
गौ माता के एक #आँख में #सूर्य व दूसरी में #चन्द्र देव का वास होता है।

गाय के #गोमूत्र में #कैंसर जैसी भयानक बिमारी को भी नष्ट करने की ताकत है ।

गौ माता अन्नपूर्णा देवी है कामधेनू है। मनोकामना पूर्ण करने वाली है।

गौ माता के दूध में स्वर्ण तत्व पाया जाता है जो रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाता है।

गौ माता की पूँछ में हनुमानजी का वास होता है। किसी व्यक्ति को बुरी नजर हो जाये तो गौ माता की पूँछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जाती है।

गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबंड होता है। उस कुबंड मे सूर्य केतु नाड़ी होती है। रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता के कुबंड पर हाथ फेरने से रोगों का नाश होता है।

हिचकी न रुकने पर #गाय का आधा चम्मच घी खाने से हिचकी तुरंत रुक जाती है।

गौ #माता #धर्म की धुरी है।
गौ माता के बिना धर्म की कल्पना नही की जा सकती।

गौ की #परिक्रमा करने से मनुष्य की सात्विक ओरा में 50 गुना वृद्धि हो जाती है।

गाय का #घी नाक में डालने से कोमा वाले की चेतना वापस आने लगती है।

गाय के #दूध, घी, #गोबर, #दही और
गौ-मूत्र के निर्मित पंचगव्य में शरीर में रोग-प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने की शक्ति है।

गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी #देवी #देवताओं को भोग लग जाता है।

गौ माता से ही मनुष्यों के गौत्र की स्थापना हुई है।

गौ माता चौदह रत्नों में से एक #रत्न है।

गौ-दुग्ध का पान करने से बच्चों में बुद्धि का अद्भुत विकास होता है।

गौ माता के पंचगव्य के बिना #पूजा पाठ हवन सफल नही होते ।

गौ माता के दूध घी मक्खन दही गोबर गौमूत्र से बने पंचगव्य हजारों #रोगों की दवा है। इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जाते है।

गौ माता को घर पर रखकर सेवा करने वाला सुखी आध्यात्मिक जीवन जीता है। उसकी अकाल #मृत्यु नही होती है।

गौ माता के गोबर से ईंधन तैयार होता है।

गौ माता में दिव्य शक्तियाँ होने से संसार का संतुलन बना रहता है।

गौ माता जीवन भर दूध पिलाने वाली माता है। गौ माता को जननी से भी ऊँचा दर्जा दिया गया है।

जहाँ गौ माता निवास करती है। वह स्थान तीर्थधाम बन जाता है।

गौ माता की सेवा परिक्रमा करने से सभी #तीर्थों के #पुण्यो का लाभ मिलता है।

जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है।

गौ माता के चारों चरणों के बीच से निकल कर #परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता है।

गौ माता जिस जगह आनंदपूर्वक साँस लेती-छोड़ती है,वहाँ से नकारात्मक ऊर्जा भाग जाती है। सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। वातावरण शुद्ध होता है

गौ माता के गर्भ से ही महान विद्वान धर्म रक्षक गौकर्ण जी महाराज पैदा हुए थे ।

जब गौ माता बछड़े को जन्म देती तब पहला दूध बाँझ #स्त्री को पिलाने से उसका बाँझपन्ना मिट जाता है।

गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी देखती है,उनके ऊपर गौकृपा हो जाती है।

गाय इस #संसार का #प्राण है।

काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहते है। जो मन से गौ-पूजन करता है। उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता है।

गौ माता एक चलता-फिरता मंदिर है। हमारे सनातन धर्म में तैंतीस कोटी देवी देवता है। हम रोजाना तैंतीस कोटी देवी देवताओं के मंदिर जा कर उनके दर्शन नही कर सकते पर गौ माता के दर्शन से सभी देवी देवताओं के दर्शन हो जाते है।

कोई भी #शुभ कार्य अटका हुआ हो बार बार प्रयत्न करने पर भी सफल नही हो रहा हो तो गौ माता के कान में कहने से रूका हुआ काम बन जायेगा ।

गाय #धार्मिक #आर्थिक , #सांस्कृतिक व #आध्यात्मिक दृष्टि से सर्वगुण संपन्न है।
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