Friday, February 11, 2022

कोरोना से बचने में मदद करता है- पीपल के दो पत्तों का सेवन

21 अप्रैल 2021

azaadbharat.org


भारतीय संस्कृति इतनी महान है कि इसका वर्णन करना किसी के बस की बात नहीं है और अगर आज हम उसका पालन करते तो कोरोना जैसी महामारी से आसानी से बच जाते। पहले हम पानी नहीं बेचते थे तब कोई बोलता कि पानी भी बिकेगा तब मजाक समझते थे; आज ऑक्सीजन भी बिकने लगा जबकि यह कुदरत ने हमें मुफ्त दिया है लेकिन आज हम इनका इतना दुरुपयोग कर रहे हैं कि पानी व ऑक्सीजन की कमी पड़ रही है। पहले के जमाने में पीपल, तुलसी, बरगद, नीम व बेल आदि के इतने पेड़ होते थे कि भरपूर ऑक्सीजन रहता था व उसके शुद्ध हवा से हम स्वस्थ रहते थे, क्योंकि भोजन तो हम दिन में 1-2 किलो ग्रहण करते हैं पर हवा हम 13 किलो ग्रहण करते हैं; तो जितनी शुद्ध हवा होती है उतना ही व्यक्ति स्वस्थ रहता है। आज फिर से समय आ गया है कि पीपल, तुलसी, नीम आदि के पेड़ चारों तरफ लगाये जायें।



पीपल के पत्तों की महत्ता...


कोरोना की वर्तमान स्थिति में आयुर्वेद से जुड़े सलाहकार रोगियों को शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए नए सुझावों का उपयोग करने के लिए कह रहे हैं। पूरे देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। फिर लोग घर पर रहते हैं और कोरोना से बचने के लिए घरेलू नुस्खों का उपयोग करते हैं। अगर आप भी इन टिप्स का इस्तेमाल करेंगे तो आपकी सेहत बेहतर रहेगी। आयुर्वेद के अनुसार हर दिन दो पीपल के पत्तों का सेवन करने से शरीर का ऑक्सीजन स्तर बढ़ेगा।


पीपल के पत्तों में नमी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, फाइबर, कैल्शियम, आर्सेनिक, तांबा और मैग्नीशियम जैसे तत्व होते हैं। यह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। यदि आप फेफड़ों में सूजन और तनाव महसूस करते हैं, सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द के साथ खांसी है तो प्रतिदिन पीपल पत्ती का सेवन करने से इन सभी में आपको आराम मिलेगा। 



पीपल के पत्तों से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 


यदि आपकी रोगप्रतिकारक शक्ति कोरोना महामारी की अवधि के दौरान अच्छी है, तो यह आपको कोरोना के खिलाफ सुरक्षा प्राप्त करने में मदद करेगा। गिलोय को पीपल के पत्तों के साथ मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करना चाहिए। इससे शरीर में रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है।



बहुत अधिक शराब पीने से आपके लीवर पर असर पड़ सकता है। ऐसे समय में लीवर को स्वस्थ रखने के लिए पीपल का सेवन करना आवश्यक है ताकि लीवर को नुकसान न पहुंच सके। डॉक्टर लीवर की बीमारी वाले लोगों को हर दिन पीपल के पत्ते लेने की सलाह देते हैं। 


अगर आपको कफ की समस्या है तो टेंशन लेने की आवश्यकता नहीं है, पीपल की पत्तियां आपके लिए अच्छा विकल्प हैं; जिससे कि आपको जल्द ही कफ से राहत मिलेगी। पीपल के पत्तों का सूप बनाकर पीने से कफ नष्ट होता है ।

https://www.akilanews.com/Gujarat_news/Detail/17-04-2021/164395


पीपल का वृक्ष दमानाशक, हृदयपोषक, ऋण-आयनों का खजाना, रोगनाशक, आह्लाद व मानसिक प्रसन्नता का खजाना तथा रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ानेवाला है। बुद्धू बालकों तथा हताश-निराश लोगों को भी पीपल के स्पर्श एवं उसकी छाया में बैठने से अमिट स्वास्थ्य-लाभ व पुण्य-लाभ होता है। पीपल की जितनी महिमा गाएं, उतनी कम है।


मनुष्य सोचता था कि हमारा ही अधिकार है- पृथ्वी पर और जल तथा वायु को प्रदूषित कर दिया, इसका परिणाम खुद मनुष्य ही भुगत रहा है। कई शहरों में हवा जहरीली हो गई, ऑक्सीजन की कमी पड़ रही है।


सबसे पहले हमें स्वदेशी पारम्परिक जड़ी बूटियों की पहचान करनी होगी और तुलसी, पीपल, नीम, गिलोय आदि कुदरती वृक्षों और पौधों को लगाना होगा और उसकी औषधियां लगानी होगी जिससे हमारे देश में आ रही अरबों-खरबों रुपयों की दवाई आनी बंद होगी और हमारी दवाइयां विदेशों में निर्यात होंगी। इससे आमदनी बढ़ेगी जिससे देश आत्मनिर्भर बनेगा और कोरोना जैसी महामारी से बचा जा सकेगा।


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