🇮🇳जागो हिंदुस्तानी🇮🇳
बिकाऊ मीडिया को करारा तमाचा ।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के साउथ एशिया इंस्टिट्यूट के रिसर्चर्स ने "ब्राजील के फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप" और नई दिल्ली के "कॉमनवेल्थ गेम्स" से महा कुंभ मेला के आयोजन को बेहतर बताया ।
जहाँ एक तरफ ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित हिन्दू विरोधी मीडिया कुंभ मेले को बदनाम किये जा रही थी कि मेले में दारू पिया जा रहा है और भी कई गंदी कहानियाँ लिखी गई थी । लेकिन वही साऊथ एशिया में उसको बहेतर माना गया । देश द्रोही मीड़िया का तो टारगेट ही है की हिन्दू संकृति को नष्ट करने के लिए हिन्दू संग़ठनो और साधू-संतो को बदनाम करने का ।
'कुंभ मेला-मैपिंग द एफेमरल मैजेसिटी' नाम की 449 पेज की किताब में कहा गया है कुंभ मेला का सफल आयोजन सही मायने में उल्लेखनीय है।' एक तरफ जहां 2014 में ब्राजील में हुए फीफा वर्ल्ड कप की तैयारियों पर उंगलियां उठती रही हैं और 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में भ्रष्टाचार के मामले उठते रहे थे, जबकि इन दोनों खेलों के आयोजन में वहां कि केंद्र सरकारों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की थी।
किताब में कुंभ मेले के दौरान टेंट से बनाई बस्ती की खासी तारीफ की गई है। इन तंबूओं में मैनहेटन शहर से ज्यादा आबादी थी। किताब में कहा गया है कि कुंभ मेले के दौरान इतनी बड़ी टाउनशिप खड़ी कर देना प्लानर्स, रिसर्चर्स और नगरीय निकायों के लिए एक उदाहरण है। दस करोड़ से ज्यादा लोग एक छोटी सी जगह पर 55 दिनों के लिए इकट्ठा हुए और हर रोज 50 लाख लोगों ने पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाई। http://goo.gl/guSPcu
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