राजस्थान पत्रिका के संपादक को प्रेस परिषद् की फटकार
नई दिल्ली, अगस्त ७: भारतीय प्रेस परिषद् ने राजस्थान के प्रमुख हिंदी अख़बार राजस्थान पत्रिका के संपादक को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहनराव भागवत के भाषण को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किये जाने और उस पर सम्पादकीय टिप्पणी करने का दोषी करार देते हुए उसकी भर्त्सना की हैं और उसे फटकार लगायी है।
उलटे, इस अख़बार ने अपने लिखित बयान में शिकायतकर्ता के शिकायत को आधारहीन और असत्य बताया.
अख़बार ने कहा की उन्होंने जो प्रकाशित किया हैं वह पूर्णतः ‘सत्यता’ पर ही आधारित है। अपने समर्थन में अख़बार ने यह भी कहा की देश के अन्य कई अख़बारों ने इसी प्रकार डॉ भागवत के वक्तव्य को प्रकाशित किया है।
शिकायतकर्ता के वकीलों ने दलील दी कि श्री भागवत ने अपने विचारों को अधिक सुस्पष्ट करने हेतु पाश्चात्य तत्वज्ञान में प्रचलित सामाजिक करार के सिद्धांत को उद्धृत किया था जिसे अख़बार ने शब्दशः श्री भागवत का वक्तव्य हैं ऐसा प्रकाशित किया.
संपादकीय टिप्पणी और श्री भागवत के भाषण को सटीक पढने के बाद जाँच समिति ने कहा कि भारतीय तत्वज्ञान तथा पाश्चात्य तत्वज्ञान के भेद स्पष्ट करते हुए डॉ भागवत ने सामाजिक करार के सिद्धांत का उदाहरण दिया था।समिति का यह मानना था कि राजस्थान पत्रिका ने सन्दर्भ को छोड़ कर केवल उतने अंश को ही प्रकाशित किया और ऐसा कर अख़बार ने डॉ भागवत के वक्तव्य को गलत ढंग से और गलत तरीके से प्रतिपादित किया है।
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