
#दिल्ली में #प्रदूषण दूर करने का अचूक #उपाय, #सरकार और हर #व्यक्ति को करना होगा शीघ्र #काम !!

#दिल्ली #हाईकोर्ट ने #प्रदूषण को लेकर #केंद्र और #राज्य सरकारों को फटकार लगाई है। #दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दुनिया भर में #दिल्ली सबसे #प्रदूषित शहरों में से एक है। पर #सरकारें सिर्फ वोट की #राजनीति कर रही हैं पर वोट मिलने के बाद जनता का ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

#दिल्ली #हाईकोर्ट ने कहा कि #प्रदूषण के चलते बच्चों और अन्य लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

आपको बता दें कि #दिल्ली में #स्मॉग की वजह से हवा बहुत प्रदूषित हो चुकी है और लोगों के स्वास्थ्य को इससे बहुत नुकसान पहुंच रहा है।
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Jago Hindustani - Delhi Air Pollution (SMOG) |

इस बुरे हालात से निपटने के लिए #एनवायरनमेंटल पॉल्यूशन कंट्रोल ऑथोरिटी (EPCA) की मेंबर और #सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की प्रमुख #सुनीता नारायण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर सख्त कदम उठाने की अपील की है।

#सुनीता नारायण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि #दिल्ली के हालात बेहद खराब हो चुके हैं। यहां की हवा में जहर है और पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी का सिचुएशन है।

#दिल्ली की "#आप सरकार" ने रविवार को आपात बैठक बुलाकर प्रदूषण कम करने के लिए कई फैसले लिए। #स्कूलों को बंद करने की घोषणा की गई। #कंस्ट्रक्शन पर पांच दिन का बैन लगाया गया। बदरपुर थर्मल प्लांट को दस दिन के लिए बंद किया गया है।

लेकिन ये फैसले कुछ समय के लिए ही काम कर सकते है लेकिन हवामान को हमेशा के लिए शुद्ध रखना और स्वस्थ रहना, इसके लिए आपको एक सरल और अच्छा उपाय बता रहे हैं जो सरकार और हर व्यक्ति को शीघ्र करना होगा तभी #प्रदूषण मुक्त #दिल्ली होगा और हर व्यक्ति #स्वस्थ रह पाएगा ।

#स्वास्थ्य एवं #पर्यावरण रक्षक प्रकृति के अनमोल उपहार !!

#अन्न, जल और वायु हमारे जीवन के आधार हैं । सामान्य #मनुष्य प्रतिदिन औसतन 1 किलो अन्न और 2 किलो जल लेता है परंतु इनके साथ वह करीब 10,000 लीटर (12 से 13.5 किलो) #वायु भी लेता है । इसलिए #स्वास्थ्य की सुरक्षा हेतु शुद्ध वायु अत्यंत आवश्यक है ।

#प्रदूषणयुक्त, ऋण-आयनों की कमी वाली एवं ओजोन रहित हवा से रोग प्रतिकारक शक्ति का ह्रास होता है व कई प्रकार की शारीरिक-मानसिक #बीमारियाँ होती हैं ।

#प्रदूषण मुक्त कैसे हो?

#पीपल का वृक्ष दमानाशक, हृदयपोषक, ऋण-आयनों का खजाना, रोगनाशक, आह्लाद व मानसिक प्रसन्नता का खजाना तथा रोगप्रतिकारक शक्ति बढानेवाला है । बुद्धू बालकों तथा हताश-निराश लोगों को भी #पीपल के स्पर्श एवं उसकी छाया में बैठने से अमिट #स्वास्थ्य-लाभ व पुण्य-लाभ होता है । #पीपल की जितनी महिमा गायें, कम है । #पर्यावरण की शुद्धि के लिए जनता-जनार्दन एवं #सरकार को बबूल, नीलगिरी (यूकेलिप्टस) आदि जीवनशक्ति का ह्रास करनेवाले वृक्ष सड़कों एवं अन्य स्थानों से #हटाने चाहिए और #पीपल, आँवला, तुलसी, वटवृक्ष व नीम के वृक्ष दिल खोल के #लगाने चाहिए ।

इससे #अरबों रुपयों की दवाइयों का खर्च बच जायेगा । ये #वृक्ष शुद्ध वायु के द्वारा प्राणिमात्र को एक प्रकार का उत्तम भोजन प्रदान करते हैं ।

#पूज्य #बापू जी कहते हैं कि ये #वृक्ष लगाने से आपके द्वारा प्राणिमात्र की बड़ी सेवा होगी । यह लेख पढने के बाद #सरकार में अमलदारों व अधिकारियों को सूचित करना भी एक सेवा होगी । खुद #वृक्ष लगाना और दूसरों को प्रेरित करना भी एक #सेवा होगी ।

#पीपल : यह धुएँ तथा धूलि के दोषों को वातावरण से सोखकर #पर्यावरण की रक्षा करनेवाला एक महत्त्वपूर्ण वृक्ष है । यह #चौबीसों घंटे #ऑक्सीजन उत्सर्जित करता है । इसके नित्य स्पर्श से रोग-प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि, मनःशुद्धि, आलस्य में कमी, ग्रहपीड़ा का शमन, शरीर के आभामंडल की शुद्धि और विचारधारा में धनात्मक परिवर्तन होता है । बालकों के लिए #पीपल का स्पर्श बुद्धिवर्धक है । #रविवार को पीपल का स्पर्श न करें ।

#आँवला : #आँवले का वृक्ष #भगवान #विष्णु को प्रिय है । इसके #स्मरणमात्र से #गोदान का फल प्राप्त होता है । इसके दर्शन से दुगना और फल खाने से तिगुना पुण्य होता है । #आँवले के वृक्ष का #पूजन कामनापूर्ति में सहायक है । #कार्तिक में आँवले के वन में भगवान श्रीहरि की पूजा तथा आँवले की छाया में भोजन पापनाशक है । #आँवले के वृक्षों से वातावरण में ऋणायनों की वृद्धि होती है तथा शरीर में शक्ति का, धनात्मक ऊर्जा का संचार होता है ।

#आँवले से नित्य स्नान पुण्यमय माना जाता है और #लक्ष्मीप्राप्ति में सहायक है । जिस #घर में सदा #आँवला रखा रहता है वहाँ भूत, प्रेत और राक्षस नहीं जाते ।

#तुलसी : #प्रदूषित #वायु के #शुद्धीकरण में #तुलसी का #योगदान सर्वाधिक है । #तुलसी का पौधा उच्छ्वास में स्फूर्तिप्रद ओजोन वायु छोडता है, जिसमें #ऑक्सीजन के दो के स्थान पर तीन परमाणु होते हैं । #ओजोन वायु वातावरण के बैक्टीरिया, वायरस, फंगस आदि को नष्ट करके #ऑक्सीजन में रूपांतरित हो जाती है । #तुलसी उत्तम प्रदूषणनाशक है । #फ्रेंच डॉ. विक्टर रेसीन कहते हैं : ‘#तुलसी एक अद्भुत औषधि है । यह रक्तचाप व #पाचनक्रिया का नियमन तथा रक्त की वृद्धि करती है ।

#वटवृक्ष : यह #वैज्ञानिक दृष्टि से #पृथ्वी में #जल की मात्रा का स्थिरीकरण करनेवाला एकमात्र #वृक्ष है । यह भूमिक्षरण को रोकता है । इस वृक्ष के समस्त भाग #औषधि का कार्य करते हैं । यह #स्मरणशक्ति व एकाग्रता की वृद्धि करता है । इसमें देवों का वास माना जाता है । इसकी छाया में #साधना करना बहुत लाभदायी है । #वातावरण-शुद्धि में सहायक हवन के लिए वट और पीपल की समिधा का वैज्ञानिक महत्त्व है ।

#नीम : #नीम की #शीतल छाया कितनी सुखद और तृप्तिकर होती है, इसका अनुभव सभीको होगा । #नीम में ऐसी #कीटाणुनाशक शक्ति मौजूद है कि यदि #नियमित #नीम की छाया में दिन के समय विश्राम किया जाय तो सहसा कोई #रोग होने की सम्भावना ही नहीं रहती ।

#नीम के अंग-प्रत्यंग (पत्तियाँ, फूल, फल, छाल, लकडी) उपयोगी और औषधियुक्त होते हैं । इसकी कोंपलों और पकी हुई पत्तियों में #प्रोटीन, कैल्शियम, लौह और विटामिन ‘ए पर्याप्त मात्रा में पाये जाते हैं ।

#नोट : #नीलगिरी के वृक्ष भूल से भी न लगायें, ये जमीन को बंजर बना देते हैं । जिस #भूमि पर ये लगाये जाते हैं उसकी शुद्धि 12 वर्ष बाद होती है, ऐसा माना जाता है । इसकी #शाखाओं पर ज्यादातर पक्षी घोंसला नहीं बनाते, इसके मूल में प्रायः कोई प्राणी बिल नहीं बनाते, यह इतना हानिकारक, जीवन-विघातक वृक्ष है।

हे समझदार मनुष्यो ! पक्षी एवं प्राणियों जितनी अक्ल तो हमें रखनी चाहिए । हानिकर वृक्ष हटाओ और तुलसी, पीपल, नीम, वटवृक्ष, आँवला आदि लगाओ ।

#सोस्त्र : #बापू #आसारामजी #आश्रम से प्रकाशित #ऋषि प्रसाद अगस्त 2009

आपको बता दें कि सभी वृक्ष दिन में #कार्बन डाइऑक्साइड शोषते है और #ऑक्सीजन छोड़ते है लेकिन #पीपल एक ऐसा वृक्ष है कि दिन रात 24 घण्टे #कार्बन डाइऑक्साइड लेता है और ऑक्सीज छोड़ता है ।

इसलिये #दिल्ली और #केंद्र #सरकार अगर सचमुच में दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाना चाहती है तो अधिक से अधिक #दिल्ली में #तुलसी, #पीपल, #नीम, #वटवृक्ष, #आँवला के #वृक्ष तुंरन्त #लगायें ।

#दिल्ली की जनता भी अपने घर में छोटा सा #पीपल का और #तुलसी का पौधा अवश्य रखें ।

#दूसरा उपाय अपनाएं !!

#गौ माता का #गौ-झरण और #गोबर अत्यंत पवित्र माना गया है । #गाय के गोबर में घी डालकर धुँआ करें तो वातावरण में ऑक्सीजन की बढोति होगी और हानिकर बैक्टेरिया मर जायेगें ।

#प्रसिद्ध वैज्ञानिक G E Biged (Italy)- ने भी बताया कि #गाय के गोबर से टी.बी.तथा मलेरिया के कीटाणु मर जाते हैं ।

#गाय के घी के हवन करने से 1 टन प्राणवायु #ऑक्सीजन पैदा होता है जो वातावरण में फैले परमाणु विकिरणों को दूर करने की अदभुत क्षमता रखता है।

#अमेरिका केंसर की दवा बनाने के लिए #भारत से #गौमूत्र आयात करता है ।

ऐसे पवित्र #गौ-झरण का छिड़काव करने से वातावरण में हानिकारण बैक्टेरिया नाश हो जाते हैं ।

आज की चका-चौंध के युग में हम #ऋषि-मुनियों की परंपरा को भूल गए है इसलिए आज हर व्यक्ति बीमार,परेशान चिंतित रहता है । अभी हमे #ऋषि-मुनियों की बताई पद्धति अनुसार चलना होगा तभी देश का वास्तविक विकास हो पायेगा और हर व्यक्ति स्वथ्य सुखी और सम्मानित जीवन जी सकेगा ।
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