जागो हिंदुस्तानी
जब-जब संस्कृति पर आँच आती है
तब-तब संतों का प्राकट्य होता है
संतों को निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि विधर्मि ईसाई मिशनरियों की रोजी-रोटी बंद हो रही है ।
बिहार, झारखंड आदि क्षेत्रों में 500-600 गाँव धर्मांतरित हो गये थे ।संत आशारामजी बापू ने उन्हें घर-वापसी करायी । उन लोगों को मकान, जरूरत की चीजें, पैसे, सब कुछ दिया । लोग उनके नाम की माला ले के जपने लगे ।
बापूजी का जीवन बहुत ही पवित्र है और देश के लिए गौ सेवा, मातृ-पितु पूजन,बाल संस्कार केंद्र ऐसे कई सुंदर कार्य किये है ।
जब-जब देश की संस्कृति पर आँच आती है, तब-तब भारत देश की इस भूमि पर स्वामी विवेकानंद, श्री रामकृष्ण परमहंस और संत आशारामजी बापू जैसे संतों का प्राकट्य होता है ।
-साध्वी सरस्वतीजी
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