हिन्दुओं सावधान !!!
टीपू सुलतान का पढ़ाया जा रहा है गलत इतिहास !!!
#बैंगलोर के टाउनहॉल में कांग्रेस सरकार ने टीपू सुलतान जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में सीएम #सिद्धारमैया और #सरकार के मंत्री भी शामिल हुए। इसलिए वहां हिन्दू धर्मियों में भयंकर नाराजी उत्पन्न हो गई है।
बंगलौर में काले झंडे लेकर पहुंचे बीजेपी कार्यकर्ता !!
कर्नाटक सरकार द्वारा टीपू सुलतान की जयंती मनाए जाने के खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने #बैंगलोर में विरोध प्रदर्शन किया। इसके खिलाफ बड़ी संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता काले झंडे लेकर पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।बीजेपी कार्यकर्ता ने विरोध में पैदल मार्च भी निकाला जिसमें #कर्नाटक बीजेपी के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा भी शामिल हुए।
आपको बता दें कि हिन्दुओं के असंख्य मंदिरों को ध्वस्त करने वाले क्रूरकर्मा टीपू सुलतान की तुलना #छत्रपति #शिवाजी महाराज से करनेवाले हिन्दू द्वेषी गिरीश कर्नाड को क्षमायाचना भी करनी पड़ी ।
टीपू सुलतान की सत्यता !!
Jago Hindustani - wrong-history-is-taught-to-us-about-Tipu-Sultan |
विद्यालयों में #स्वतंत्रता सेनानी कह कर सिखाया जाने वाला टीपू का इतिहास, रास्ते पर टीपू की होर्डिंग्ज, महापालिका सभागृह को टीपू का नाम, #दूरदर्शन पर टीपू की मालिका सब नियोजित रूप से चालू है, जो टीपू सुलतान का उदात्तीकरण है ।
क्या भारतीयों को धर्मांध टीपू सुलतान के विषय में यह सत्य ज्ञात है ?
‘टीपू सुलतान पूरे दक्षिण भारत को इस्लामी बनानेवाला था, परंतु अंग्रेजों के विरोध के कारण उसका यह सपना विफल हो गया। अंग्रेजों द्वारा जीता गया स्वयं के ही ( हिन्दू राजाओं द्वारा छीन कर लिया हुआ) राज्य को मुक्त करने हेतु उसने अंग्रेजों से युद्ध किया। उसने देश की स्वतंत्रता के लिए कभी लड़ाई नहीं की। ऐसी स्थिति में उसे ‘#स्वतंत्रता सेनानी’ कहना, कैसे उचित होगा ?
यदि वो स्वतंत्रता सेनानी होता, तो बाबर, #औरंगजेब, #अफजलखान तथा गजनी के मुहमद समान आक्रमक कौन थे ? क्या वे भी स्वतंत्रता सेनानी थे ?
टीपू सुलतान दक्षिण के सभी हिन्दूओं को मुसलमान करने हेतु #प्रतिबद्ध !!
टीपू सुलतान ने दक्षिण की सत्ता हाथ में आते ही ‘सभी काफिरों को (हिन्दुओं को) मुसलमान करेंगे’ ऐसी भर सभा में प्रतिज्ञा की थी ।
उसने हर एक गांव के #मुसलमानों को लिखित रूप में सूचित किया कि ‘सारे हिन्दू स्त्री-पुरुषों को इस्लाम की #दीक्षा दें। स्वेच्छा से धर्मपरिवर्तन न करने वाले हिन्दुओं को बलात्कार से मुसलमान बनाएं अथवा हिन्दू पुरुषों की हत्या करें और स्त्रियों को #मुसलमानों में बांट दें।’
आगे टीपू ने मलबार क्षेत्र के एक लाख हिन्दुओं को जबरन #धर्मान्तरित किया। कर्नाटक की सवारी में उसने एक दिन में 50 हजार हिन्दुओं को जबरन धर्मान्तरित किया था। उसने #हिन्दुओं के धर्मपरिवर्तन हेतु कुछ कड़वे मुसलमानों का विशेष समूह खड़ा किया। आक्रमक #इस्लामी प्रचार करने से उसे ‘सुलतान’, ‘गाजी’, ‘इस्लाम का कर्मवीर’ आदि उपाधियां देश-विदेश के मुसलमान एवं तुर्कस्थान के खलिफा द्वारा मिली।
टीपू सुलतान के उदात्तीकरण के माध्यम से ‘भारत का #इस्लामीकरण’ करने का धर्मांधों का सपना !!
टीपू के इस आक्रमकता को प्रति आव्हान देने का सामर्थ्य न होने से हजारों हिन्दू स्त्री-पुरुषों ने अपने बच्चों को लेकर कृष्णा एवं तुंगभद्रा के #पवित्र प्रवाह में जल समाधि ली !
खेती को जलपूर्ति करने वाले तालाब एवं नहरों को नष्ट करने वाले समाजद्वेषी टीपू सुलतान की #तुलना भारत के ‘भाग्यविधाता’ छत्रपति #शिवाजी महाराज समान महान #भारतीय सुपुत्र से हो ही नहीं सकती!
जिन्हें टीपू सुलतान द्वारा किए गए अत्याचार एवं #राष्ट्रविनाशक कार्रवाईयों की कर्म कहानी जाननी है, उनको चाहिए कि वे ‘ए जर्नी फ्रॉम मद्रास थ्रू द कंट्रीज ऑफ म्हैसोर, कॅनरा अॅण्ड मलबार’ ग्रंथ अच्छी तरह पढ़ कर देखें !
यदि हिन्दू समाज समझ गया कि सच्चा टीपू सुलतान कैसा था, तो #टीपू के वर्तमान में होनेवाले उदात्तिकरण का भावार्थ हिन्दुओं के ध्यान में आएगा ।
सत्य यही है कि भारत के धर्मांध लोग टीपू के माध्यम से भारत के #इस्लामीकरण का सपना सत्य करना चाहते हैं !
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टीपू सुलतान का उदात्तीकरण करनेवाली घटना नई नहीं है !!
कांग्रेस के कार्यकाल में टीपू सुलतान के उदात्तीकरण का प्रारंभ हुआ था
‘चार वर्ष पूर्व #केंद्र में कांग्रेस पक्ष की सत्ता रहते में ‘बकरी ईद’ को महाराष्ट्र एवं कर्नाटक राज्यों के हर एक नगर के ‘मुहल्लों’ में बड़े बड़े कट-आऊट्स, #होर्डिंग्स एवं भित्तिपत्रकों पर भारत का एक नया ‘भाग्यविधाता’ चमक उठा ।
इन होर्डिंग्स पर बिना मूँछ के, परंतु दाढी रखे हुए #राजनीतिज्ञों के छायाचित्र रेखांकित थे। उन्हें देख कर कोई भी कहेगा कि, ‘ये #छायाचित्र पुलिस चौकी में लगाए गए ‘मोस्ट वांटेड’ #गुंडों के छायाचित्रों के तो नहीं !’
इन होर्डिंग्स पर बिना मूँछ के, परंतु दाढी रखे हुए #राजनीतिज्ञों के छायाचित्र रेखांकित थे। उन्हें देख कर कोई भी कहेगा कि, ‘ये #छायाचित्र पुलिस चौकी में लगाए गए ‘मोस्ट वांटेड’ #गुंडों के छायाचित्रों के तो नहीं !’
टीपू के उदात्तीकरण का मूल है #दूरदर्शन पर दिखाई जानेवाली ‘द सोर्ड ऑफ टीपू सुलतान’ मालिका !
20 वर्ष पूर्व ‘दूरदर्शन’ शासकीय दूरचित्र वाहिनी पर संजय खान की ‘द सोर्ड ऑफ टीपू सुलतान’ मालिका दिखाई गई। इस मालिका में टीपू की क्रूरता सौम्य रूप से दर्शाई गई। इस कार्यक्रम से पूर्व ‘इस मालिका में सभी पात्र एवं घटनाक्रम काल्पनिक हैं’, ऐसा बतानेवाला संजय खान इस मालिका के माध्यम से ‘अंग्रेजों के विरोध में लड़ने वाला भारत का स्वतंत्रता सेनानी’ ऐसी टीपू की प्रतिमा को दिखलाने में सफल सिद्ध हुआ, और यहीं से टीपू के उदात्तीकरण का दौर शुरू हुआ।
आज की #धर्मनिरपेक्ष शिक्षाप्रणाली के कारण टीपू का ‘म्हैसुर का टाईगर’, इन शब्दों में गौरव किया जाता है। कर्नाटक में इतिहास के शालेय पुस्तकों द्वारा सत्य इतिहास दबाया जा रहा है एवं धर्मांधो का कार्यकाल वैभवशाली बताया जा रहा है।
अब तो, कर्नाटक में ‘अलिगढ़ विश्वविद्यालय’ समान टीपू सुलतान के नाम से ‘इस्लामी विश्वविद्यालय’ बनाने का षडयंत्र चालू है ।
‘टीपू सुलतान’ का नाम देने का रचा षडयंत्र !!
4 वर्ष पूर्व महाराष्ट्र के अकोला #महानगरपालिका के मुसलमान उपमहापौरद्वारा पालिका #सभागृह को ‘टीपू सुलतान’ नाम देने का षडयंत्र रचाया गया था।
अकोला महानगरपालिका के मुसलमान उपमहापौर ने महापालिका की गणसंख्या न्यून है यह देखकर पालिका सभागृह को ‘टीपू सुलतान’ नाम देने का प्रस्ताव सम्मत करा लिया।
हिन्दुओ, छत्रपति शिवाजी महाराज से तुलना कर भारत का ‘#भाग्यविधाता’ संबोधित कर टीपू को पुनर्जीवित करने का प्रयत्न विफल करें !
जिस भूप्रदेश को #छत्रपति #शिवाजी महाराज का राज्य कहा जाता है, उस भूप्रदेश में एवं जिस छत्रपति शिवाजी महाराज को ‘भारत का भाग्यविधाता’ के रूप में पहचाना जाता है, उस भारत में नया तथाकथित ‘भाग्यविधाता’ उत्पन्न होना चाहता है ।
हां, दक्षिण #भारतीय #इतिहास में ‘क्रूरकर्मा’ के रूप में कुख्याति प्राप्त मैसुर के सुलतान ‘टीपू’ भारत का नया ‘भाग्यविधाता’ बन रहा है।
धर्मांधों की चापलूसी हेतु #कर्नाटक राज्य में सत्ता पर रहने वाले कांग्रेस दल द्वारा कबर में गढ़ा हुआ ‘टीपू सुलतान’ नियोजन बद्ध रूप से पुनर्जीवित करने का प्रयत्न चालू किया जा रहा है ।
‘भारत का भाग्यविधाता’ संबोधित कर उस मृतात्मा को अमर करने हेतु नवसंजीवनी दी जा रही है ! छत्रपति के राज्य का वारिस ‘#सुलतान’ होना चाहता है,
क्या आप को यह स्वीकार है ?
नहीं ना!
इसलिए हिंदुओं सावधान !!!
क्या आप को यह स्वीकार है ?
नहीं ना!
इसलिए हिंदुओं सावधान !!!
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात
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