Wednesday, October 12, 2016

ज्युडीशियल टेररिज्म से भारत की जनता परेशान : जस्टिस शेठना

🚩#ज्युडीशियल टेररिज्म से भारत की जनता परेशान : #जस्टिस शेठना
🚩#अहमदाबाद : #आतंकवादी गतिविधियों का भोग बनने वाले #सुरक्षाकर्मी और आम नागरिको को #न्याय दिलाने के लिए #''Justice for Victims of Terrorism'' (An NGO) का #अहमदाबाद में रविवार को #श्री डी.जी. वंजारा जी तथा उनके साथी अफसरोँ द्वारा भव्य उद्घाटन किया गया।
🚩उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुये राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य #न्यायाधीश जस्टिस बी.जे. शेठना जी ने कहा कि देश में ज्युडीशियल टेररिज्म भी है, जिससे आम लोग परेशान हो रहे हैं।
🚩आईबी के पूर्व स्पेशल #डायरेक्टर राजेन्द्र कुमार के बयानों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से 2014 के दौरान #आतंकवादियों के विरुद्ध लड़ाई लड़ने वाले गुजरात पुलिस के अधिकारियों के साथ जो हुआ वो दु:खद है ।
Jago Hindustani - ज्युडीशियल टेररिज्म से भारत की जनता परेशान : जस्टिस शेठना
🚩कहीं न कहीं वर्ष 1995 और उसके बाद इन अधिकारियों के साथ जो हुआ उस दौरान न्यायतंत्र की स्वतंत्रता और सिद्धांत भुला दिये गए से लगते हैं।
🚩उन्होंने आगे कहा कि #आतंकवाद के विरुद्ध लड़ने वाले पुलिस अफसरों को जेल में रहना पड़ा । उस समय एक कोर्ट ने कहा था कि इनके विरुद्ध #प्रथमदृष्टया सबूत हैं फिर बाद में दूसरी कोर्ट ने इन्हें जमानत पर छोड़ दिया !
🚩फिर सवाल उठता है कि कौन सी #कोर्ट सही थी ?
🚩उन्होंने कहा कि अफसरों ने जो #इतने साल जेल में बिताए उसका मुआवजा कौन देगा ???
🚩#जस्टिस शेठना ने जजों की नियुक्ति वाले कॉलेजियम को लेकर छिड़े विवाद पर कहा कि इसमें भी भांग बटाई चल रही है, जिसके चलते# ज्युडीशियल आतंकवाद से आम जनता परेशान हो रही है।
🚩 #दो साल पहले जहां 40 फीसदी #जजों के पद रिक्त थे, वो बढ़कर #60 फीसदी हो गए हैं। लोगों को त्वरित# न्याय नहीं मिल पा रहा है। #कई मामलों में तो आरोपी 14 साल की सजा काट कर बाहर आ जाता है तब सुनवाई होती है और वो निर्दोष छूट जाता है।
🚩#आई.बी के पूर्व निदेशक ने सीबीआई के पूर्व निदेशक पर लगाए #गंभीर आरोप !!
🚩इशरत जहां मुठभेड़ मामले में #सीबीआई की जांच में आरोपों का सामना करने वाले #इंटेलीजेंस ब्यूरो के पूर्व निदेशक राजेन्द्र कुमार ने सीबीआई के पूर्व निदेशक रंजीत सिन्हा पर गंभीर आरोप लगाये कि #उन्होंने गुजरात के एक राजनेता के साथ मिलकर मुठभेड़ करने वाले गुजरात के पुलिस अधिकारियों व #इसका इंटेलीजेंस इनपुट देने के चलते उनके विरुद्ध साजिश रची। कईयों को झूठे सबूत बनाकर जेल भिजवाया।
🚩#नई सरकार के बनने के ढाई साल बाद भी सिन्हा पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है ।
🚩#2G और कोलगेट में भी गुजरात के नेता को बचाया। ऐसे नेता और अफसरों के चलते पुलिस के अधिकारियों का मनोबल टूटा है।
🚩# उन्होंने कहा कि आतंकवाद पीड़ितों को शहीद मानते हुए उनके परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद, 25 हजार की मासिक पेंशन और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देनी चाहिए। 
🚩ऐसे तो कई उदाहरण है जो# ज्युडीशियल टेररिज्म का शिकार हुए है ।
🚩#जैसे कि साध्वी प्रज्ञा को 9 साल से जेल में रखा है । अभी तक एक भी आरोप सिद्ध नही हुआ है । #NIA से क्लीन चिट भी मिल गई लेकिन कोर्ट से उनको जमानत तक नही मिल पा रही है ।
🚩ऐसे ही #बापू आशारामजी जेल में हैं जो कि फास्ट ट्रेक पर सुनवाई हो रही है,#फिर भी 3 साल से अभी तक एक भी सबूत उनके विरुद्ध मिल नही पाया है# और जिस लड़की ने आरोप लगाया है उसकी मेडिकल जाँच में #एक खरोंच तक नही आयी है ।
🚩#जोधपुर के डीसीपी अजय लाम्बा ने भी बताया कि बलात्कार की कोई भी धारा नही लगी है और न ही मेडिकल में पुष्टि हुई है । केवल छेड़छाड़ का आरोप लगाया है ।
🚩#लड़की की कॉल डिटेल्स से भी पता चला है कि जो समय लड़की बता रही है उस समय वो खुद किसी से फोन पर बात कर रही थी ।
और #उस समय बापू आशारामजी भी एक कार्यक्रम में व्यस्त थे ।
🚩#लड़की घटना जोधपुर(राजस्थान) की बताती है, पढ़ती थी छिंदवाड़ा(मध्यप्रदेश) में, रहने वाली शाहजहापुर(ऊत्तर प्रदेश) की
और FIR करवाती है दिल्ली में , #वो भी घटना के 5 दिन बाद रात को ढाई बजे ।
🚩#इससे पता चलता है कि कितनी प्लानिंग से सब काम हुआ #हिन्दू संत को फंसाने का !
🚩#ऐसे ही स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित, श्री नारायण साईं,  स्वामी अमृतानन्द, दारा सिंह, धनंजय देसाई को #बिना सबूत जेल में रखा गया है ।
🚩#देश में हिरासत में 9000 से ज्यादा मौतें होती हैं । 2.78 लाख विचाराधीन कैदी हैं । इनमें से कई ऐसे हैं जो उस अपराध के लिए मुकर्रर सजा से ज्यादा समय जेल में बिता चुके हैं।
🚩#दोषियों को तुंरन्त जमानत मिल जाती है लेकिन जो निर्दोष है, जिन पर एक भी अपराध सिद्ध नही हुआ है तो भी सालों से जेल में पड़े हैं ।
🚩#न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार से रूबरू होने पर हकीकत का पता चलता है।
🚩एहसास होता है कि# न्याय की सीढ़ियां चढ़ने के लिए पग-पग पर पैसों का सहारा जरूरी है।
🚩 इस #चक्रव्यूह में फँस कर इंसाफ पाने की उम्मीद अक्सर चकनाचूर हो जाती है।
🚩#अगर कानून सबके लिए समान है तो उसका पैमाना एक समान क्यों नहीं..???
🚩#कानून और उसकी सजा सबके लिए एक जैसी होने की बात कही जाती है लेकिन क्या ऐसा होता है...???
🚩 #क्या ऐसे पक्षपाती कानून से हमलोग का भला हो पायेगा..???
🚩# विचार कीजिए !!!
🚩#डी.जी.वंजारा जी, जिन्होंने #NGO's  "जस्टिस फॉर विक्टिम्स ऑफ टेररिज्म" (जेवीटी)  बनाया ।
जिसका उद्देश्य ये है कि आज कोई आतंकवादी पकड़ा जाता है तो उसको बचाने के लिए #देशद्रोही लोग खड़े हो जाते है और आधी रात को कोर्ट खुलवाकर भी बहस होती है लेकिन #एक निर्दोष पकड़ा जाता है #उसको बचाने के लिए कोई नही आता है इसलिए वंजारा जी ने इस NGO's का #श्री गणेश किया है ।
🚩अभी  हम सभी हिंदुस्तानियों को #जागृत होकर वंजारा जी के साथ मिलकर #अन्याय भरे कानून का विरोध करना होगा जिससे सभी देशवासियों को समान रूप से न्याय मिल सके ।
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