
हाल ही में एक #शादीशुदा #महिला से #पोप #जॉन पॉल द्वितीय के करीबी रिश्तों का खुलासा हुआ है ।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक #पोलैंड में पैदा हुई #अमेरिकी विचारक #अन्ना-टेरेसा #ताइमेनिका और पोप जान पॉल #द्वितीय के बीच करीबी रिश्तों का खुलासा करने वाले लव लेटर्स और तस्वीरें 30 साल के बाद सार्वजनिक हुए हैं।

ये लव लेटर्स पोलैंड की #नेशनल #लाइब्रेरी में लोगों की पहुंच से दूर रखे गए थे।

पत्रों के अनुसार दोनों के बीच की दोस्ती 1973 में शुरू हुई थी। वह 26 साल पोप के पद पर रहे थे। ये दस्तावेज पोप जॉन पाल द्वितीय की शख्सियत के एक ऐसे पहलू पर रोशनी डालते हैं, जिसके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है। सन् 2014 में पॉप को संत घोषित किया गया था ।

आश्चर्य.... #निर्दोष #हिन्दू #संतों पर #पागल #कुत्ते की तरह #भौंकने वाली #बिकाऊ #मीडिया एवं #सेक्युलर इस कुकर्मी पोप के #कुकर्म पर चुप क्यों हैं...???

स्वयं विचारे!!!

अगर मीडिया निष्पक्ष है तो यह #न्यूज़ क्यों नहीं दिखाती...???

केवल हिन्दू संतों को ही क्यों झूठा बदनाम करती है बिकाऊ मीडिया...???

आखिर क्यों मीडिया कुकर्मी #मौलवियों एवं #पादरियों के कुकर्म को इस #देश की जनता से छुपाती है...???

क्या बिकाऊ मीडिया को #वेटिकन #चर्च की #एजेंट उनकी #इटालियन #अम्मी से इस देश की #संस्कृति के प्रतीक #हिन्दू #संतों पर झूठे आरोप लगाकर बदनाम करने का ठेका मिला है...???

इस देश में बिकाऊ मीडिया को निष्पक्ष मानने वाले ही पूरे विश्व में सबसे बड़े महामूर्ख है।

इतना स्पष्ट है हमारे सामने सब कुछ, फिर भी अगर हम न समझे तो हमारे जैसा #मूर्ख और कौन होंगा..???

कितना बड़ा #षडयंत्र है #भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का।

जब भी किसी निर्दोष हिन्दू संत पर कोई भी छोटा सा #झूठा #आरोप लगता है तो मीडिया दिन-रात #ब्रेकिंग #न्यूज़ में मिर्च-मसाला डाल कर वो खबर दिखाती रहती हैं।

आज तक हमने देखा सुना नही क़ि बिकाऊ मीडिया ने किसी मौलवी या पादरी के कुकर्म को सनसनीखेज खबर के रूप में समाज तक पहुँचाया हो जैसा वो हिन्दू संतो के बारे में दिखाती है।

हमारे निर्दोष संत जो कानून द्वारा पीड़ित है उन्हीं पर लांछन लगाने से पीछे नही हटती बिकाऊ मीडिया।

आरोप लगने और साबित होने के बीच का फर्क ही भूल चुकी है बिकाऊ मीडिया।

हमारे हिन्दू संतो के जीवन पर दृष्टि डालो तो एक पवित्र संत का जीवन देखने को मिलता है और किसी मौलवी या पादरी के जीवन पर दृष्टि डालो तो कहीं न कहीँ उनके जीवन में किये गए गुनाह की गूंज सुनाई देती है। फिर भी वो पवित्र और निर्दोष और हमारे हिन्दू संत अपवित्र और दोषी...???

हिन्दू स्वयं विचार करें...!!!

आज हिन्दू संतो के सम्मान के लिए और उनके साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ सब हिंदुओं को मिलकर आवाज उठानी होंगी

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