
क्या #आप जानते हैं #साबूदाने की असलियत को ?

आमतौर पर #साबूदाना #शाकाहार कहा जाता है और #व्रत-उपवास में इसका काफी प्रयोग होता है । लेकिन शाकाहार होने के बावजूद भी #साबूदाना पवित्र नहीं है । क्या आप इस #सच्चाई को जानते हैं ?

यह सच है कि #साबूदाना ‘#कसावा’ के गूदे से बनाया जाता है परंतु इसकी #निर्माण-विधि इतनी #अपवित्र है कि इसे शाकाहार एवं स्वास्थ्यप्रद नहीं कहा जा सकता ।
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Jago Hindustani - Do-you-know-the-genuineness-of-Sabudana ? |

#साबूदाना बनाने के लिए सबसे पहले #कसावा को #खुले मैदान में बनी #कुण्डियों में डाला जाता है तथा रसायनों की सहायता से उन्हें लम्बे समय तक #सड़ाया जाता है ।

इस प्रकार #सड़ने से तैयार हुआ गूदा #महीनों तक खुले आसमान के नीचे पड़ा रहता है ।

#रात में कुण्डियों को गर्मी देने के लिए उनके आस-पास बड़े-बड़े #बल्ब जलाये जाते हैं । इससे #बल्ब के आस-पास उड़नेवाले कई छोटे-छोटे जहरीले #जीव भी इन कुण्डियों में गिरकर #मर जाते हैं ।

दूसरी ओर इस गूदे में पानी डाला जाता है जिससे उसमें #सफेद #रंग के करोड़ों लम्बे कृमि पैदा हो जाते हैं ।

इसके बाद इस #गूदे को #मजदूरों के #पैरों-तले रौंदा जाता है । इस प्रक्रिया में गूदे में गिरे हुए #कीट-पतंग तथा सफेद कृमि भी उसीमें समा जाते हैं । यह प्रक्रिया कई बार दोहरायी जाती है ।

इसके बाद इसे #मशीनों में डाला जाता है और '#मोती जैसे चमकीले दाने बनाकर #साबूदाने का नाम-रूप दिया जाता है परंतु इस चमक के पीछे कितनी अपवित्रता छिपी है वह सभीको दिखायी नहीं देती ।

अब आपने #साबूदाने की सच्चाई जान ली है अतः पवित्र #व्रत उपवास में इसका #उपयोग नही करें ।

अब प्रश्न आता है कि हम व्रत में #साबूदाना नही खाये तो क्या खाये..?

#व्रत में सबसे उत्तम होता है #गौ-माता का #दूध ।

#फलाहार में जैसे कि #सेब, #केला, #अनार आदि ले सकते हैं।

#कुट्टू का आटा, #सिंघाड़े का आटा, #खजूर, #आलू , #राजगिरे का सीरा आदि #व्रत में खा सकते हैं ।
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