Tuesday, January 3, 2017

2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में एक नया मोड़ आ गया !!

सनसनीखेज खुलासा : साध्वी प्रज्ञा को फंसाने के लिए कर दी थी आरोपियों की हत्या..!!!


2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में एक नया मोड़ आ गया है। निलंबित पुलिसवाले ने कहा, 2 मुख्य आरोपियों की मौत हो चुकी है। कोर्ट में दाखिल हलफनामे में पुलिस इंस्पेक्टर ने कहा कि केस के दोनों आरोपियों की पुलिस कस्टडी में ही हत्या कर दी गई थी।

सनसनीखेज खुलासा करते हुए निलंबित पुलिसवाले ने आरोप लगाया है कि मालेगांव में बम रखने के आरोपियों संदीप दांगे और रामजी कलसांगरा की महाराष्ट्र एटीएस के अधिकारियों ने 2008 में ही हत्या कर दी थी और शवों को 26/11 हमले में मरने वालों के साथ यह कहकर ठिकाने लगा दिया था कि उनकी शिनाखत नहीं हो पाई है।
सनसनीखेज खुलासा : साध्वी प्रज्ञा को फंसाने के लिए आरोपियों की हत्या की गयी !!!


निलंबित पुलिसकर्मी महबूब मुजावर का यह आरोप महाराष्ट्र एटीएस के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। हालांकि मुजावर को आय से अधिक संपत्ति और आर्म्स ऐक्ट के तहत एक केस के कारण सस्पेंड किया गया था। दोनों मामले इस महीने की शुरुआत में शोलापुर मैजिस्ट्रेट कोर्ट के पास आए थे।

शोलापुर मैजिस्ट्रेट मुजावर के खिलाफ दोनों मामलों की सुनवाई कर रहा है। मुजावर का कहना है कि दांगे और कलसांगरा की मौत का रहस्य तत्कालीन (2009) डीजीपी एसएस विर्क को बताने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। 

हालांकि, मुजावर ने हलफनामे में किसी पुलिस अधिकारी का नाम नहीं लिखा है। 

संपर्क किए जाने पर अखबार मुंबई मिरर को बताया गया कि वह कोर्ट में अधिकारियों के नामों से पर्दा उठाएंगे। उन्होंने आगे कहा, 'मैंने जलगांव से जिस संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार किया था, उसे छोड़ दिया गया और दांगे व कलसांगरे को हिरासत में ले लिया गया। उसी दिन साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भी हिरासत में लिया गया था। कलसांगरे और दांगे को मुंबई ले जाया गया, जहां उन्हें कस्टडी में मार दिया गया।'

मालेगांव ब्लास्ट : रामजी की पत्नी ने कहा मर्डर किया तो पति की लाश दो..!!!

इंदौर : महाराष्ट्र एटीएस इंस्पेक्टर मेहबूब मुजावर द्वारा सोलापुर कोर्ट में दिए एफिडेविट में रामजी कलसांगरा और संदीप दांगे का एनकाउंटर का खुलासा करने के बाद उनके परिजन सामने आ गए हैं । एक प्रेस काॅन्फ्रेंस में रामजी की पत्नी लक्ष्मी ने कहा कि यदि उनकी हत्या की गई है, तो बॉडी सामने आनी चाहिए । जबकि संदीप के पिता वीके दांगे ने जल्द से जल्द पूरे मामले की जांच की मांग रखी है ।

2008 के दशहरे के बाद से गायब है रामजी...!!

- रामजी की पत्नी लक्ष्मी और बेटे देवव्रत ने मीडिया से चर्चा में कहा कि एटीएस ने पिछले 8 साल से हमारे परिवार का जीना मुश्किल कर दिया है । 

- 2008 के दशहरे पर आखरी बार रामजी कलसांगरा हमारे साथ थे। उसके बाद से वो लापता हैं।  उनका कोई सुराग नहीं है उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ है। 

- लक्ष्मी ने कहा कि एटीएस इंस्पेक्टर मुजावर के बयान की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, यदि एटीएस ने उन्हें मार दिया है तो पति की बॉडी दी जाए।  

- उधर, संदीप दांगे के पिता प्रो. वीके दांगे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच की बात की है। ये जांच तुरंत  निष्पक्ष होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके। 

- उन्होंने कहा कि मुजावर ने संदीप और रामजी के बारे में तो कहा है, लेकिन इसी मामले में एटीएस द्वारा उठाए गए दिलीप पाटीदार के बारे में उसने अपना मुंह नहीं खोला है।  

- दिलीप पाटीदार अभी भी लापता है। उसकी गुमशुदगी की भी जांच की जानी चाहिए।

- ब्लास्ट में इंदौर के श्याम साहू को भी आरोपी बनाया गया था। एनआईए ने अपनी रिपोर्ट में उन्हें क्लीनचिट दे दी है।

- साहू ने कहा कि एटीएस का रवैया आतंकवादियों जैसा था वे लोग मारपीट कर मनमाने बयान पर साइन करवा लेते थे।

- साहू के अनुसार एटीएस चीफ हेमंत करकरे ने उन पर कई बार ये दबाव डाला था कि तुम इस मामले में किसी बड़े आदमी का नाम ले तो तो तुम्हें छोड़ देंगे।


आपको बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर 9 साल से और कर्नल श्रीकांत पुरोहित 7 साल से बिना सबूत जेल में हैं । साध्वी प्रज्ञा को NIA ने क्लीन चिट भी दे दी है और वो कैंसर से पीड़ित हैं और उनको षड़यंत्र के तहत फंसाये जाने के भी कई सबूत मिल चुके हैं । उसके बावजूद भी उन्हें जमानत तक नहीं देना बड़ा आश्चर्य है!!!

जब कि साध्वी प्रज्ञा जी केंसर से पीड़ित हैं उनका चलना, फिरना, उठना, बैठना भी मुश्किल हो रहा है  फिर भी ईलाज के लिए जमानत तक नहीं देना कितना बड़ा अन्याय है।

स्वामी असीमानंद ने भी ईसाई धर्मान्तरण पर रोक लगाई थी इसलिए उनको टारगेट बनाकर जेल भेज दिया गया था ।


जॉइंट इंटेलीजेंस कमेटी के पूर्व प्रमुख और पूर्व उपराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉ. एस डी प्रधान ने देश में भगवा आतंक की थ्योरी को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। 

जिसमें उन्होंने बताया है कि साध्वी प्रज्ञा और स्वामी असीमानंद का ब्लास्ट में नाम ही नही था और ब्लास्ट पाकिस्तान द्वारा ही करवाया गया था । इसका पुख्ता सबूत होने पर भी चिंदमर ने राजनीतिक फायदे के लिए साध्वी प्रज्ञा और स्वामी असीमानन्द जैसे हिंदुत्व निष्ठों को जेल भेज दिया था।

ऐसे ही संत आसारामजी बापू को भी क्लीन चिट मिल चुकी है लेकिन उनको भी अभीतक जमानत तक नही मिल पा रही है ऐसे ही श्री धनंजय देसाई को भी बिना सबूत जेल में रखा हुआ है ।

हिंदुत्ववादी सरकार आने पर भी इन हिंदुत्वनिष्ठों को जमानत तक नही मिलना और खूंखार आतंकी टुंडा जैसे आतंकवादी को बरी करना ।

कितना बड़ा आश्चर्य है..!!!

तरुण तेजपाल, सलमान खान, लालू प्रसाद यादव आदि अपराध सिद्ध होने पर भी बरी हो जाते हैं तो इन निर्दोष हिन्दुत्वनिष्ठों को जमानत क्यों नही मिल रही है...???

आखिर निर्दोष हिन्दू संतों को कब मिलेगा न्याय..???

"क्या देर से न्याय मिलना अन्याय का ही रूप नहीं ?"

सोचो हिन्दू !!!

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