करार पर सरकार ने फरवरी 2013 में रोक लगा दी थी । जिस वक्त करार पर रोक लगाने का आदेश जारी किया गया उस वक्त भारत 30 फीसदी भुगतान कर चुका था और तीन अन्य हेलीकॉप्टरों के लिए आगे के भुगतान की प्रक्रिया चल रही थी ।

फिनमेकानिका हेलीकॉप्टर की अनुषंगी कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ बुर्नो स्पागनोलीनी को इटली के एक अदालत ने चार साल की कैद की सजा सुनाई । अदालत ने भारत सरकार को 12 हेलीकॉप्टरों की बिक्री में भी दोनों को दोषी पाया । ओर्सी और स्पागनोलीनी दोनों पर #अंतर्राष्ट्रीय #भ्रष्टाचार और भारत के साथ अनुबंध में करीब #4,250 करोड़ रुपये के रिश्वत के लेने-देन के सिलसिले में फर्जी बिल बनाने का आरोप है ।

2 साल से #CBI जाँच कर रही है लेकिन सोनिया गांधी या अन्य पर कोई कार्यवाही क्यों नही हो रही है...???

हेलीकॉप्टर #घोटाले में भारतीय #पत्रकारों को मैनेज करने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड ने खर्च किए 45 करोड़ रुपए, राजदीप-बरखा संदेह के घेरे में...!!!

वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाले में दुबई में बैठे जिस बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल का नाम बार-बार आ रहा है, उसे #AgustaWestland की मूल कंपनी Finmeccanica ने #भारतीय पत्रकारों को मैनेज करने के लिए साल 2010 से 2012 के बीच करीब 6 मिलियन यूरो (करीब 45 करोड़) रुपए दिए ।

#दस्तावेजों से यह जाहिर होता है कि Finmeccanica ने #मिशेल की दुबई स्थित कंपनी #Global Services FZE के साथ करार किया ।

आपको ज्ञात होना चाहिए कि #अगस्ता #वेस्टलैंड का डील वर्ष 2009 में फाइनल हुआ था और डील के फाइनल होते ही इसमें ली गई घूस आदि की खबर को दबाए रखने के अर्थात मीडिया #मैनेजमेंट के लिए सन् 2010 में #Finmeccanica ने मिशेल की कंपनी #Global Services FZE से करार किया।

मिशेल की कंपनी को Finmeccanica ने मीडिया मैनेजमेंट के लिए 2 लाख 75 हजार यूरो प्रति महीने के हिसाब से अगले 22 महीने तक भुगतान किया। #क्रिश्चियन मिशेल दिल्ली के #The Claridges होटल से अपनी गतिविधियों को संचालित करता था और वहीं रहता था। उसका काम पत्रकारों व नौकरशाहों को पैसे खिलाकर #मैनेज करना था ताकि हो चुके इस सौदे में आगे किसी भी तरह का अवरोध उत्पन्न न हो।

भारत की पूरी पत्रकारिता के गिरे हुए चेहरे का सबसे बड़ा सबूत यही है कि 2010 से 2012 के बीच अगस्ता वेस्टलैंड को लेकर हुए सौदे पर न एक भी लाइन किसी अखबार में लिखी गई और न ही एक भी खबर #इलेक्ट्रॉनिक #न्यूज #चैनलों ने ही चलायी ।

अगस्ता पर पहली खबर का प्रकाशन व प्रसारण 2013 में उस वक्त शुरू हुआ जब इटली की जांच एजेंसी ने Finmeccanica के प्रमुख ओरसी को घूस देने के मामले में गिरफ्तार किया। अर्थात जब #भारतीय मीडिया के लिए यह मजबूरी हो गई तभी इस मामले में खबर का #प्रकाशन व प्रसारण हुआ ।

अन्यथा उससे पहले मिशेल के 6 मिलियन यूरे के कमाल से भारतीय पत्रकारों का कलम और #कैमरा दोनों बंद रहा ।

मिशेल ने मीडिया मैनेजमेंट के लिए जो 45 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, उसमें ‘द हिंदू’ राजदीप सरदेसाई, बरखा दत्ता आदि साझीदार हैं ।

राजू को Enforcement Directorate(ED) ने 2015 में पूछताछ की है, जिसमें उसने यह स्वीकार किया है कि उसने मिशेल जेम्स से लाभ प्राप्त किया है ।

जांच में यह भी पता चला है कि हथियार डीलर अभिषेक वर्मा ने मिशेल जेम्स के लिए पत्रकारों को मैनेज किया था ।

अभिषेक वर्मा वर्तमान में जेल में है । #अभिषेक वर्मा पत्रकार श्रीकांत वर्मा का बेटा है । श्रीकांत वर्मा 70 के दशक में सोनिया गांधी को #हिंदी सिखाने वाले शिक्षक रह चुके हैं और गांधी परिवार के बेहद करीब रहे हैं ।
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