राजीव दीक्षित भाई का एक दुर्लभ व्याख्यान देखा जिसमे उन्होंने कहा कि पहले वे शंकराचार्य के मठ (शंकराचार्य के प्रसिद्ध 4 मठो में से एक )में रह कर कुछ समय कार्य किया यह हर साल 5000 करोड़ का दान, चढ़ावा आता है तो राजीव भाई ने एक दिन शंकराचार्य जी से पूछ लिया कि आप इन 5,000 करोड़ का क्या उपयोग करते हो, कहा खर्च करते हो?
शंकराचार्य जी ने कहा ये 5,000 करोड़ से मैं कोई सेवा सुधार का कार्य नही कर पाता हूं ।
जिन लाखो करोड़ो हिन्दू परिवार के ऊपर की पीढ़ियों को ईसाई बनवा दिया गया था उन्हें पालता हु इनके लिए हमने स्कूल खोले, उनके बच्चो को पेन, पेंसिल, कपड़े, बैग, खाना जैसी हर जरूरी साधन उपलब्ध करवाते है और सिखाते है कि देखो तुम्हारे ऊपर की पीढ़ी तो हिन्दू ही थी तुम्हे छल से ईसाई बना दिया गया है और फिर बड़ी मेहनत मुश्किल और समय के बाद उन्हें फिर हिन्दू बनाता हूँ।
राजीव भाई चौके और पूछा फिर भी 5,000 करोड़ तो बहोत है और इतने सालों से आप ये कर रहे है?
शंकराचार्य जी ने कहा हर साल भारत मे विदेशो से 10,000 करोड़ से ज्यादा धन सिर्फ हिन्दूओ को ईसाई बनाने के लिए सेवा, समाज सुधार के नाम पर आ रहा है। एक बहोत बड़ा षड्यंत्र चल रहा है।
मेरे 5000 करोड़ भी कम पड़ जाते है।
मेरे 5000 करोड़ भी कम पड़ जाते है।
दाल में काला मुझे तब नज़र आया जब शंकराचार्य को मर्डर केस में आरोपी बनाकर जेल में डाल दिया कई साल हो गए और हमारी महान न्यायपालिका समझ नही पाई की हत्या किसने की? दूसरी ओर शंकराचार्य जी का कार्य रुक जाने से ईसाइयो की संख्या फिर बढ़ गयी और हिन्दू कम होने लगे।
इधर मीडिया ने इसे हिंदुत्व पर आघात करते हुए प्रचार करना शुरु किया, इसे ब्रेकिंग न्यूज़, हेडलाइन न्युज़ बनाकर पहले पन्ने पर दिखाया ( याद रहे भारत मे चलने वाले न्यूज़ चैनल और मीडिया 85% यूरोप और दूसरे देशों का है, उनहे हिन्दू संतो को बलात्कारी, हत्यारा दिखाने का मौका चाहिए, यही कारण है कि आपने कभी किसी मौलवी या पादरी पर बलात्कार या हत्या का आरोप लगते टीवी न्यूज में नही देखा होगा )
कुछ सालों बाद (शंकरचार्य जी के धन, मठ व समय की बर्बादी करने के बाद) न्यायपालिका ने कहा दिया शंकरचार्य निर्दोष है, हत्या किसी और ने की थी और अब एक भी मीडिया चैनल ने यह नही दिखाया और हिंदुओं ने तो यह मन मे बैठा लिया था कि सभी संत मठ अखाड़े आश्रम ढोंगी, हत्यारे है। हिटलर का पुराना फार्मूला है कि एक झूठ को 100 बार बोलो तो वो सच लगने लगता है।
ऐसे ही हाल संत आसारामजी बापू के साथ किया गया है ।
सिर्फ संत आसारामजी बापू के अनुयायी जानते होंगे कि उन्होंने भी हिन्दू ईसाइयो को फिर से हिन्दू बनाने के लिए हिम्मत भरी थी और इसके लिए उन्होंने पूरी रणनीति से काम किया जैसे फरवरी में आने वाला वैलेंटाइन डे (ईसाई त्योहार) जो हिन्दू युवाओ को धर्मभ्रष्ट आशिक बना रहा है उस दिन को बापू और उनके लाखो अनुयायी मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाने लगे।
सुबह उठ कर भगवन्नाम के साथ योग तथा चिकित्सा के लिए एलोपेथी को आयुर्वेद से सब्स्टीट्यूट कर दिया इससे विदेशी कम्पनियों और ईसाई तादाद बढ़ाने वाले संगठनों को अरबो-खबरों का नुकसान हुआ, आप लोगो मे से जिसने भी बापू आसारामजी के प्रवचन सुने होंगे, नोट किया होगा कि बीच बीच मे बापू आसारामजी हर बीमारी का आयुर्वेदिक ठोस इलाज शेयर किया करते थे, और संस्कृति से जुड़े रहने पर जोर देते थे।
अब कहानी में मोड़ देखो, बापू जिनके पास 55,000 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियों का समितियों के द्वारा संचालन है उन्हें एक लड़की पर हाथ फेरने के आरोप में जेल में ठूंसा गया।
*महत्वपूर्ण तथ्य -*
आपने कभी इंटरनेशनल वेश्याओं के बारे में सुना हो कभी, जो देश विदेश घूम घुमकर कमी व रईस नेता और अभिनेताओं की प्यास बुझाती है।और अपने को सनी लियॉन जैसा फिट आकर्षित, बैस्ट इम्प्लांट, कॉस्मेटिस सर्जरिया करवा करवा कर खुद को रहिस जादों के लिए ज्यादा उपयुक्त बना लेती है।
आपने कभी इंटरनेशनल वेश्याओं के बारे में सुना हो कभी, जो देश विदेश घूम घुमकर कमी व रईस नेता और अभिनेताओं की प्यास बुझाती है।और अपने को सनी लियॉन जैसा फिट आकर्षित, बैस्ट इम्प्लांट, कॉस्मेटिस सर्जरिया करवा करवा कर खुद को रहिस जादों के लिए ज्यादा उपयुक्त बना लेती है।
अब अगर 55,000 करोड़ स्वामित्व वाली समितियों के संत को व्यभिचार करना ही है वह भी इतना मूर्ख तो होगा नही की अपनी ही अनुयायी पर हाथ आसानी से फस जाए ?
आप देखे, बापू को केवल आरोपी बना कर जेल में डाल रखा है, अपराधी नही।
*इससे क्या लाभ होगा उन्हें?*
1. कई साल केस चलेगा, कोर्ट और वकील भरपूर पैसा खीचेंगे, करोड़ो में।
2. बापू के लिए यह अप्रत्यक्ष धमकी है कि अब वह ईसाई को हिन्दू न बनाए वरना फिर 20 साल बिना सबूत के जेल में डाल देंगे ।
3. हिन्दुओ का संस्कृति, साधु संतो से विश्वास उठ जाएगा। मौलवियों और पादरियों पर मुस्लिमो, ईसाइयो सहित हिन्दुओ का विश्वास प्रगाढ़ होगा, उनमे श्रद्धा जन्मेगी और अंततः हिन्दू ईसाई हो जाएगा।
4. विदेशी कम्पनियों के खूब व्यापार चलेगा, उनको कोई रोक-टोक या लोगो को उनसे दूर नही करेगा ।
स्तोस्त्र : सृजनकर्म पत्रिका मार्च 2018
स्तोस्त्र : सृजनकर्म पत्रिका मार्च 2018
अब आसाराम बापू को टीबी देखकर दोषी, चरित्रहीन मान ले ऐसा नही है क्योंकि जो लोग देश का पूरा इतिहास उलटने की कोशिश कर सकते है सनातन धर्म के विनाश के लिए उनके लिए देश के संत क्या चीज है ???
*ज़रा सोचिए*
बापू आसारामजी को फ़साने में केवल राजनीति है जो विदेशी ताकतों एवं विदेशी Ngos और विदेशी कम्पनियां काम करती है अपने फायदे के लिए इसलिए मीडिया की बातों में आकर झूठ को सत्य न समझें अपनी बुद्धि का उपयोग जरूर करें ।
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