रामादल में #भीषण-क्रंदन,शोक सुनाई देता है।
पवनपुत्र हनुमान खङा लाचार दिखाई देता है।।
गैरों से मिलकर भारत में,भ्रम का जाल बिछाया है।।
भारत के मीडिया में घुसकर यह संत्रास मचाया है।।
माया को हरने वाला नारायण अस्त्र जरुरी है।।
#बहुराष्ट्रीय #कम्पनियों ने इसको,लालच देकर घेरा है।।
यह तो जिन्ना-जाफर और #जयचन्दों का अनुयायी है।
#लोकतन्त्र का #चौथा पाया,खुद ही #आतातायी है।।
#टीवी #चैनल #अखबारों पर,कुछ #गिद्धों के पहरे हैं।।
#वीणापाणि #शर्मिन्दा है,कलम बेचने वालों से।।
#हिन्दू #संतों पर ही ये सारे आरोप लगाते हैं।।
और विदेशी एजेंटों को,भलामानुष दिखलाते हैं।।
और #देशद्रोहियों को सम्मान दिलाए जाते हैं।।
#संस्कृति के #भक्षक तत्वों का मंच दिखाई देता है।।
#पश्चिम की #कुत्ता-कल्चर ही जिनका जीवन होती है।।
वे पाखण्डी #देश-धरम को,गाली देने वाले हैं।।
#सच को #झूठ,झूठ को सच, कहकर शेखी बघारते हैं।।
#उग्रवाद के नाममात्र से,जिनके #हाथ काँपते हैं।।
क्योंकि ये सब जोङ चुके हैं,सुरा-सुन्दरी से नाता।।
#पत्रकार के #स्वर्णधर्म को,कौङी भाव बेचते हैं।।
ये #डालर के दीवाने, #फाँसी देने के काबिल हैं।।
इन #जयचन्दों के कारण ही,भारत का सर नीचा है।।
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