ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित कॉन्वेंट स्कूल का हिन्दू धर्म विरोधी रवैया भारत की जनता के सामने कुछ घिनौने रूप से सामने आया है ।
फतेहपुर (U.P) में मिशनरी स्कूल में छोटी बच्चियां मेंहदी लगाकर पहुँची तो वहाँ के प्रिंसिपल ने बच्चियों को बुलाकर हाथ में लगी मेंहदी को पत्थरो से रगड़कर निकलवाई । जिससे बच्चियां के हाथो में खून-खून हो गया और जो बच्चियां राखियाँ बाँधकर आई थी उनकी राखियाँ कटवा के डस्टबीन में फेक दिया और घण्टों भर धूप में खड़ा रखा ।
अब इस पर मीडिया क्यों चुप है क्यों ये सच्चाई समाज के सामने जता नहीं रही ?
वहाँ का हरामी मैनेजर फादर लियो बोलता है की धर्म और शिक्षा अलग-अलग बाते है । स्कूल किसी भी धर्म के चिन्हों को लगाकर आने के खिलाफ है और प्रतिबंध लगाने में स्वतंत्र है ।
अब तो जागो हिन्दूओ
जो हमारी भारतीय संस्कृति को मिटाकर देश को फिर से गुलाम बनाना चाहते है वे ईसाई मिशनरियों के स्कूल का त्याग करो और जो ⛳हमारे वैदिक संस्कृति के गुरुकुल चलते है जैसे कि श्री स्वामिनारायण गुरुकुल और संत आशारामजी बापू गुरुकुल जैसे अनेक हिन्दू संस्कृति के परंपरागत चलने वाले गुरुकुल में ही अपने बच्चों को पढ़ाये ।
हिन्दू एक बात का विशेष ध्यान रखे कि बिकाऊ मीडिया हमेशा हिन्दू संस्कृति के रक्षक संतो और उनके द्वारा चलती सतप्रवृत्तिया को हमेशा दिन-रात बदनाम करती है और ईसाई मिशनरियों की फादर और उनकी कुछ प्रवृत्तिया को अच्छी बताती है क्योंकि मीडिया की 90% चैनले ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित है ।
अतः हिंदू सावधान । कहीं गलती से भी हिन्दू संग़ठन या साधू-संतो के बारे में गलत न बोले ।
अब हम ईसाई मिशनरियाँ द्वारा संचालित बिकाऊ मीडिया व स्कूलो का त्याग करे और सुदर्शन न्यूज़, A2Z जैसे स्वदेशी चैनल देखें एवं वैदिक गुरुकुल में अपने बच्चों को पढ़ायें ।
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Convent School Cruelty
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