06 September 2018
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Gay sex is not crime? Know how terrible it is to harm. |
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शादी दो इंसानों के बीच का संबंध है, जिसे समाज द्वारा जोड़ा जाता है और उसे प्रकृति के नियमों के साथ आगे चलाया जाता है । समाज में शादी का उद्देश्य शारीरिक संबंध बनाकर मानव श्रृखंला को चलाना है । यहीं नेचर का नियम है । जो सदियों से चलता आ रहा है, लेकिन समलैंगिक शादियां मानव श्रृंखला के इस नियम को बाधित करती है ।
सामान्यतः बच्चों का भविष्य मां-बाप के संरक्षण में पलता है । समलैगिंक विवाह की स्थिति में बच्चों का विकास प्रभावित होता है । वो या तो मां का प्यार पाते हैं या पिता का सहारा । मां-बाप का प्यार उन्हें एक -साथ नहीं मिल पाता जो उनके विकास को प्रभावित करता है । संडे टेलिग्राफ' अखबार के मुताबिक समलैंगिक शादी उस मूलभूत विचार को बिल्कुल खत्म कर देगा कि हर बच्चे को मां और बाप दोनों चाहिए ।
एक ही सेक्स में विवाह की कानूनी मान्यता जरूरी है । ये शादियां समाज के नियम के साथ-साथ पारंपरिक शादियों को नुकसान पहुंचाती है । लोगों के सोचने के नजरिए को प्रभावित करती है । बुनियादी नैतिक मूल्यों , पारंपरिक शादी के अवमूल्यन, और सार्वजनिक नैतिकता को कमजोर करता है ।
समलैंगिक कार्यकर्ताओं को एक ही सेक्स में शादी करने का मुद्दा 1960 के दशक में नस्लीय समानता के लिए संघर्ष का मुद्दा बन गया था । एक औरत और एक मर्द के बीच उनके रुप-रंग, लंबाई-चौड़ाई को बिना ध्यान में रखे संबंध बनाया जा सकता है, लेकिन एक ही सेक्स में शादी प्रकृति का विरोध करता है । एक ही लिंग के दो व्यक्तियों, चाहे उनकी जाति का, धन, कद अलग हो संभव नहीं होता ।
प्रकृतिक शादियों में महिलाएं बच्चे को जन्म देती हैं, लेकिन समलैंगिक शादियों में दंपत्ति प्रकृतिक तौर पर बांझपन का शिकार होता है ।
एक ही लिंग की शादियों में दंपत्ति बच्चा पैदा करने में प्रकृतिक तौर पर असमर्थ होता है । ऐसे में वो सेरोगेसी या किराए की कोख का इस्तेमाल कर अपनी मुराद को पूरा करना का प्रयास करता है । समलैंगिक विवाह के कारण सेरोगेसी के बाजार को बढ़ावा मिलता है ।
यह सबसे महत्वपूर्ण कारण है । यह शादी भगवान द्वारा स्थापित प्राकृतिक नैतिक आदेश का उल्लंघन करती है और भगवान नाराज होते हैं ।
समलैंगिक शादियां समाज पर अपनी स्वीकृति के लिए दबाव डालती है । कानूनी मान्यता के कारण समाज को जबरन इन शादियों को मंजूर करना ही होता है । जिन देशों में समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता मिल चुकी है, उन देशों में समलैंगिक शादियों से पैदा हुए बच्चों को शिक्षा देनी ही होती है । अगर कोई व्यक्ति या अधिकारी इसका विरोध करता है तो उसे विरोध का सामना करना पड़ता है ।
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