जागो हिन्दुस्तानी आप लोग दो साल से लगे हुए हैं । प्रकृति का यह नियम है की कही न कही वह समय देखने के लिए लिखा होगा । भगवन श्री राम जी भी 14 वर्ष वनवास गए तभी तो राक्षसों का अंत हुआ ।जो राक्षश ऋषि- मुनिओं को तंग करते थे यज्ञ विध्वंस करते थे श्री रामजी उनका अंत किया अगर श्री रामजी वन नहीं जाते तो राक्षसों का अंत कैसे होता । परम पिता पमेश्वर ने संत आशारामजी बापू में वह शक्ति दी है तभी तो उनके इतने लाखों करोड़ों भक्त है । आप -लोग देखना सचाई की जीत होकर रहेगी । सत्य प्रताड़ित होता है लेकिन कभी भी पराजित नहीं होता है ।
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इसीलिए बापूजी ने सत्य का मार्ग चुना है । बापूजी ने मानव -जीवन का उद्धार करने के लिए लाखो लोगो का मार्ग प्रशस्त किया है । महापुरुष जो होते है वह कठीनाइयों से लोहा लेते है । सत्य को स्थापित
करने के लिए महापुरूष सब सहन करते है । आज आप-लोग कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में जो यहाँ(जंतर-मंतर)एकत्रित हुए है तो भक्त के अन्दर ही भगवान बसते है । भगवान भक्त के अधीन होते हैं, भगवान ही हमें गुरु से मिलवाते हैं । गुरु ही हमारे परम हितैषी होते हैं।
जैसे सोने को जितना तपाया जाता है, सोना की चमक निरंतर बढ़ती जाती है ठीक उसी प्रकार हमारे गुरूजी भी मुसीबतों -
कष्टों से तपाकर हमसब को और अधिक मजबूत बनाना चाहते है ।
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