सुप्रीम कोर्ट ने दैनिक भास्कर को लगाई जमकर फटकार...!!!
4 अक्टूबर 2016...
नई दिल्ली : मंगलवार को देश की सर्वोत्तम न्यायालय में #मजीठिया_वेज_बोर्ड मामले की सुनवाई के दौरान #दैनिक_भास्कर_समूह को सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट उमेश शर्मा ने जमकर घेरा ।
उन्होंने कोर्ट में विस्तार से बताया कि एक #हजार #करोड़ से ज्यादा #टर्न_ओवर की भास्कर कंपनी ने आज तक किसी भी वेज बोर्ड का पालन नहीं किया, चाहे वो पालेकर #वेज_बोर्ड हो, बछावत हो, मणिसाना वेज बोर्ड हो या फिर मजीठिया वेज बोर्ड।
Jago Hindustani - सुप्रीम कोर्ट ने दैनिक भास्कर को लगाई जमकर फटकार |
दरअसल यहाँ #सुप्रीम_कोर्ट में सीनियर एडवोकेट उमेश शर्मा देश भर के पत्रकारों की मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ रहे है ।
जहाँ उन्होंने दैनिक भास्कर की सच्चाई उजागर करते हुए बताया कि, 'देश भर में दस से ज्यादा राज्यों में इसके तमाम संस्करण हैं लेकिन सबसे ज्यादा #शोषण भी यही करते हैं । जो वेज बोर्ड की मांग करता है उसका निलंबन या स्थानांतरण कर दिया जाता है ।'
इतनी जानकारियाँ पाने के बाद इस मामले की सुनवाई कर रहे #न्यायाधीश रंजन गोगोई ने भी आश्चर्य व्यक्त किया है ।
माना जा रहा है कि जिस तरह सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाकर दैनिक जागरण के मालिकों #महेंद्र_मोहन गुप्ता और संजय गुप्ता को अगली सुनवाई में तलब कर लिया है, सुप्रीम का उससे भी अधिक कड़ा रुख #दैनिक_भास्कर के मालिकों चेयरमैन #रमेश_चंद्र_अग्रवाल और मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर अग्रवाल पर है ।
अगली सुनवाई में #सुप्रीम_कोर्ट के सामने आने के लिए भास्कर के मालिकों को आदेश जारी हो सकता है।
वैसे आपको बता दें कि अपने घमंड में चूर दैनिक भास्कर के #मालिकों को अगर #सुप्रीम कोर्ट ने बुला लिया और दो चार मालिकों को जेल में डाल दिया तो तय मानिये कि देश भर के #अखबार मालिकों को मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ अपने कर्मचारियों को देना ही पड़ेगा।
हजारों मीडिया कर्मियों को खून के आंसू रुलाने वाले दैनिक जागरण के गुप्ताज को भी #उच्चतम #न्यायालय ने सबक सिखाने का मूड बना लिया है ।
देरी से लेकिन सही कदम...
मजीठिया वेज बोर्ड क्या है?
मजीठिया वेज बोर्ड #समाचार पत्रों में काम कर रहे पत्रकारों , गैर #पत्रकारों के लिए #केंद्र_सरकार की ओर से हर दस वर्ष में गठित किया जाने वाला वेतन आयोग है ।
मजीठिया वेज बोर्ड #समाचार पत्रों में काम कर रहे पत्रकारों , गैर #पत्रकारों के लिए #केंद्र_सरकार की ओर से हर दस वर्ष में गठित किया जाने वाला वेतन आयोग है ।
सूत्रों के मुताबिक भास्कर ने कम्पनी में काम करने वाले कई कर्मचारियों से हस्ताक्षर करवा लिया है कि #भास्कर हमें पूरा वेतन दे रहा है पर उनको पूरा वेतन नही देने के कारण कई #कर्मचारियों ने कोर्ट में केस किया है ।
ऐसे #धोखाधड़ी करने वाले #अखबार के #मालिकों को तुरन्त जेल भेज देना चाहिए जिससे काम करने वाले #कर्मचारियों को अपनी पसीने की कमाई का सही से हक मिल पाये ।
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