
#मुख्यमंत्री #ड़ॉ.रमन सिंह ने #वैलेंटाइन_डे’ यानि #14_फरवरी को छत्तीसगढ़ के सभी #स्कूलों में #मातृ-पितृ दिवस मनाने का फैसला किया है । इसके लिए #सरकार ने सभी शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों व #कालेजों में 14 फ़रवरी को ‘मातृ-पितृ दिवस’ मनाने के लिए परिपत्र जारी कर दिए है।

गौरतलब है क़ि यह विश्वव्यापी अभियान #हिन्दू #संस्कृति #रक्षक #संत #आसारामजी बापू ( #Asaram Bapu ji ) ने पिछले कई वर्षों से चलाया है। जिसका अनुसरण किया #छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री ड़ॉ. रमन सिंह सरकार ने।

छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले का #हिन्दू_संगठनों एवं #हिंदू_महासभा के #राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्र प्रकाश कौशिक ने स्वागत किया तथा अपने एक वक्तव्य में उन्होंने कहा क़ि, ” वैलेंटाइन-डे #पश्चिम सभ्यता की देन है। वहाँ पर ये दिन प्रेम के इजहार के रूप में मनाते है। भारत में इसे मनाने का कोई औचित्य नहीं है । हमारे देश में साल के 365 दिन #प्रेम के लिए होते है । ऐसे में भला 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाने का क्या औचित्य है । ”

उल्लेखनीय है कि हिंदू महासभा सहित अन्य कई हिंदू संगठन पिछले कई सालों से पश्चिमी सभ्यता के त्यौहार वैलेंटाइन डे का #विरोध करते आये हैं । इसके लिए वे हर साल प्रेम के नाम पर #अश्लीलता फ़ैलाने वाले जोड़ो का पार्कों से लेकर रेस्टोरेंट तक विरोध करते रहे हैं। #भारत में ‘वैलेंटाइन डे’ का प्रचलन #बॉलीवुड #फिल्मों से बढ़ा। जोकि #देश के लिए घातक सिद्ध हो रहा है।

धन्यवाद है छत्तीसगढ़ सरकार को। जिन्होंने #सनातन संस्कृति के लिए इतना बड़ा कदम उठाया। देश के सभी मुख्यमंत्रियों को उनके उठाये क़दम का अनुसरण करना चाहिए।

"वेलेंटाइन डे मनाकर भारत भी कहीं इसी दिशा में तो नहीं जा रहा....???

#अमेरिका में 7% बच्चे 13 वर्ष की उम्र से पहले ही यौनसंबंध बना लेते हैं । 85 % लड़के और 77% #लड़कियाँ 19 वर्ष के पहले ही यौन संबंध बना लेते हैं |
इससे जो समस्याएं पैदा हुई, उनको मिटाने के लिए वहाँ की सरकार को #करोड़ो रुपये खर्च करके भी सफलता नहीं मिल रही है।

पाश्चात्य #सभ्यता की गन्दगी से #युवावर्ग का #चारित्रिक पतन होते देख लोकहितकारी पूज्य आसारामजी बापू का ह्रदय विह्वल हो उठा और उन्होंने वैलेंटाइन डे की जगह "मातृ-पितृ पूजन दिवस" का आवाहन कर समाज को दी एक अनोखी दिशा।

संत आसारामजी बापू की प्रेरणा से पिछले आठ वर्षों से देश-विदेश में करोड़ो लोग "वेलेंटाइन डे" मनाने के बदले "मातृ-पितृ पूजन दिवस" मना रहे हैं। इस विश्वव्यापी अभियान से लाखों युवावर्ग पतन से बचे हैं एवं उनके जीवन में संयम व सदाचार के पुष्प खिले हैं ।

हम सबका भी फ़र्ज़ बनता है क़ि पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण न करके अपनी महान संस्कृति की महानता समझे और दूसरों तक भी अपनी संस्कृति की सुवास पहुचाएं तथा उन्हें भी वैंलेंटाइन डे के दिन ‘मातृ-पितृ दिवस’ मनाने की सलाह दें।

वैलेंटाइन-डे की गन्दगी से युवावर्ग बचाये हम।
मातृ-पितृ पूजन दिवस मनाकर, सनातन संस्कृति महकाए हम।।

जय हिन्द


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